स्‍तन में गांठ होने की स्थिति में ब्रेस्‍ट में असामान्‍य रूप से ऊतकों का विकास होने लगता है। इस गांठ में किसी महिला को दर्द भी महसूस हो सकता है या फिर ये दर्दरहित भी हो सकती है। ये गांठ सख्‍त, मुलायम, कैंसरकारी या गैर-कैंसरकारी हो सकती है।

स्‍तन में गांठ होने का पता चलने पर आपको ज्‍यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, चिकित्‍सक की मदद के बिना आप इस गांठ का पता नहीं लगा सकते हैं। इसलिए अगर आपको अपने स्‍तन में गांठ महसूस हो रही है तो बिना कोई देरी किए तुरंत चिकित्‍सक से संपर्क करें।

ब्रेस्‍ट में गांठ को नज़रअंदाज न करें क्‍योंकि इसके फैलने का भी खतरा रहता है और इसकी वजह से आपको असहजता भी महसूस हो सकती है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इसके कारण गंभीर समस्‍याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में ब्रेस्‍ट तक निकलवानी पड़ती है इसलिए समय पर स्‍तन में गांठ का इलाज करवाना जरूरी है। 

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  7. ब्रेस्ट (स्तन) में गांठ का उपचार - Treatment for breast lumps in Hindi

हालांकि, अधिकतर स्तन गांठ कैंसरमुक्त होती हैं लेकिन कुछ से कैंसर का खतरा भी होता है। तो आइये जानते हैं कौन सी गांठ कैंसरमुक्त होती हैं:

  • स्तन सिस्ट (Breast cysts): 
    अल्सर आकार में बहुत छोटे होते हैं इतने कि केवल अल्ट्रासाउंड स्कैन पर ही दिखाई दे सकते हैं। बड़े अल्सर अन्य ऊतकों पर दबाव डाल सकते हैं और यह असहज भी हो जाते हैं।
     
  • स्तन में फोड़े (Abscesses): 
    स्तन में फोड़े बैक्टीरिया के कारण होते हैं और आस-पास की त्वचा लाल हो जाती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तन में फोड़े विकसित होने की अधिक संभावना रहती है। (और पढ़ें - स्तनपान के दौरान हो रहे दर्द और सूजन का एक अनोखा उपाय)
     
  • एडिनोमा (Adenoma): 
    एडिनोमा, स्तन की बाह्य त्वचा (एपिथीलियम) के ऊतकों में धीमे धीमे बढ़ने वाला ट्यूमर होता है।
     
  • इंट्राडक्टल पेपिलोमा (Intraductal papillomas): 
    इंट्राडक्टल पेपिलोमा मस्से जैसी (wart like) वृद्धि होती है जो स्तन नलिकाओं में विकसित होती हैं। ये निपल के नीचे विकसित होती हैं और कभी-कभी इनमें से रक्त भी निकलता है। युवा महिलाओं में ये संख्या में अधिक होते हैं जबकि रजोनिवृत्ति होने वाली महिलाओं में आमतौर पर सिर्फ एक ही होती है।
     
  • लिपोमा और फैट नेक्रोसिस (Lipoma and Fat necrosis): 
    जब स्तन में वसा ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या टूट जाते हैं तब फैट नेक्रोसिस होता है। लिपोमा एक प्रकार की कोमल, कैंसर-मुक्त गांठ है जो आम तौर पर गतिशील और दर्द रहित होती है।
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ब्रेस्ट कैंसर की गांठ या ट्यूमर के कारण असहज महसूस होता है इसका कोई निश्चित आकार नहीं होता है। ब्रेस्ट कैंसर में आम तौर पर दर्द नहीं होता है, खासकर प्रारंभिक अवस्था में। यह स्तन या निपल के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है।

कुछ हानिकारक ट्यूमर दर्दनाक होते हैं। ऐसा तब हो सकता है जब वे अधिक बड़े होते हैं या त्वचा में अल्सर के कारण बढ़ते हैं। 

(और पढ़ें - ब्रेस्ट में दर्द के कारण)

महिलाओं के लिए उनके शरीर और स्तनों से परिचित होना जरुरी होता है। यह जानकारी कि सामान्यतः स्तन कैसे महसूस होते हैं, किसी भी परिवर्तन या गांठ को पहचानने में मदद कर सकती है।

आप निम्नलिखित दिशानिर्देशों को अपनाकर हर महीने स्वयं अपने स्तनों का परीक्षण कर सकती हैं :

  1. अपने स्तनों का आकार, आकृति और रंग की जांच करें और सूजन या गांठ का परीक्षण करें।
  2. अपना हाथ उठाकर पहला चरण दोहराएं।
  3. निपल्स से किसी भी प्रकार के स्रावण (Discharge) की जाँच करें। यह दूधिया, पीला या रक्त के रूप में निकल सकता है।
  4. जब आप पीठ या पेट के बल लेटती हैं तो आपको स्तन में कोमलता का एहसास होना चाहिए।

हालांकि अधिकांश स्तन गांठ चिंता का विषय नहीं होती हैं लेकिन असहजता का अनुभव होने पर डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।

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हालांकि ज्यादातर स्तन गांठ कैंसरमुक्त होती हैं, लेकिन आपको निम्न परिस्थितियों में अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए -

  1. यदि आपको किसी प्रकार की गांठ महसूस हो रही है।
  2. अगर माहवारी के बाद गांठ दूर नहीं हुई है।
  3. यदि गांठ बड़ी या परिवर्तित हो रही है।
  4. यदि बिना किसी कारण स्तन में चोट लग जाये।
  5. अगर स्तन की त्वचा लाल हो रही है।
  6. यदि आपके निपल्स से रक्त स्राव हो रहा हो।

आपके स्तन में गांठ के लिए कई संभावित कारण हो सकते हैं जैसे:

  1. स्तन अल्सर (Breast cysts)
  2. दुग्ध अल्सर (Milk cysts), यह स्तनपान के दौरान फाइब्रोसिस्टिक स्तनों के कारण हो सकता है। इस स्थिति में स्तनों में गांठ और दर्द का अनुभव होता है।
  3. फाइब्रोएडीनोमा (Fibroadenoma), यह कैंसरमुक्त गांठें होती हैं जो स्तन ऊतकों के भीतर गतिशील होती हैं और कभी-कभी कैंसर का कारण भी बनती हैं।
  4. हमार्टोमा (Hamartoma), यह ट्यूमर के समान होता है।
  5. इंट्राडक्टल पेपिलोमा (Intraductal papilloma)
  6. लिपोमा (Lipoma)
  7. मैस्टाइटिस (Mastitis) या स्तन में सूजन
  8. ब्रेस्ट में चोट
  9. ब्रेस्ट कैंसर

जब आप अपने स्तन में गांठ के सन्दर्भ में डॉक्टर से बात करती हैं तो वे आपसे इसके महसूस होने का समय और लक्षण पूछ सकते हैं और हो सकता है कि वे स्तनों का शारीरिक परीक्षण भी करें।

यदि उन्हें गांठ का कोई उचित कारण समझ नहीं आ रहा है तो वो आपको अतिरिक्त जांच करवाने के निर्देश दे सकते हैं जैसे -

  • मैमोग्राम: 
    मैमोग्राम में एक विशेष प्रकार की मशीन का उपयोग किया जाता है, जिसके द्वारा ऊर्जा किरणों और एक्स रे की सहायता से स्तन में गांठ का पता लगाया जाता है।
     
  • अल्ट्रासाउंड: 
    अल्ट्रासाउंड में हमारे शरीर के अंदर की मांसपेशियों और विभिन्न भागों को देखने के लिए ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
     
  • एमआरआई: 
    एमआरआई में शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों और कंप्यूटर के माध्यम से शरीर की तस्वीर ले कर परीक्षण किया जाता है।
     
  • बायोप्सी: 
    बायोप्सी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आपके शरीर से कोशिका या ऊतक का नमूना निकाल कर जांच की जाती है। यह एकमात्र ऐसा परीक्षण होता है जो निश्चित रूप बता सकता है कि संदेहास्पद भाग में कैंसर है या नहीं।
     
  • फाइन नीडल एस्पिरेशन (Fine needle aspiration): 
    इसमें एक सुई की सहायता से स्तन में भरे हुए द्रव (fluid) को हटाया जाता है। ऐसा करने से कैंसरमुक्त गांठें नष्ट हो जाती हैं। यदि द्रव में खून आता है तो यह पता लगाने के लिए कि कहीं ये कैंसरजनक तो नहीं है, प्रयोगशाला में इसके नमूने का विश्लेषण किया जाता है।
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आपके डॉक्टर पहले ब्रेस्ट में गांठ के कारण पूछेंगे क्योंकि सभी स्तन गांठों में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

यदि आपको स्तन संक्रमण है तो डॉक्टर आपको इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव देंगे। यदि आपके ब्रेस्ट में सिस्ट है तो इसे तरल पदार्थों (दवाओं) के माध्यम से निकाला जा सकता है। कुछ मामलों में, अल्सर (सिस्ट) का इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है, वे अपने आप गायब हो जाते हैं।

यदि स्तन गांठ को ब्रेस्ट कैंसर पाया जाता है तो इसके निम्न उपचार हो सकते हैं :

  • लम्पेक्टॉमी (Lumpectomy): 
    यह ब्रेस्ट की गांठ सर्जरी के माध्यम से निकालने की प्रक्रिया है। जब कैंसर उपस्थित तो होता है लेकिन अन्य भागों में नहीं फ़ैल पाता तब यह सर्जरी की जाती है।
     
  • मास्टेक्टोमी (Mastectomy): 
    इसमें ऑपरेशन की सहायता से आपके स्तन ऊतकों को निकाला जाता है। (और पढ़ें - ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी)
     
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy): 
    कीमोथेरपी में कैंसर से लड़ने या नष्ट करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
     
  • विकिरण थेरेपी (Radiation therapy): 
    रेडिएशन में कैंसर से लड़ने के लिए रेडियोधर्मी किरणों का उपयोग करते हैं। स्तन कैंसर का इलाज, इसके प्रकार, ट्यूमर के आकार और स्थिति पर निर्भर करता है।

ब्रेस्ट में गांठ के अन्य कारण भी होते हैं जिन्हें किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। अगर चोट लगने के कारण आपके स्तन में गांठ होती है तो डॉक्टर समय के साथ इसे ठीक होने देने की सलाह देते हैं।

कुछ प्रकार की गांठों, जैसे फाइब्रोएडीनोमा, का कई मामलों में इलाज कराने की आवश्यकता नहीं होती है। इसीलिए यदि आपको ब्रेस्ट में गांठ का अनुभव हो तो आप डॉक्टर से सलाह लें। उसका उपचार डॉक्टर की ही सलाह पर निर्भर करेगा।

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