सर्दियों में वजन बढ़ने की वजह क्या है? एक नयी रिसर्च से पता चला है की आपके फिट और स्लिम रहने के कई उपाय करने के बावजदूत क्यों सर्दियों में आपका वजन बढ़ता चला जाता है। ये सच है कि अन्य मौसम के मुकाबले में हम लोग छुट्टी के दिनों में अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाते हैं, लेकिन सर्दियों में वजन बढ़ने का ये कारण सच में आश्चर्यजनक है।
क्या आपको पता है कि सर्दियों में सूर्य की अनुपस्थिति की वजह से आपका वजन बढ़ता है? एक शोध में इस बात का खुलासा किया गया है। आइये बताएं आपको इसके बारे में -
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क्या पाया गया रिसर्च में?
वसा कोशिकाएं आपकी त्वचा के ठीक नीचे होती हैं, जो सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती हैं। कनाडा में अल्बर्टा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, जब ये वसा कोशिकाएं सूर्य से निकलने वाले नीले प्रकाश के संपर्क में आतेी हैं, तब ये सिकुड़ जाती हैं। इसका मतलब की सर्दियों में सूरज की रौशनी कम होना वजन बढ़ने का कारण बनता है।
इस अध्ययन के लेखक पीटर लाइट बताते हैं कि, "जब सूर्य के नीले प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelengths; प्रकाश की वो किरणें जिन्हे हम अपनी आंखों से देख सकते हैं) आपकी त्वचा के भीतर प्रवेश करके वसा कोशिकाओं तक पहुंचती है, तो ये कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इनसे वसा बाहर आ जाता है। इसका मतलब है कि सूर्य के प्रकाश से संपर्क में रहने पर आपकी कोशिकाएं बहुत अधिक मात्रा में वसा संग्रहित नहीं कर पाती हैं।"
आगे पीटर लाइट कहते हैं, "अगर इस खोज को पलट कर देखें तो, जो लोग उत्तरी यूरोप जैसी जगहों पर रहते हैं जहाँ उन्हें साल के 8 महीने पर्याप्त सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है, वह लोग सूर्य की अनुपस्थिति की वजह से ही अपने आप मोटे होते चले जाते हैं।"
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क्या लाभ है इस खोज का?
इस अध्ययन का मतलब है कि पतला होने के लिए आपको धूप में रहना चाहिए या मोटा होने के लिए धूप से बचना चाहिए।
अगर आप वजन कम करना चाह रहें है तो ज़रा सावधान रहिये - सूर्य की रौशनी को वजन कम के आसान तरीके के रूप में अभी इस्तेमाल न करें क्योंकि ये एक प्रारंभिक अध्ययन है। इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है कि ये उपाय सुरक्षित है। उदाहरण के लिए इस बात का पता नहीं चला है कि सूर्य के प्रकाश की कितनी तीव्रता की आवश्यता है और कितनी समय अवधि के लिए धुप में रहना चाहिए।
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हांलाकि उन्होंने कहा कि भविष्य में वैज्ञानिक खोज से नए रास्ते खुल सकते हैं और किसी औषधीय या प्रकाश के माध्यम से मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान हो सकता है।
वो ये भी कहते हैं कि शायद इस खोज के आधार पर हम ये भी साबित कर सकें कि जिस तरह आँखों के माध्यम से प्राप्त की गयी सूरज की रौशनी आपकी दिवसीय लय (Circadian rhythm) को प्रभावित करती है (यानि सूर्य के प्रकाश के अनुसार हमारे सोने और जागने की आदत बनी हुई है), उस ही तरह आपकी त्वचा के माध्यम से प्राप्त सूरज की रोशनी आपकी वसा कोशिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। यानि हो सकता है ठीक इसी प्रकार इंसान के अंदर जमा फैट का बर्न होना मौसम पर आधारित करता हो। इसलिए कहा जा सकता है कि सर्दियों में आपका वजन बढ़ता है और गर्मियों में कम होता है।
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कैसे की गयी ये रिसर्च?
बायोइंजिनियारों ने इस बात का पता लगाया कि प्रकाश की प्रतिक्रिया में वसा कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन करती हैं, जो टाइप 1 डायबिटीज रोगियों के लिए सहायक होते हैं। हमने मानव ऊतक कोशिकाओं के नकारात्मक नियंत्रण प्रयोगों में इसकी प्रतिक्रिया को देखा, जिसका साहित्य मे कहीं भी जिक्र नहीं है। ये हमारे आगामी खोज के लिए बहुत उपयोगी है। पीटर लाइट का कहना है कि इसके आकस्मिक लाभ हो सकते हैं।
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संक्षेप में -
शोधकर्ताओं का कहना है कि सूरज के प्रकाश और मानवी शरीर में वसा के एकत्रित होने का संबंध हो सकता है। उनके निष्कर्षों के अनुसार सूर्य की हल्की रौशनी वसा कोशिकाओं को कम कर सकती है। या इसके विपरीत, वजन बढ़ाने के लिए धुप सेबचना चाहिए। ये रिसर्च अभी नयी है, और निश्चित रूप से कुछ कह पाने के लिए इस पर आगे काम होना ज़रूरी है।
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