आकाश के लिए सिर्फ एब्स बनाना ही काफी नहीं था। आकाश ने अपने भाई और ट्रेनर राज सिंह से प्रेरित होकर अपने पतले शरीर को डील-डौल वाला बनाने का फैसला लिया।
(और पढ़ें - मोटा होने के उपाय)
आइये आपको बताते हैं कि कैसे आकाश ने अपना वजन बढ़ाया –
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आकाश के लिए सिर्फ एब्स बनाना ही काफी नहीं था। आकाश ने अपने भाई और ट्रेनर राज सिंह से प्रेरित होकर अपने पतले शरीर को डील-डौल वाला बनाने का फैसला लिया।
(और पढ़ें - मोटा होने के उपाय)
आइये आपको बताते हैं कि कैसे आकाश ने अपना वजन बढ़ाया –
मैं बहुत ज्यादा पतला था और दिखने में कुछ खास नहीं लगता था। लेकिन सभी की तरह अच्छा दिखने की चाह रखता था। मुझे अच्छे डील-डौल वाला शरीर बनाना था। मैं बहुत मेहनत करता था, अपने ट्रेनर द्वारा बताई गयी सभी चीजों का पालन करता था। मैं मोटा होने की बजाए मांसपेशियों को बढ़ाने पर ध्यान देता था। मैं बाहर का या तला खाना भी नहीं खाता था।
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नाश्ता 9 बजे - सात बिना जर्दी के अंडे, दो ब्राउन ब्रेड के टुकड़े और फलों का जूस।
स्नैक 10:30 बजे - केला या आम का शेक शहद के साथ।
दोपहर का खाना 1 बजे - दो से तीन रोटी पर मक्खन, एक कप सब्जियों की करी, एक से दो कप दाल, एक कटोरी सलाद। या फिर एक कप पके ब्राउन राइस, एक से दो कप सब्जियों की करी, एक कप दाल और एक कटोरी सलाद।
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स्नैक 4 बजे - छः अंडे की जर्दी और संतरा या कुछ बादाम व अखरोट या अंकुरित काले चने या दो कटोरीे सब्जी करी या ब्राउन ब्रेड के पांच टुकड़ों पर बटर लगा हुआ।
रात का खाना 6:45 बजे - चार रोटी के साथ बटर, एक से दो कप सब्जियों की करी, दाल या सलाद। या फिर एक से दो कप पके ब्राउन राइस बटर डला हुआ, सब्जियों की करी, दाल और सलाद।
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वर्कआउट से पहले 8:30 बजे - केले का शेक शहद डालकर।
वर्कआउट के बाद 10 बजे - मॉस गेनर और 250 ग्राम पनीर।
नोट - अपने ट्रेनर की सलाह लिए बिना, इस लेख में बताया गया कोई भी मॉस गेनर खुद से न लें।
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पहले दिन - कार्डियो (बारह मिनट), इंक्लाइन बेंच प्रेस, फ्लैट बेंच प्रेस और स्ट्रेट आर्म पुलोवर (चार सेट में 10-12 बार रिपीटिशन) करता था।
दूसरा दिन - कार्डियो (बारह मिनट), लेट पुल डाउन, सीटेड रोइंग, बेंट ओवर बार्बेल रो और बेंड आर्म पुलोवर (चार सेट में 10-12 बार रिपीटिशन) किया करता था।
तीसरे दिन - आराम करता था।
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चौथे दिन - कार्डियो (बारह मिनट), डंबल शोल्डर प्रेस और डंबल साइड लेटरल रेज (तीन सेट में 12-15 बार रिपीटिशन), फ्रंट डंबल रेज (चार सेट में 10-12 बार रिपीटिशन) और शग्स (तीन सेट में 20-25 रिपीटिशन) करता था।
पांचवे दिन - कार्डियो (दस मिनट), बारबल कर्ल्स, लाईंग ट्राइसेप कर्ल्स, प्रीचर कर्ल्स, ओवरहेड डंबल ट्राइसेप एक्सटेंशन (चार सेट में 8-10 रिपीटिशन), इंक्लाइन डंबल कर्ल्स और पुलि पुश डाउन (चार सेट में 12-15 बार रिपीटिशन) करता था।
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छठा दिन - कार्डियो (दस मिनट), फ्री स्क्वाट (चार सेट में 20-30 बार रिपीटिशन), लेग एक्सटेंशन (तीन सेट में 1-15 बार रिपीटिशन), वेटेड स्क्वाट्स (पांच सेट में 12-15 बार रिपीटिशन), स्टैंडिंग एंड सीटेड काव्स रेज (पांच सेट में 25-30 रिपीटिशन) करता था।
सातवें दिन – सातवें दिन में आराम करता था।
हम आशा करते हैं कि आपको आकाश की कहानी पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वेट गेन या वजन बढ़ाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।
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