आपके इलाज के लिए किस तरह की और कितनी मात्रा में रेडिएशन देनी है यह आपका कैंसर का उपचार करने वाला विशेषज्ञ निर्धारित करते हैं। यह सामान्यतः कुछ हफ्तों तक कई सत्र में चलता है। कहीं लोगों को एक हफ्ते में 5 ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। हालाँकि, यह कैंसर के प्रकार और उसकी स्टेज पर निर्भर करता है।
रोगी का उपचार शुरू करने से पहले सी टी स्कैन किया जाता है ताकि कैंसर की सही जगह का पता किया जा सके। रोगी की त्वचा पर एक इंक मार्क लगा दिया जाता है ताकि यह ध्यान में रहे की कैंसर की जगह कहां है और उसी हिसाब से रेडिएशन दी जाए।
अलग-अलग रेडिएशन थेरेपी को उपयोग में लाने का तरीका भी अलग होता है।
एक्सटर्नल रेडिएशन थेरेपी में "लीनियर एक्सेलरेटर" नमक मशीन का उपयोग करके एक निश्चित स्तर पर एक्स तरंगें कैंसर वाले स्थान पर डाली जाती हैं। कुछ और मशीनें भी आती हैं जिनका प्रयोग अलग प्रकार की ऊर्जा तरंगों जैसे इलेक्ट्रॉन्स, प्रोटोन्स, गामा किरणें, अथवा इनके कॉम्बिनेशन के साथ होता है।
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जिस व्यक्ति का उपचार किया जाना है, उसे एक टेबल पर लिटाया जाता है और कमरे के बाहर से तकनीशियन मशीन को ऑपरेट करता है। तकनीशियन तथा रोगी के बिच संपर्क के लिए एक इण्टरकॉम यानि आंतरिक टेलीफ़ोन व्यवस्था की जाती है।
तकनीशियन एक कैमरे के द्वारा उपचार ले रहे रोगी पर नजर रखते हैं। यह प्रक्रिया काफी छोटी और दर्द रहित होती है अतः रोगी उपचार के बाद आराम से घर जा सकता है।
उपचार की इस प्रक्रिया में कुछ अंतर होते हैं, जैसे इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी (आईजीआरटी) इसमें हर सत्र के बीच स्कैन किया जाता है यह देखने के लिए की उपचार सही दिशा में हो रहा है। अथवा स्टेरिओटेक्टिक सर्जरी (एसआरएस), इसमें कुछ छोटी किरणों को उपचार की क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
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इंटरनल रेडिएशन थेरेपी में एक धातु की ट्यूब या तार को बिना सर्जरी के शरीर के भीतर प्रभावित अंग के पास डाला जाता है, जिससे रेडिएशन दी जा सके। हालाँकि, कुछ मामलों में सर्जरी की जरुरत हो सकती है। इस प्रकार के प्रत्यारोपण शरीर में कुछ मिनट से लेकर व्यक्ति के जीवन भर रह सकते हैं।
ऐसे रोगी जिनको इस तरह का प्रत्यारोपण किया गया है उन्हें अस्पताल में ही रहना पड़ता है, क्योंकि अन्य लोगों को रेडिएशन की आशंका रहती है। स्थायी प्रत्यारोपण से बहुत ही कम मात्रा में रेडिएशन निकलती है और इन्हें रोगी के आस-पास इलाज करवा रहे लोगो के लिए सुरक्षित माना जाता है।
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