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प्यूबर्टी या यौवनारम्भ हमारे जीवन के उस पड़ाव को बोलते हैं, जब आपका शरीर यौन रूप से परिपक्व हो जाता है और आपके शरीर में सेक्स ऑर्गन क्रियाशील हो जाते हैं. यह शरीर में टेस्टेस्टोरेन और एस्ट्राडियोल (Oestradiol) हॉर्मोन्स निकलने के कारण होता है. प्यूबर्टी में बच्चों में वयस्क बनने की शारीरिक परिवर्तन प्रक्रिया की शुरुआत हो जाती है जिसके अंतर्गत वह प्रजनन करने में सक्षम हो जाते हैं. आमतौर पर यह प्रक्रिया लड़कियों में 10-14 वर्ष के बीच और लड़कों  में 12 से 16 वर्ष के बीच होती हैं. प्यूबर्टी के कारण हमारे शरीर में मुख्य रूप से शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं. इस लेख में आप प्यूबर्टी के लक्षणों, शुरू होने की उम्र, होने वाले परिवर्तन, चरण, अवधि के बारे में जानेंगे.

(और पढ़ें - प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण)

  1. प्यूबर्टी क्या है? - What is puberty in Hindi
  2. प्यूबर्टी के लक्षण - Puberty symptoms in Hindi
  3. प्यूबर्टी की शुरुआती उम्र - Puberty starting age in Hindi
  4. प्यूबर्टी में होने वाले परिवर्तन - Changes in puberty in Hindi
  5. प्यूबर्टी की अवधि - Puberty period In Hindi
  6. प्यूबर्टी के चरण - Stages of puberty in Hindi
  7. सारांश - Summary

प्यूबर्टी आपके जीवन के ऐसे वक्त या समय को कहते हैं, जिसमें आपका शरीर यौन रूप से परिपक्व हो जाता है. इस दौरान आपके शरीर के प्रजनन अंग क्रियाशील हो जाते हैं. शरीर में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्राडियोल के स्त्राव की वजह से आपके शरीर का प्रजनन अंग क्रियाशील होता है. प्यूबर्टी की वजह से ही शारीरिक परिवर्तन (महिलाओं में स्तनों का विकास और पुरुषों में लिंग के आकार में वृद्धि) होता है. वहीं, इस समय मनोवैज्ञानिक परिवर्तन (मूड पर असर, आत्म-सचेत, आक्रामक बनने) भी हो सकता है. वहीं, कुछ लोगों में व्यवहार में परिवर्तन (जैसे धूम्रपान करना, शराब और सेक्स के प्रति अधिक आकर्षित होना) देखे जाते हैं.

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प्यूबर्टी के शुरूआती लक्षणों में लड़कियों में स्तनों का विकास होना और लड़कों में अंडकोषों और पेनिस का बड़ा हो जाना शामिल है. इसके अलावा प्यूबर्टी में अनेक लक्षण देखने को मिलते हैं, जिनके बारे में आगे बताया गया है.

(और पढ़ें - डिलेड प्यूबर्टी का कारण

लड़कियों में प्यूबर्टी के लक्षण - Puberty symptoms in girls in Hindi

लड़कियों में प्यूबर्टी के पहले लक्षण

लड़कियों में यौवन का पहला संकेत आमतौर पर यह होता है कि उनके स्तन विकसित होने लगते हैं।

स्तन का कभी-कभी बहुत कोमल होना या एक स्तन का दूसरे स्तन से कई महीने पहले विकसित होना सामान्य है।

प्यूबिक बाल भी बढ़ने लगते हैं, और कुछ लड़कियों को अपने पैरों और बाहों पर बाल भी दिखाई दे सकते हैं।

लड़कियों में प्यूबर्टी के कुछ समय बाद होने वाले लक्षण

यौवन की शुरुआत के एक या दो साल बाद, और अगले कुछ वर्षों के लिए:

  • लड़कियों के स्तन बढ़ते हैं
  • प्यूबर्टी की शुरुआत के लगभग 2 साल बाद, लड़कियों का पहला पीरियड आता है
  • जघन बाल मोटे और घुंघराले हो जाते हैं
  • अंडरआर्म के बाल उगने लगते हैं - कुछ लड़कियों के शरीर के अन्य हिस्सों में भी बाल होते हैं, जैसे कि होंठ के ऊपर, और यह पूरी तरह से सामान्य है
  • लड़कियों को ज्यादा पसीना आने लगता है
  • लड़कियों को अक्सर मुंहासे हो जाते हैं, जिसमें व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स और मवाद से भरे पिम्पल शामिल हैं
  • योनि से सफेद पानी आना
  • लड़कियों का विकास तेजी से होता है - माहवारी शुरू होने के अगले एक या दो साल में सालाना 5 से 7.5 सेमी (2 से 3 इंच) बढ़ती हैं
  • जैसे-जैसे उनके शरीर का आकार बदलता है, अधिकांश लड़कियों का वजन बढ़ता है, जो कि सामान्य है - लड़कियों के शरीर में उनकी ऊपरी भुजाओं, जांघों और पीठ के ऊपरी हिस्से में अधिक वसा विकसित हो जाती है; उनके कूल्हे गोल हो जाते हैं और उनकी कमर पतली हो जाती है

लड़कों में प्यूबर्टी के लक्षण - Puberty symptoms in boys in Hindi

लड़कों में प्यूबर्टी के पहले लक्षण

  • लड़कों में प्यूबर्टी का पहला संकेत आमतौर पर यह होता है कि उनके अंडकोष बड़े हो जाते हैं और अंडकोश पतला और लाल होने लगता है
  • जघन बाल लिंग के बेस पर दिखने लगते हैं

लड़कों में प्यूबर्टी के बाद के लक्षण

यौवन शुरू होने के एक या दो साल बाद, और अगले कुछ वर्षों के लिए:

  • लिंग और अंडकोष बढ़ते हैं और अंडकोश धीरे-धीरे गहरा हो जाता है
  • प्यूबिक बाल घने और घुंघराले हो जाते हैं
  • बगल के बाल उगने लगते हैं
  • लड़कों को ज्यादा पसीना आने लगता है
  • लड़कों को "नाईट फॉल" हो सकता है (सोते समय वीर्य का अनैच्छिक स्खलन)
  • उनकी आवाज़ स्थायी रूप से गहरी हो जाती है
  • लड़कों को अक्सर मुंहासे हो जाते हैं
  • लड़कों का विकास तेजी से होता है और वे औसतन 7 से 8 सेमी, या लगभग 3 इंच प्रति वर्ष, की गति से बढ़ते हैं

(और पढ़ें - सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण)

औसतन लड़कियों में प्यूबर्टी की शुरुआत होने की उम्र 11 वर्ष होती है तो वहीं लड़कों में प्यूबर्टी की शुरुआत 12 वर्ष की उम्र में होती होती है. हालांकि यह यह हर किसी के लिए अलग होता है, इसलिए कोई लड़का या लड़की एक दूसरे से पहले या बाद में यौवन तक पहुंचता है. प्यूबर्टी का 8 से 14 साल की उम्र में किसी भी समय शुरू होना पूरी तरह से सामान्य है. इस परिवर्तन प्रक्रिया में 4 साल तक का समय लग सकता है.

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प्यूबर्टी में मुख्य रूप से शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं. यह परिवर्तन लड़कों और लड़कियों में अलग-अलग होते हैं. लड़कों में अंडकोषों का बढ़ना, दाढ़ी-मूंछे आना, आवाज में भारीपन, मांसपेशियों में बढ़त आदि जैसे शारीरिक परिवर्तन होते हैं तो वहीं लड़कियों में स्तनों का विकास, यौन अंगों और बगलों में बाल बढ़ना, पीरियड्स जैसे शारीरिक परिवर्तन होते हैं.

प्यूबर्टी के दौरान कामोत्तेजना, मूड स्विंग्स, आक्रामकता, डिप्रेशन जैसे मानसिक परिवर्तन लड़के और लड़कियों में देखने को मिलते हैं. किसी व्यक्ति में इनकी तीव्रता अधिक या कम हो सकती है. यदि समस्या गंभीर हो तो आपको डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए.

(और पढ़ें - पीरियड्स आने की सही उम्र)

प्यूबर्टी की अवधि लड़कियों और लड़को में अलग-अलग उम्र में शुरू और समाप्त होती है. लड़कियों में प्यूबर्टी आमतौर पर 8 और 13 की उम्र के बीच शुरू होता है और लगभग 14 वर्ष की उम्र तक समाप्त होता है. लड़कों में प्यूबर्टी पर 10 से 14 वर्ष के बीच शुरू होता है और लगभग 15 या 16 वर्ष तक समाप्त होता है. कुछ अपवाद मामलों में यह अवधि कम या ज्यादा हो सकती है. इस दौरान लड़के और लड़कियों में कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं. प्यूबर्टी की विभिन्न आयु अवधि के आधार पर चरणों को वर्गीकृत किया गया है.

प्यूबर्टी के दौरान होने वाले परिवर्तनों को आमतौर पर विकास के विभिन्न चरणों द्वारा चिन्हित किया जाता है. बाल विकास विशेषज्ञ प्रोफेसर जेम्स एम. टान्नर (M.Tanner) प्यूबर्टी के इन चरणों की पहचान करने वाले पहले व्यक्ति थे. आज इन चरणों को टैनर चरणों (Tanner Stages) के रूप में जाना जाता है. इसे सेक्सुअल मैच्युरिटी रेटिंग के नाम से भी जाना जाना जाता है. वे शारीरिक विकास के लिए एक सामान्य इंडिकेटर के रूप में कार्य करते हैं, हालांकि प्रत्येक व्यक्ति की एक अलग प्यूबर्टी समय सारिणी होती है.

टान्नर चरणों में लड़कों और लड़कियों में प्रत्येक स्तर पर कई परिवर्तन देख सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं इन तरणों के बारे में.

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टान्नर चरण 1 - Tanner Stage 1

टान्नर चरण 1 में  प्यूबर्टी से पहले शरीर में होने परिवर्तनों का उल्लेख है. इन्हें पूर्व-प्यूबर्टी संबंधी परिवर्तनों के तौर भी जाना जाता है. लड़कियों में आम तौर पर यह चरण 8-10 वर्ष आयु में होता है लेकिन यह 6-7 वर्ष आयु में भी शुरू हो सकता है.  इस चरण में हर साल हाइट 5-6 सेंटीमीटर बढ़ती है, अंडाशय बढ़ने लगते हैं और निप्पल्स थोड़े सूज जाते हैं. टान्नर चरण 1 लड़कों में 9-11 वर्ष आयु में होता है. इस चरण में हर साल उनकी हाइट 5-7 सेंटरीमेटर बढ़ती है, उनके अंडकोषों का विकास शुरू हो जाता है और उनकी मासपेशियों में बढ़त होती है.

टान्नर चरण 2 - Tanner Stage 2

टान्नर चरण 2 प्यूबर्टी में होने वाले शारीरिक विकास की शुरुआत का प्रतीक है जब हार्मोन पूरे शरीर में संकेत भेजने लगते हैं. लड़कियों में यह चरण आमतौर पर 9 और 11 की उम्र के बीच शुरू होता है. इसमें स्तनों के पहले लक्षण बड्स निप्पल के नीचे बनने लगते हैं.  इसके अलावा, गर्भाशय बड़ा होने लगता है और योनी के छिद्र पर थोड़ी मात्रा में प्यूबिक बाल उगने लगते हैं.

लड़कों में टान्नर चरण 2 आमतौर पर 11 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है. इसमें अंडकोषों के आसपास की त्वचा बड़ी होने लगती है. इसके अलावा लिंग के आसपास प्यूबिक बाल उगने लगते हैं.

(और पढ़ें - ग्रोथ हार्मोन की कमी का कारण)

टान्नर चरण 3 - Tanner Stage 3

टान्नर चरण 3 प्यूबर्टी के शारीरिक परिवर्तन अधिक स्पष्ट होने लगते हैं. लड़कियों में यह चरण 12 साल की उम्र के बाद शुरू होता है. इसमें स्तनों का आकार बढ़ जाता है, प्यूबिक बाल घने और घुंघराले बन जाते हैं, बगलों के नीचे बाल बनने लगते हैं और मुंहासों के पहले लक्षण चेहरे और पीठ पर दिखाई दे सकते हैं.

लड़कों में यह चरण 13 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है. इसमें अंडकोष बड़े होने के साथ-साथ लिंग लंबा होता जाता है, लड़कों को रात में स्खलन होती है, आवाज बदलना शुरू होती है और मांसपेशियां बड़ी हो जाती हैं.

टान्नर चरण 4 - Tanner Stage 4

टान्नर चरण 4 के दौरान यौवन पूरे जोरों पर होता है और लड़के और लड़कियों दोनों में कई बदलाव देखे जा रहे हैं.

लड़कियों में टान्नर चरण 4 आमतौर पर 13 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है. इसमें स्तन एक पूर्ण आकार लेते हैं, कई लड़कियों को पहली माहवारी आती है, आमतौर पर 12 से 14 साल की उम्र के बीच, लेकिन यह पहले भी हो सकती है. ऊंचाई वृद्धि प्रति वर्ष लगभग 2 से 3 इंच तक धीमी हो जाती है और प्यूबिक बाल घने हो जाते हैं.

लड़कों में टान्नर चरण 4 आमतौर पर 14 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है. इसमें अंडकोष और लिंग बड़े होते रहते हैं और उनका रंग गहरा होता जाता है. इसके अलावा बगलों में बाल उगने लगता है, गहरी आवाज स्थायी हो जाती है और मुंहासे दिखना शुरू हो सकते हैं.

(और पढ़ें - ग्रोथ हार्मोन बढ़ाने के उपाय)

टान्नर चरण 5 - Tanner Stage 5

टान्नर चरण 5 अंतिम चरण है जो प्यूबर्टी की शारीरिक परिपक्वता के अंत का प्रतीक है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

लड़कियों में चरण 5 आमतौर पर 15 वर्ष की आयु के आसपास होता है. इस चरण में स्तन लगभग वयस्क आकार और आकार तक पहुंच जाते हैं, हालांकि स्तन 18 साल की उम्र तक बदलते रह सकते हैं, छह महीने से दो साल के बाद मासिक धर्म नियमित हो जाता है, जघन बाल भीतरी जांघों तक पहुंच जाते हैं और प्रजनन अंग और जननांग पूरी तरह से विकसित होते हैं.

लड़कों में टान्नर चरण 5 आमतौर पर 15 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है. 18 वर्ष की आयु तक अधिकांश लड़के पूर्ण विकास तक पहुंच चुके होते हैं. इस चरण में  लिंग, अंडकोष और अंडकोश वयस्क आकार तक पहुंच गए होंगे. जघन बाल भीतरी जांघों तक फैल जाते हैं, चेहरे पर दाढ़ी-मूंछे आने लगती है, ऊंचाई में वृद्धि धीमी हो जाएगी, लेकिन मांसपेशियां अभी भी बढ़ रही होंगी.

प्यूबर्टी लड़के और लड़कियों में प्राकृतिक रूप से होने वाली परिवर्तन प्रक्रिया है जिसके तहत विभिन्न प्रकार के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं. प्यूबर्टी के बारे में आज भी लोगों में भ्रम है. ऐसे में यह आवश्यक है कि वह प्यूबर्टी के लक्षण, शुरू होने की उम्र, परिवर्तन, चरण, अवधि की सम्पूर्ण जानकारी हासिल करें. जल्द और विलंबित प्यूबर्टी दोनों से ही शरीर को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.

(और पढ़ें - ग्रोथ हार्मोन इंसेंसिटिविटी का कारण)

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