बॉडी में ज्यादा फैट होना अच्छा नहीं होता है, खासतौर पर बेली फैट को खराब माना जाता है। जब भी कोई वेट लॉस की सोचता है, तो उसका सबसे पहले फोकस बेली फैट यानि पेट की चर्बी को कम करने पर जाता है। पेट पर जमा चर्बी सेहत के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक होती है।
ज्यादातर लोगों की स्किन के ठीक नीचे वाली परत पर 90 पर्सेंट फैट होता है। ये फैट नरम महसूस होता है और इसे घटाना बाकी की तुलना में आसान होता है। बाकी का बचा 10 पर्सेंट बॉडी फैट होता है और आपकी पहुंच से बाहर होता है। इस तरह के फैट को विस्केरल फैट कहते हैं और ये पेट और लीवर के बीच की जगह और आंतों के सामने होता है।
1990 से पहले माना जाता था कि जब शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है, जब डिपॉजिट किया गया फैट इस्तेमाल होता है लेकिन 1990 में इंटरनेशनल साइंटिफिक कम्यूनिटी ने बताया कि फैट कोशिकाएं एंडोक्राइन अंगों की तरह काम करती हैं। इसका मतलब है कि ये अन्य अणु और हार्मोंस बनाती हैं जो शरीर पर दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं।
अब यह सामने आ चुका है कि विस्केरल फैट डिपॉजिट रक्त वाहिकाओं और लीवर में फ्री फैटी एसिडों को रिलीज कर कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है बल्कि साइटोकिन और एंजियोटेंसिन के उत्पादन को भी ट्रिगर करता है। साइटोकिंस और एंजियोटेंसिन पेप्टाइड्स के हाई लेवल की वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं जिसमें हाई बीपी, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और दीर्घकालिक बीमारियां शामिल हैं।
इसलिए बेली फैट को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है और आपको इसे कम करने के लिए हर तरीका अपनाना चाहिए। डाइट को ठीक किए बिना बेली फैट को कम करना नामुमकिन है। यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स और खानपान से जुड़ी आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो बेली फैट को कम करने में मदद करते हैं।