स्क्वर्टिंग आर्गेज्म के संबंध में कई बातें कही जाती हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. आइए, इन मिथकों के बारे में जानते हैं-
स्क्वर्टिंग नकली है
नहीं, स्क्वर्टिंग वास्तव में होता है. शोधकर्ताओं ने इसके सबूत इकट्ठे किए हैं. हालांकि, स्क्वर्टिंग और स्क्वर्टिंग ऑर्गज्म के सटीक कारणों को निर्धारित करने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है. स्क्वर्टिंग के बारे में अस्पष्टता इसीलिए है, क्योंकि स्केन की ग्रंथियां हर व्यक्ति में भिन्न होती हैं.
एक शोध में पाया गया कि उत्तेजना के दौरान स्क्वर्टिंग फ्लूइड मूत्राशय में जमा हो जाता है और इजैक्युलेशन के दौरान मूत्रमार्ग से निकल जाता है. रिसर्च के नतीजों में पाया गया था कि सभी महिलाओं ने एक खाली ब्लैडर से खुद को उत्तेजित करने शुरुआत की, जो उत्तेजना के दौरान भरने लगा. इजैक्युलेशन के बाद के स्कैन से पता चला कि प्रतिभागियों के मूत्राशय फिर से खाली थे.
हर कोई एक तरीके से स्क्वर्ट कर सकता है
स्क्वर्टिंग का अनुभव, एक महिला से दूसरी महिला में काफी भिन्न होता है. कुछ तरीके दूसरों की तुलना में अधिक स्क्वर्ट करवा सकते हैं, लेकिन इसका कोई भी एक तय तरीका नहीं है, जो स्क्वर्ट में मदद कर सके. ऐसा इसलिए है, क्योंकि कुछ में स्केन ग्रंथियों की कमी होती है, कई बार ऐसा वजाइना के आकार में परिवर्तन के कारण होता है.
स्क्वर्टिंग ऑर्गेज्म हमेशा उच्च होता है
ये जरूरी नहीं कि स्क्वर्टिंग ऑर्गज्म हमेशा उच्च हो, कभी-कभी ये बहुत कम भी हो सकता है या बिल्कुल भी नहीं हो, ये भी संभव हैं. ये हमेशा हर बार हो ये भी जरूरी नहीं.
स्क्वर्टिंग सिर्फ संभोग के दौरान होती है
ये सही नहीं है. कुछ महिलाओं को संभोग से पहले या बाद में स्क्वर्टिंग हो सकती है.
यह मासिक धर्म चक्र से है संबंध
यह स्पष्ट नहीं है कि स्क्वर्टिंग और मासिक धर्म के बीच कोई संबंध है या नहीं. कुछ महिलाओं का कहना है कि ओवुलेशन के बाद और मासिक धर्म से पहले उनके स्क्वर्टिंग की संभावना अधिक होती है, जबकि अन्य को कोई संबंध नहीं दिखता. इसके लिए अभी अधिक शोध की आवश्यकता है.
इसका गर्भावस्था से है संबंध
कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि गर्भावस्था में स्क्वर्टिंग की भूमिका अहम होती है. वे ऐसा इसलिए सोचते हैं, क्योंकि फ्लूइड में पीएसए और फ्रुक्टोज होते हैं, जो शुक्राणु को एक असुरक्षित अंडे की ओर ट्रैवल करने में मदद करते हैं. हालांकि, अन्य शोधकर्ता इसे सही नहीं मानते. उनका तर्क है कि स्क्वर्टिंग फ्लूइड में आमतौर पर यूरिन होता है, जो शुक्राणुओं को मार सकता है. वे यह भी कहते हैं कि फ्लूइड के लिए मूत्रमार्ग से योनि तक यात्रा करना आसान नहीं होता है, जहां इसे गर्भावस्था में भूमिका निभाने की आवश्यकता होती है.
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