शहरों में दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई है कि दिन में सोने का ख्याल तक आना मुश्किल है, लेकिन हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि जो लोग हफ्ते में एक या दो बार दिन के समय सोते हैं उनके दिल का स्वास्थ्य दिन में न सोने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा अच्छा रहता है।
क्या कहता है शोध
शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि आप दिन में एक से दो बार नींद (नैप) लेते हैं, तो यह दिल से जुड़ी कुछ घातक बीमारियों जैसे: हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने का खतरा कम करता है। बता दें यह शोध 'बीएमजे जर्नल हार्ट' में प्रदर्शित किया गया था। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक स्विट्जरलैंड के लाउसाने यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट से नादिन हौस्लर हैं।
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इस विषय से जुड़े पिछले कुछ अध्ययनों में, लेखकों ने जानकारी दी है कि दिन में एक से दो बार नींद की झपकी लेने से हृदय रोग का जोखिम कम होता है, जबकि कुछ लेखकों का मानना है कि जो लोग रोज दिन के समय झपकी लेते हैं उनमे हृदय से संबंधित बीमारियों या इनके कारण मृत्यु का जोखिम अधिक होता है।
काफी समय से चल रहे इस विवाद को हल करने के लिए ही हौस्लर और उनकी टीम ने स्विट्जरलैंड में 3,462 वयस्कों के एक समूह पर शोध किया। इसमें झपकी लेने और हृदय से जुड़ी घातक व गैर-घातक बीमारियों के बीच संबंध की जांच की गई।
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हौस्लर और उनके सहयोगियों ने इस शोध में शामिल प्रतिभागियों का मेडिकल डाटा इकट्ठा किया था। इस शोध में जब प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, तब उनकी उम्र 35 से 75 वर्ष के बीच थी और उन्हें 2003 से लेकर 2006 तक कोई हृदय संबंधी बीमारी या समस्या नहीं थी। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात पर गौर किया कि प्रतिभागी कितने समय के अंतराल में और कितनी देर तक झपकी लेते हैं, वहीं दूसरी तरफ हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी समस्याओं पर गौर किया।
जब प्रतिभागियों से उनके नींद और झपकी लेने के पैटर्न के बारे में पूछा गया, तो आधे से ज्यादा लोगों ने बताया कि उन्होंने पिछले सप्ताह में कोई झपकी नहीं ली, जबकि 20 फीसदी ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह में दिन में एक या दो बार झपकी ली थी, लगभग 12 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने 3 से 5 बार झपकी ली व 12 फीसदी लोगों ने 6 से 7 बार झपकी लेने की बात कही।
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शोध के दौरान पाया गया कि, जो लोग दिन के समय ज्यादा जल्दी झपकी लेते थे वे ओवरवेट, वृद्ध और धूम्रपान करते थे। जबकि दिन के समय ज्यादातर नींद लेना किसी स्वास्थ्य संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है जैसे: स्लीप एपनिया, जिसमें रात में नींद आने में बाधा होती है। ज्यादातर लोग स्वस्थ रहने के लिए एक्टिव रहना, धूम्रपान न करना, संतुलित आहार खाना और अधिक मात्रा में मादक पदार्थों का सेवन ना करने जैसी अच्छी आदतों को अपनाते हैं जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
फिलहाल यह अध्ययन उन लोगों के लिए अच्छी खबर हो सकती है, जो लंच के बाद कभी-कभार झपकी ले लेते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा पैदा करने वाले कारक अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। इस अध्ययन से यह साफ नहीं होता है कि लोगों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक से बचने के लिए दोपहर में झपकी लेना शुरू कर देना चाहिए।
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हालांकि, ये शोध काफी सीमित था क्योंकि सप्ताह में दिन में एक से दो बार झपकी लेने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है, यह निष्कर्ष सिर्फ 12 लोगों पर ही आधारित है। इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाले लोगों ने ये जानकारी स्पष्ट तौर पर नहीं दी थी कि वो दिन में कितनी बार या कितनी देर तक झपकी लेते थे। साथ ही वे रात में कितने समय तक सोते थे या फिर उनकी दिनचर्या कैसी थी।
इसलिए इस शोध के तहत पूरी तरह से यह कहा नहीं जा सकता है कि अक्सर दिन में झपकी लेने से हृदय रोगों का खतरा कम होता है।