कीटो डाइट के फ़ायदे निम्म हैं -
1. वजन घटाने में -
कीटो डाइट लेने से हमारा शरीर फैट को उर्जा के रूप में इस्तेमाल करने लगता है। साथ ही ये वजन कम करने में भी मदद करता है। इस डाइट के लेने से हमारे शरीर का फैट बर्न होने लगता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बहुत कम हो जाता है।
रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में -
किटो डाइट में आप जिस तरह के फूड्स खाते हैं, उससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है। अध्ययनों के मुताबिक कम-कैलोरी वाले डाइट की तुलना में डायबिटीज से बचाने में कीटोजेनिक डाइट अधिक प्रभावी है।
यदि आप डायबिटीज के प्राथमिक चरण में हैं या टाइप-2 डायबिटीज से ग्रसित हैं, तो आपको गंभीरता से केटोजेनिक आहार को अपनाना चाहिए। ऐसे कितने ही पाठक हैं, जिन लोगों नें कीटो डाइट के माध्यम से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया है।
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2. मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में -
कई लोग मानसिक प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए कीटो डाइट अपनाते हैं। कीटो डाइट मस्तिष्क के उर्जा का एक बड़ा स्त्रोत है। जब आप कार्बोहाइड्रेट कम मात्रा में लेते हैं, तो ब्लड शुगर में बड़े कीलों से बच जाते हैं। ये दोनों मिल कर आपके दिमाग़ की फोकस और एकग्रता को बढ़ाते हैं। अध्ययन बताते हैं कि फैटी एसिड अधिक मात्रा में लेने से हमारा मस्तिष्क अधिक सक्रिय हो जाता है।
उर्जा का स्तर बढ़ाने में और भूख को नियंत्रित करने में -
कीटो डाइट से हमारे शरीर को उर्जा का एक बेहतर स्त्रोत मिलता है, जिससे आप दिन में अधिक उर्जावान महसूस करते है। साथ ही उर्जा के रूप में, फैट का अधिक से अधिक इस्तेमाल होता है।
3. मिर्गी के इलाज में -
सन् 1900 से मिर्गी के इलाज में केटोनिक डाइट का सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है और आज भी मिर्गी से बहुत अधिक पीड़ित बच्चों को, इसके उपचार के लिए इस डाइट को दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि इसमें बहुत कम खर्च होता है और मिर्गी को नियंत्रित करने में बहुत असरदार है।
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4. कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेसर नियंत्रित करने में -
कीटो डाइट, ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो धमनियों के लिए फ़ायदेमंद होते हैं। कर्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और हाई-फैट डाइट, ख़राब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करने में और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बढ़ाने में अधिक मदद करता है, लो-फैट डाइट की तुलना में।
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5. इंसुलिन को रोकने में -
इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से टाइप-2 डायबिटीज हो सकता है, यदि इसको सही तरीक़े से नियंत्रित न किया जाये तो। ऐसे कई शोध हैं, जो बताते हैं कि कम कर्बोहाड्रेट और कीटोजनिक डाइट इंसुलिन के स्तर को कम करने में और इसके स्तर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
6. मुंहासों से छुटकारा दिलाने में -
कीटो डाइट लेने से आपकी त्वचा में अपने आप सुधार होने लगता है।
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एक अध्ययन के मुताबिक कम कार्बोहाइड्रेट वाले डाइट के दौरान घाव और त्वचा के सूजन में सुधार पाया गया। वहीं दूसरे तरफ एक अध्ययन में, अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले डाइट से मुंहासों में बढ़ोतरी देखा गया।
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