प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में मॉर्निंग सिकनेस, चक्कर आना, खाने की खुशबू आने पर उल्टी होना जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा इन दिनों शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण मतली जैसा अनुभव होने लगता है. शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन विशेष रूप से कब्ज और रिफलक्स (reflux) को ट्रिगर कर सकता है. ऐसे में यह तय कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है कि इन दिनों किन चीजों का सेवन करें और किन चीजों का नहीं.

आज हम इस लेख में कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आपको प्रेग्नेंसी के पहले महीने में खाने की जरूरत होती है ताकि इस दौरान होने वाली शारीरिक कमजोरी और परेशानियों को कम या कंट्रोल किया जा सके.

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी के पहले महीने के लक्षण)

  1. प्रेग्नेंसी के पहले महीने क्या खाएं? - What to eat in the first month of pregnancy in Hindi?
  2. प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए? - What not to eat in first month of pregnancy in Hindi?
प्रेग्नेंसी के पहले महीने क्या खाना चाहिए, क्या नहीं के डॉक्टर

साबुत अनाज (Whole Grains)

प्रेग्नेंसी के शुरुआत में शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. इस दौरान कई महिलाओं को कब्ज की शिकायत भी होती है. ऐसे में साबुत अनाज जैसे- ओट्स, ब्राउन राइस, जौ, क्विनोआ गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है. साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होता है, जो कब्ज और मतली जैसी समस्याओं को कंट्रोल कर सकता है. इसके अलावा साबुत अनात में कई तरह के विटामिंस और खनिज तत्व भरपूर होते हैं, जो भ्रूण के विकास में आपकी मदद कर सकते हैं.

लीन मीट (Lean Meat)

यह मीट आयरन और प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. इसके अलावा भ्रूण के विकास के लिए महिलाओं को भरपूर रूप से प्रोटीन की आवश्यकता होती है. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने डाइट में लिन मीट जैसे - पोर्क टेंडरलॉइन (Pork Tenderloin), टर्की और चिकन को शामिल करना चाहिए.

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी का पहला महीना में क्या-क्या होता है)

केला (Bananas)

प्रेग्नेंसी के शुुरुआत में पेट से जुड़ी परेशानियां काफी ज्यादा होने लगती हैं. ऐसे में केला आपके लिए बेस्ट डाइट हो सकता है. यह पोटेशियम का बेहतर स्त्रोत है, जो आपके शरीर की कमजोरियों को दूर करता है. साथ ही इससे पेट से जुड़ी परेशानियों को कंट्रोल किया जा सकता है.

डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy Products)

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को प्रोटीन और कैल्शियम का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए. इससे आपके भ्रूण का विकास सही से होता है. इस दौरान आप अपने डाइट में चीज, मिल्क और दही को शामिल कर सकते हैं.

डेयरी प्रोडक्ट्स में दो उच्च क्वालिटी के प्रोटीन पाए जाते हैं, कैसिइन (Casein) और व्हे (Whey). साथ ही डेयरी प्रोडक्ट कैल्शियम का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है. इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट में उच्च मात्रा में फास्फोरस, बी विटामिन, मैग्नीशियम और जिंक मौजूद होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है.

(और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल कैसे करें)

केल (Kale)

प्रेग्नेंसी के दौरान आप केल को सलाद के रूप में खा सकते हैं. यह पत्ता फाइबर, विटामिन ए, विटामिन ई, कैल्शियम, आयरन और फोलेट से भरपूर होता है. जो गर्भावस्था में होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करने में आपकी मदद करता है.

दालें और बींस (Beans and lentils)

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को भरपूर रूप से प्रोटीन की आवश्यकता होती है. ऐसे में आप अपने आहार में दालें और बींस को शामिल कर सकते हैं. दालें और बींस में आयरन, फोलेट, प्रोटीन और फाइबर भरपूर रूप से मौजूद होता है, जो गर्भावस्था में महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है.

इन खाद्य पदार्थों के अलावा आप गर्भावस्था के दौरान कई अन्य चीजों जैसे- उबले अंडे, शकरकंद, सैल्मन फिश, ब्रोकली, पालक, बादाम, अखरोट, सेब इत्यादि को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं.

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए)

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कुछ ऐसे फूड भी हैं जिन्हें आपको गर्भावस्था के पहले महीने में नहीं खाना चाहिए -

  • प्रेग्नेंसी के दौरान मरक्यूरी फिश का सेवन नहीं करना चाहिए. यह आपके लिए हाई टॉक्सिक हो सकता है.
  • आधे पके हुए मछली के सेवन से भी दूरी बनाएं रखें. 
  • गर्भावस्था में कच्चा अंडा न खाएं.
  • कैफीन-युक्त ड्रिंक्स - जैसे चाय और कॉफी - से दूरी बनाएं.
  • शराब और धूम्रपान के सेवन से बचें.
  • ऑर्गन मीट का सेवन न करें.
  • बिना धुली चीजों का सेवन न करें.

प्रेगनेंसी में अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान दें. डॉक्टर के सलाहनुसार ही अपने आहार में किसी तरह का बदलाव करें. अगर आपको गर्भावस्था के दौरान खाने के बाद किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. ताकि किसी भी तरह की एलर्जी से बचा जा सके.

(और पढ़ें - गर्भावस्था में डाइट चार्ट)

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