फास्फोरस टेस्ट क्या है?

फास्फोरस टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है जो खून में इनऑर्गेनिक फॉस्फेट के स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। फास्फोरस एक प्रकार का खनिज (मिनरल) होता है, जो रोजाना खाए जाने वाले आहार में पाया जाता है यह शरीर की हड्डियों और दांतों में जमा होता है। आहार द्वारा मिले फास्फोरस का 65% जठरांत्र पथ (Gastrointestinal tract) द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। फास्फोरस की अवशोषित की गई सटीक मात्रा अलग-अलग घटकों के अनुसार अलग हो सकती है, जैसे विटामिन डी का स्तर, फास्फोरस के स्रोत और कैल्शियम व फास्फोरस की शरीर में ली गई मात्रा का अनुपात। फास्फोरस हमारे शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे:

फास्फोरस टेस्ट को फास्फोरस ब्लड टेस्ट, फॉस्फेट टेस्ट, इनऑर्गेनिक फास्फेट टेस्ट भी कहा जाता है।

  1. फास्फोरस टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Phosphorus test in Hindi
  2. फास्फोरस टेस्ट से पहले - Before Phosphorus test in Hindi
  3. फास्फोरस टेस्ट के दौरान - During Phosphorus test in Hindi
  4. फास्फोरस टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Phosphorus test result and normal range in Hindi

फास्फोरस टेस्ट किसलिए किया जाता है?

शरीर में असामान्य रूप से फास्फेट का अधिक या कम स्तर कुछ स्वास्थ्य स्थितियों को दिखाता है। इसी कारण से यह टेस्ट कई स्वास्थ्य स्थितियों की जांच में भी मदद करता है। इसकी सलाह उन लोगों को दी जाती है जिनमें:

  • किडनी संबंधी कोई विकार होने का संदेह होता है (और पढ़ें - किडनी रोग के लक्षण)
  • जठरांत्र से जुड़ी किसी बीमारी का संदेह होता है (क्योंकि फास्फेट का अवशोषण जठरांत्र पथ द्वारा ही किया जाता है)
  • थकान और कमजोरी 
  • हड्डियों से जुड़ी समस्याएं (क्योंकि फास्फोरस हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखता है)

(और पढ़ें - हड्डियों को मजबूत करने के उपाय)

फास्फोरस टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

टेस्ट से पहले किसी भी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती लेकिन डॉक्टर कुछ ऐसी दवाओं को लेने से मना कर सकते हैं, जिनसे टेस्ट के परिणाम पर प्रभाव पड़े। व्यक्ति जो भी दवा ले रहा है, उन सभी के बारे में डॉक्टर को बता देना चाहिए, जैसे कोई हर्ब्स, विटामिन सप्लीमेंट्स क्योंकि ये टेस्ट के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ कारणों से कुछ विशेष खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, मछली, बियर, कोला, चॉकलेट अलग-अलग तरह की फलियां आदि नहीं खाना चाहिए। 

डॉक्टर से बिना पूछे कोई भी दवा लेना बंद न करें।

(और पढ़ें - विटामिन की कमी के लक्षण)

फास्फोरस टेस्ट कैसे किया जाता है?

टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लेने की जरूरत होती है, जो कि निम्न तरह से लिया जाता है:

  • जिस जगह से ब्लड लिया जाएगा (आमतौर पर हाथ की नस से) उसे एंटीसेप्टिक दवा से साफ किया जाता है।
  • इलास्टिक बैंड जिसे टूनिकेट कहते है, बांह में बांध दिया जाता है, उससे नस ढूंढने में आसानी होती है। 
  • फिर सुई को नस या हाथ में लगाकर सैंपल ले लिया जाता है।
  • इस के बाद टूनिकेट हटा दिया जाता है और इंजेक्शन वाली जगह पर रुई लगा दी जाती है। (और पढ़ें - इंजेक्शन कैसे लगाते हैं)

ब्लड सैंपल लेने के दौरान सुई से हल्का सा दर्द हो सकता है। टेस्ट के बाद कुछ समय के लिए चुभन भी महसूस हो सकती है। 

खून निकालने की प्रक्रिया से कुछ खतरे भी जुड़े हो सकते हैं, जैसे खून बहना, संक्रमण, हीमेटोमा (त्वचा के अंदर खून जमना), नील पड़ना या चक्कर आना। 

(और पढ़ें - चक्कर का घरेलू उपचार)

फास्फोरस टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

फास्फोरस टेस्ट के परिणाम व्यक्ति की उम्र, लिंग, वर्तमान और पिछली स्वास्थ्य स्थितियों व जिस प्रक्रिया द्वारा टेस्ट किया गया है उस के अनुसार अलग हो सकते हैं। डॉक्टर टेस्ट की रिपोर्ट को पढ़ कर रिजल्ट के बारे में समझाते हैं।

सामान्य परिणाम:

एक स्वस्थ व्यक्ति में फास्फोरस की सामान्य मात्रा उम्र के अनुसार अलग हो सकती है। फास्फोरस का सामान्य स्तर वयस्कों में 2.8 से 4.5 mg/dL के बीच और बच्चों में 4.0 से 7.0 mg/dL के बीच होता है।

हालांकि अलग-अलग लैब के अनुसार उनके रिजल्ट भिन्न हो सकते हैं:

असामान्य परिणाम:

फास्फेट के सामान्य से अधिक स्तर को हाइपरफास्फेटीमिया कहते हैं, जो कि निम्न कारणों से हो सकता है:

फास्फेट के सामान्य से कम स्तर को हाइपोफास्फेटीमिया कहते हैं जो कि निम्न कारणों से होता है:

(और पढ़ें - विटामिन डी से भरपूर आहार)

फास्फोरस टेस्ट से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

कल मैंने अपना फास्फोरस का टेस्ट करवाया था। मेरी रिपोर्ट में फास्फोरस लेवल हाई है। मैं इसे कंट्रोल करना चाहता हूं। इसे कम करने के लिए मुझे कोई तरीका बताएं?

Dr. Ramraj Meena MBBS , सामान्य चिकित्सा

आपके शरीर में फास्फोरस की मात्रा अधिक है। फास्फोरस को कम करने के लिए आप निम्न तरीकों को अपनाएं। कुछ दिनों के लिए जिन खाद्य पदार्थों में फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है, उसे लेना कम कर दें जैसे मछली, सूखे मेवे व बीज (राजमा आदि) चिकन ज्यादातर संसाधित खाद्य पदार्थ लहसुन, लौंग, चीज, कस्टर्ड दूध, दूध से बना दलिया या ओट ब्रैन (Oat bran) साबुत अनाज। इसी के साथ विटामिन-डी व टैबलेट Calciminetic लें और डॉक्टर की सलाह से एक्सरसाइज शुरू कर दें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

आज मैंने अपना फास्फोरस टेस्ट करवाया था जिसकी रिपोर्ट में इसका लेवल कम है। मैं जानना चाहता हूं फास्फोरस कम क्यों होता है। इससे किस तरह की समस्या हो सकती है?

Dr. Kumawat Vijay Kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

फास्फोरस की कमी कई कारणों पर निर्भर करती हैं और इससे कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर आपके शरीर में फास्फोरस की कमी है, तो यह डायबिटीज, शराब की लत और खराब डाइट प्लान की वजह से होने लगता है। फास्फोरस की कमी के कारण आपको सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी, जोड़ों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

आज मैंने अपना फास्फोरस टेस्ट करवाया है। मेरी रिपोर्ट आने वाली है। मैं जानना चाहता हूं कि रिपोर्ट में इसकी कितनी वैल्यू को नॉर्मल माना जाता है और इसका हाई लेवल क्या है?

Dr Anjum Mujawar MBBS, MBBS , आकस्मिक चिकित्सा

फास्फोरस टेस्ट के परिणाम व्यक्ति की उम्र, लिंग, वर्तमान और पिछली स्वास्थ्य स्थितियों व जिस प्रक्रिया द्वारा टेस्ट किया जाता है और जिसके अनुसार ये अलग हो सकते हैं। डॉक्टर टेस्ट की रिपोर्ट को पढ़कर रिजल्ट के बारे में समझाते हैं। फास्फोरस का सामान्य स्तर वयस्कों में 2.8 से 4.5 mg/dL के बीच और बच्चों में 4.0 से 7.0 mg/dL के बीच होता है। हालांकि, अलग-अलग लैब के अनुसार उनके रिजल्ट भिन्न हो सकते हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

कल मेरे दोस्त ने अपना फास्फोरस टेस्ट करवाया था, उसकी रिपोर्ट से पता चला कि उसमें फास्फोरस की कमी है। मैं जानना चाहता हूं कि फास्फोरस्ट टेस्ट क्या है और डॉक्टर फास्फोरस टेस्ट को कब करवाने के लिए सलाह देते हैं?

Dr. Ashish Mishra MBBS , पैथोलोजी

अगर आपको जोड़ों में दर्द, कमजोरी महसूस होना, एनर्जी में कमी, थकान, भूख कम लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर फास्फोरस टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। फास्फोरस टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है जो खून में इनऑर्गेनिक फॉस्फेट के स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। फास्फोरस एक प्रकार का खनिज (मिनरल) होता है, जो रोजाना खाए जाने वाले आहार में पाया जाता है। यह हड्डियों और दांतों में जमा होता है।

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Phosphorus
  2. Benioff Children's Hospital [internet]: University of California, San Francisco; Serum Phosphorus
  3. Chang AR, Anderson C. Dietary Phosphorus Intake and the Kidney. Annu Rev Nutr. 2017 Aug 21;37:321-346.
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