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यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) को यौन संचारित बीमारियों (एसटीडी) के नाम से भी जाना जाता है. एसटीआई आमतौर पर वैजाइना, ओरल सेक्स या एनल सेक्स करने से फैलता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल 9 मिलियन से अधिक महिलाओं में यौन संचारित रोग का निदान होता है. महिलाओं में अक्सर पुरुषों की तुलना में एसटीआई से अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती है, इस वजह से महिलाएं इनफर्टिलिटी का शिकार भी हो सकती हैं.

(और पढ़ें - यौन संचारित रोग का इलाज)

इस लेख में हम जानेंगे महिलाओं को होने वाली यौन संचारित बीमारियां के बारे में.

  1. क्या है यौन संचारित डिजीज़? - What is a sexually transmitted disease in Hindi
  2. महिलाओं में होने वाली यौन संचारित बीमारियां - Sexually transmitted diseases in women in hindi
  3. महिलाओं में एसटीआई और एसटीडी के लक्षण - STIs and STDs symptoms in women in Hindi
  4. महिलाओं एसटीआई के कुछ अन्य लक्षण - Other symptoms of STIs in women in Hindi
  5. WHO के आंकडें - WHO Stats in Hindi
  6. यौन संचारित रोगों से कैसे बचें - How to avoid sexually transmitted diseases in Hindi
  7. सारांश - Takeaway
महिलाओं को होने वाली यौन संचारित बीमारियां के डॉक्टर

एसटीआई एक संक्रमण है जो आमतौर पर यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. ये रोग तब होता है जब कोई बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी एक व्‍‍यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में ब्लड, सीमन, योनि और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम में प्रवेश करते हैं.

अक्सर यौन संचरित रोग असुरक्षित यौन संबंध बनाने, ग्रुप सेक्स करने या अलग-अलग पार्टनर से संबंध बनाने के कारण हो सकते हैं.

कभी-कभी ये यौन बीमारियां बिना यौन संबंध बनाएं भी शरीर में संचरित हो सकती हैं. जैसे गर्भावस्था या प्रसव के दौरान माताओं से उनके शिशुओं में आना, या एक ही सुई के इस्तेमाल या ब्लड ट्रांसफ्यूजन के माध्यम से.

कुछ एसटीआई ठीक हो सकते हैं और कुछ एसटीआई ठीक नहीं हो सकते. उन एसटीआई के लिए जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है, उनके लक्षणों को नियंत्रि‍त करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं.

(और पढ़ें - पुरुष के गुप्त रोगों का इलाज)

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महिलाओं में कुछ सबसे आम एसटीआई हैं -

महिलाओं में सबसे आम एसटीआई ह्यूमन पेपिलोमा वायरस है. यह सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है. वहीं गोनोरिया और क्लैमाइडिया कॉमन बैक्टीरिया एसटीआई हैं. जेनाइटल हर्पस भी 6 में से 1 में पाया जाता है. 14 से 49 साल के बीच व्यक्ति कभी ना कभी इससे ग्रसित होता है.

(और पढ़ें - महिलाओं की यौन स्वास्थ्य समस्याएं)

महिलाओं में एसटीडी होने पर कुछ लक्षण दिख सकते है, जैसे -

(और पढ़ें - सेक्स के दौरान दर्द का कारण)

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महिलाओं को एसटीआई के सभी लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए ताकि समय पर वे जांच करवा सकें, जैसे -

  • पेशाब के दौरान बदलाव - पेशाब के दौरान दर्द या जलन महसूस होना.  बार- बार पेशाब आना या पेशाब के दौरान खून आना
  • व्हाइट डिस्चार्ज में बदलाव - वैजाइना से वाइट डिस्चार्ज होना सामान्य बात है. लेकिन जब ये बहुत गाढ़ा या अधिक सफेद हो तो यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है. लेकिन यदि ये पीला या हरे रंग का होता है तो गोनोरिया या ट्राइकोमोनिएसिस होने का संकेत हो सकता है.
  • वैजाइना में खुजली - योनि में कई कारणों से खुजली हो सकती है. बहुत ज्यादा खुजली होने पर चेकअप करवाना जरूरी है क्योंकि ये एसटीआई का लक्षण भी हो सकता है. 
  • सेक्स के दौरान दर्द- सेक्स के दौरान दर्द होना सामान्य है. लेकिन कई बार ये पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) (pelvic inflammatory disease (PID)) का संकेत हो सकता है.  पीआईडी आमतौर पर क्लैमाइडिया या गोनोरिया की एडवांस स्टेज होती है. 
  • असामान्य ब्लीडिंग - पीआईडी या एसटीआई के कारण होने वाली कई प्रजनन समस्याओं के कारण असामान्य ब्लीडिंग भी हो सकती है. 
  • योनि में रैशेस या घाव - योनि के आसपास या मुख पर घाव या छोटे-छोटे दाने जेनाइटल हर्पस, ह्यूमन पेपिलोमा वायरस या सिफलिस के होने का संकेत हो सकते हैं.

कई बाई यौन इंफेक्शन या डिजीज होने पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते. ऐसे में उनका समय पर इलाज ना होने से इंफर्टिलिटी संबंधी समस्याएं और सर्वाइकल कैंसर होने का जोखिम बढ़ सकता है. इतना ही नहीं, कई बार यौन संचारित संक्रमण ऐसे लोगों से संपर्क बनाने से भी फैल सकता है जो हेल्दी दिखते हैं और इस बात से अंजान होते हैं कि उन्हें एसटीआई है. 

(और पढ़ें - महिला कंडोम के फायदे)

  • दुनिया भर में रोजाना 1 मिलियन से अधिक यौन संचारित इंफेक्शन दर्ज होते हैं.
  • हर साल दुनिया भर में, सिफलिस (syphilis), क्लैमाइडिया (chlamydia), गोनोरिया (gonorrhea) और ट्राइकोमोनिएसिस (trichomoniasis) के लगभग 376 मिलियन नए मामले सामने आते हैं. 
  • 500 मिलियन से अधिक लोगों में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) (herpes simplex virus (HSV)) से जेनेटल इंफेक्शन होने का अनुमान है. 
  • 290 मिलियन से अधिक महिलाएं को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) इंफेक्शन है.  
  • हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 2 और सिफलिस जैसे एसटीआई एचआईवी के जोखिम को अधिक बढ़ा सकते हैं.
  • 2016 में 9 लाख 88 हजार गर्भवती महिलाएं सिफलिस से संक्रमित थीं, जिसके कारण 3 लाख 50 हजार से बच्चों का जन्म सामान्य स्थिति में नहीं हुआ, इनमें नवजात डेथ भी शामिल थी.

(और पढ़ें - सेक्स से सिरदर्द क्यों होता है)

यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं तो आपको पैप स्मीयर (Pap smear) टेस्ट करवाना चाहिए और एसटीआई संबंधित टेस्ट  के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए. 

  • जब भी आप वैजाइनल, ओरल या एनल सेक्स तो कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें. 
  • आपको अपने पार्टनर और डॉक्टर से अपनी सेक्सअुल हिस्ट्री के बारे में खुलकर बताना चाहिए. 
  • एसटीआई का लक्षण दिखने या अंदेशा होने पर डॉक्टर से चेकअप और इलाज करवाने से पहले सेक्स संबंध ना बनाएं.

(और पढ़ें - पैप स्मीयर टेस्ट क्या होता है)

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यौन संचिरत रोग और इंफेक्शन पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है. लेकिन यदि आप सुरक्षित और कंडोम का इस्तेमाल कर सेक्स करते हैं तो यौन संचरित रोगों से बच सकते हैं. साथ ही समय-समय पर चेकअप करवाने से आप यौन रोगों से ना सिर्फ बच सकते हैं बल्कि समय पर निदान कर इनका इलाज भी करवा सकते हैं क्योंकि बहुत से यौन रोगों और इंफेक्शंस के लक्षण सामने नहीं आ पाते हैं.

(और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स कैसे करे)

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