रूटेसी परिवार से संबंधित नींबू काफी लोकप्रिय फल है। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसे नींबू का स्वाद पसंद न हो और वो इसके गुणों से वाकिफ न हो। नींबू का स्वाद, खुशबू एवं फ्लेवर बहुत अलग होता है और इसीलिए इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। भोजन के अलावा आयुर्वेद और पारंपरिक औषधियों में भी कई तरह से नींबू का इस्तेमाल किया जाता है।
कुछ लोग वजन घटाने के लिए नींबू पानी पीते हैं और इसके डिटॉक्सिफाइंग (शरीर को साफ करने वाले) फायदे भी होते हैं। साइट्रस परिवार में नींबू विटामिन सी का सबसे बेहतरीन स्रोत है जो कि इसे एंटी-एजिंग और इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुण भी प्रदान करता है।
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नींबू का वृक्ष सदाबहार होता है जो 6 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। नीबू की शाखाओं पर कांटे लगे होते हैं। नए नींबू की पत्तियां लाल रंग की होती हैं जो कि बढ़ने पर एक तरफ से गहरे हरे रंग की और दूसरी ओर से हल्के हरे रंग की हो जाती हैं। नींबू के फूल सफेद रंग होते हैं और इनसे बहुत तेज खुशबू आती है। ये नींबू के पेड़ की शाखाओं पर अकेले या गुच्छे में एक साथ खिलते हैं।
क्या आप जानते हैं?
वास्तव में नींबू मंदारिन और सिट्रोन जैसी जंगली खट्टी प्रजातियों से प्राप्त है। 1943 में किस्ट्रोफर कोलंबस अपनी जलयात्रा के दौरान नींबू के बीज लेकर चले थे और उसी दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में नींबू को पहचान मिली थी।
नींबू के बारे में तथ्य
- वानस्पतिक नाम: साइट्रस लिमोन
- कुल: रूटेसी
- सामान्य नाम: लेमन, नींबू
- संस्कृत नाम: निम्बूक
- उपयोगी भाग: फल
- भौगोलिक विवरण: नींबू को मूल रूप से भारत से संबंधित माना जाता है लेकिन मैक्सिको, मोरक्को, जापान, ग्रीस, अल्जीरिया, अफ्रीका और मिस्त्र आदि में भी नींबू की खेती की जाती है।
- गुण: शीतल