जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय आगे बढ़ता जाता है, गर्भवती महिला को बेहद सामान्य और नियमित कार्यों को करने के बाद भी सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है, खासकर सीढ़ियां चढ़ने के बाद। साल 2015 में हुए एक अध्ययन की मानें तो करीब 60 से 70 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सांस की तकलीफ का अनुभव होता है। उन्हें सांस लेने में मुश्किल महसूस होने लगती है या फिर थोड़ा सा भी मेहनत वाला काम करने पर सांस फूलने लगती है।
डॉक्टरों की मानें तो गर्भवती महिला का बढ़ता हुआ गर्भाशय, खुद को फेफड़ों की तरफ ऊपर की ओर धकेलने लगता है और इस वजह से ही गर्भवती महिला को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान लगातार हो रहे हार्मोनल बदलावों के साथ शरीर सामंजस्य बैठाने की कोशिश में लगा रहता है और इस कारण भी सांस फूलने की समस्या हो सकती है। हालांकि कई बार प्रेगनेंसी में सांस फूलना, निमोनिया या ब्लड क्लॉट जैसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
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इस आर्टिकल में हम आपको गर्भावस्था के दौरान सांस की तकलीफ और सांस फूलने की समस्या के संभावित कारणों के बारे में बताने के साथ ही सांस फूलने की समस्या हो तो क्या करना चाहिए और किन परिस्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए के बारे में जानकारी दे रहे हैं।