कभी बड़ा इवेंट हो या कठिन परिस्थिति या फिर कोई इंटरव्यू, नर्वस या घबराहट होने के कारण हम अच्छी तरह से प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। नर्वस होना हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बनता है। तो चलिए आज हम जानते हैं कि नर्वस होने से कैसे बचा जाए।
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कभी बड़ा इवेंट हो या कठिन परिस्थिति या फिर कोई इंटरव्यू, नर्वस या घबराहट होने के कारण हम अच्छी तरह से प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। नर्वस होना हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बनता है। तो चलिए आज हम जानते हैं कि नर्वस होने से कैसे बचा जाए।
कभी कभी स्कूल में अचानक ही शिक्षक टेस्ट की घोषणा कर देते हैं और बच्चे नर्वस हो जाते हैं कि टेस्ट में क्या लिखेंगे। इसलिए कोई भी परीक्षा के लिए आपको हमेशा उसकी तैयारी कर के रखनी चाहिए। तैयारी आपके अंदर विश्वास पैदा करने में मदद करती है और आपको नर्वस होने से बचाती है।
यदि आप कोई प्रेजेंटेशन (presentation) देने जा रहे हैं तो दर्पण के सामने खड़े होकर प्रस्तुति दें। अपनी मुद्रा का अभ्यास करें और उन प्रमुख बिंदुओं को याद रखें जिन्हें आप हाइलाइट करना चाहते हैं। ऐसा करने से आपके अंदर विश्वास पैदा होता है और आप प्रेजेंटेशन देते समय नर्वस होने से बचते हैं।
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यदि आप किसी के साथ डेट पर जाने से पहले नर्वस हैं तो आप सोचें कि आपको डेट पर जा कर क्या बोलना है। आप पहले से ही निर्णय कर लें कि आपको क्या पहनना है। यह आपके अंदर विश्वास पैदा करेगा।
यदि आप इंटरव्यू में नर्वस हो जाते हैं तो आप इंटरव्यू की तैयारी पहले से ही करें। यदि आपको लगता है कि इस तरह के प्रश्न आपसे पूछे जा सकते हैं तो उसके उत्तर की तैयारी आप पहले से कर लें। इंटरव्यू में जाने से पहले आप कंपनी के बारे में जानकारी प्राप्त करें। क्या आप इस कंपनी के लिए फिट होंगे? यह चीज आपको इंटरव्यू के दौरान विश्वास पैदा करने में मदद करेगी।
जब आप नर्वस होते हैं तो आप हर परिस्थिति को निराशा से देखते हैं और हर बात का सबसे ग़लत परिणाम पहले से ही सोच लेते हैं। फिर चाहे वो होना कितना ही असंभव क्यों ना हो। जितना बुरा हो नहीं सकता, उससे ज़्यादा बुरा आप किसी भी परिस्थिति को मान लेते हैं। मान लीजिए की आप जो नौकरी पाना चाहते थे, आपको नहीं मिली या जिसके साथ डटे पर गये थे, बात नहीं बनी तो क्या हुआ? उस स्थिति में खुद को संभालें, उससे सीखें और आगे बढ़ें। उससे आपकी ज़िंदगी नहीं रुक जाएगी क्योंकि ऐसी कोई भी परिस्थिति नहीं है जिससे आप निकल नहीं सकते।
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हमारी सकारात्मक सोच हमारी शक्ति होती है। जब आप आने वाले इंटरव्यू, प्रेजेंटेशन या मीटिंग के परिणाम के बड़े में बारे सोच कर चिंतित होते हैं तो सकारात्मक परिणाम के बारे में सोचें। यह सोचें कि आप इंटरव्यू या मीटिंग में पूछने वाले प्रश्न का कैसे आत्मविश्वास के साथ जावब देंगे। यह सकारात्मक सोचा आपके आत्मविश्वास को बढाती है।
किसी बड़े इवेंट से पहले आप बहुत ज्यादा नर्वस या घबराहट महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में तनाव बढ़ जाता है और इस तनाव के कारण आप और नर्वस हो जाते हैं और सब कुछ गड़बड़ कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में इवेंट से पहले प्राणायाम करें। प्राणायाम आपके शरीर और मन को शांत कर आपको तनाव से दूर रखने में मदद करता है। बस इसके लिए आप आलती पालती मार कर बैठ जाएँ और धीमी, गहरी साँस लें। अपनी छाती से साँस लेने की बजाय अपने पेट से श्वास लेँ। सुनिश्चित करें कि आप अपनी सांस नहीं रोकें, लेकिन पूरी तरह से श्वास लें और छोड़ने की कोशिश करें। यह आपके शरीर और मन को शांत करेगा।
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किसी भी बड़े मौके का सामने करने के लिए यह भी ज़रूरी है कि आप उस मौके पर अपने आप में कंफर्टबल हों। जैसे आप ऐसे कपड़े पहनें जिनमें आप आरामदायक महसूस करते हैं और आपको किसी प्रकार की झिझक नहीं होती। कुछ नया पहन रहे हैं, तो एक दिन पहले उसे पहन कर ज़रूर देख लें की उसमें आपको कोई परेशानी तो नहीं है। मौसम के अनुसार कपड़े पहनें। ऐसा नहीं होना चाहिए की आप बाहर एक लंच मीटिंग के दौरान पसीने पसीने हो रहे हैं। अगर आपको इस बड़े मौके पर स्टेज पर होना है तो कोशिश करें कि इस मौके से पहले एक बार स्टेज पर जाकर देख लें। यह जान लें की आप कैसे खड़े होंगे, कैसे बोलेंगे। इन छोटी छोटी बातों पर ध्यान रखने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और घबराहट डोर होगी।
ज्यादातर लोग इस बात से चिंतित रहते है कि सामने वाला उनके बारे में क्या सोचेगा। पर यह आपके नियंत्रण में नहीं है। दुसरे लोग अपने स्वयं के पिछले अनुभवों के आधार पर आपके बारे में अपनी धारणा बनाएंगे, कुछ लोग तो आपको बिलकुल भी पसंद नहीं करेंगे, चाहे आप कुछ भी कर लें। इसलिए दूसरे क्या सोचते हैं, इसके बारे में चिंता करना बंद करें और बस इस बारे में सोचें की आपको सबसे अच्छा करना है फिर चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों ना हो। आपकी ताक़त और आपकी कमज़ोरियों की एक लिस्ट बना लें। जब भी नर्वस हों, उस लिस्ट को देख कर यह निर्णय लें की कैसे आप अपनी ताक़त या कमज़ोरी का इस्तेमाल कर आने वाली परिस्थिति का सामना करेंगे।
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कसरत न केवल अपने आप को फिट रखने का एक शानदार तरीका है बल्कि यह घबराहट से निपटने में भी मदद करती है चाहे सुबह में जॉगिंग हो या जिम में वेट ट्रेनिंग। कसरत से एंडोर्फिन रिलीज होता है जो अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन होता है। यह चिंता और घबराहट की दूर करने में मदद करता है। आप इंटरव्यू, प्रदर्शन (presentation) या मीटिंग में जाने से पहले अपने दिन की शुरुआत एरोबिक या व्यायाम के साथ, जॉगिंग या फिर तैरने का अभ्यास करके या फिर योग अभ्यास करके कर सकते हैं। ये सब आपको ऊर्जा देंगे और तारो ताज़ा रखने में मदद करेंगे। इसके अलावा हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पिएं और स्वस्थ भोजन करें। अतिरिक्त चीनी, फैट और कॉफी जैसे उत्तेजक खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करें। ऐसे खाद्य पदार्थ के सेवन से आप थका हुआ महसूस करते हैं।
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जब आप कुछ नया करना चाहते हैं या कुछ ऐसा जिसके बारे में आपको ज़्यादा अनुभव ना हो, तो आपमें आत्मविश्वास काम होना, चिंता और घबराहट होना स्वाभाविक है। इन सरल तरीकों का उपयोग करने से घबराहट से उबरने में और अपनी और से पूरी मेहनत करके दिखने में मदद मिलती है।
घबराहट दूर करने के लिए मानसिक और शारीरिक तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। सबसे पहले, गहरी सांस लें , जिससे तनाव और घबराहट को तुरंत कम किया जा सकता है। ध्यान (Meditation) और योग का नियमित अभ्यास मानसिक शांति प्रदान करता है और घबराहट को नियंत्रित करने में मदद करता है। सकारात्मक सोच और नकारात्मक विचारों को बदलने का प्रयास करें, जिससे आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यायाम, खासकर पैदल चलना या हल्की दौड़, भी तनाव को दूर करने का एक अच्छा तरीका है। इसके अलावा, नियमित नींद और संतुलित आहार भी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायक होते हैं। अगर घबराहट बार-बार होती है, तो किसी चिकित्सक या परामर्शदाता से मदद लेना भी आवश्यक हो सकता है।