अगर आपकी प्रेगनेंसी पूरी तरह से सामान्य है, तो भी नीचे बताये नियमों का भी पालन ज़रूर करें -
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1. सबसे पहले अपने डॉक्टर से बात करें –
नियमित व्यायाम को शुरू, जारी या बदलने के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करें। अगर आप गर्भवती होने से पहले भी व्यायाम कर रहीं थी और अगर आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की समस्या नहीं है तो आप अपने व्यायाम में कुछ बदलाव लाकर उसे जारी रख सकते हैं। हालाँकि कुछ मामलों में गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करना ठीक नहीं होता इसलिए इसे शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करें।
2. सही मात्रा में कैलोरी का सेवन करें –
व्यायाम कैलोरी को बर्न कर देता है तो शरीर में उसकी मात्रा पूरी करने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ खाये जो आपको पोषण और मजबूती दोनों दे सके। जब आप गर्भवती होती हैं तब आपका वज़न धीरे धीरे बच्चे के विकास के साथ साथ बढ़ने लगता है। अगर आपका बॉडी मॉस इंडेक्स 18.5 और 24.9 के बीच है तो आपको पूरे दिन में 340 कैलोरी का सेवन दूसरे तिमाही में करना चाहिए। तीसरी तिमाही में आपको पूरे दिन में 450 कैलोरी का सेवन करना चाहिए। कैलोरी का सेवन आपके व्यायाम करने पर भी निर्भर करता है। कैलोरी अधिक वज़न या कम वज़न के अनुसार खाएं।
3. गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा भारी खेल न खेलें –
ऐसे खेल न खेलें जिनसे आपका संतुलन बिगड़ सकता है और जिनसे आप गिर सकते हैं जैसे हॉर्सबैक राइडिंग, जिमनास्टिक्स, माउंटेन बाइकिंग, बास्केटबॉल आदि। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में साइक्लिंग करना बिलकुल ठीक है लेकिन गर्भावस्था के बाद अगर आप स्टैशनेरी बाइक का इस्तेमाल करते हैं तो वो आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद रहेगी। रैकेट, स्कूबा डाइविंग जैसे खेल भी आपके लिए नुकसानदेह हैं।
4. सही कपड़ों का चयन करें –
गर्भावस्था के दौरान हमेशा ढीले ढाले कपडे पहने। ऐसे कपड़ों में आप सांस आसानी से ले सकेंगे। ऐसे कपड़ों का चयन करें जिन्हे आप आसानी से उतार सकें। आपकी ब्रा आरामदायक होनी चाहिए और आपके पैरों में जूते एकदम फिट होने चाहिए जिससे आप आसानी से चल सकें। अगर आप पैरों की सूजन की वजह से जूतों में आराम महसूस नहीं करते तो फ्लोटर्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
5. व्यायाम करने से पहले करें वार्मअप –
वार्मअप करने से आपकी मांसपेशियां और जोड़ों को व्यायाम के लिए तैयार करने में मदद मिलती है और आपके ह्रदय की गति भी धीरे धीरे बढ़ती है। अगर आप सीधा व्यायाम शुरू कर देते हैं और वार्मअप नहीं करते तो आपकी मांसपेशियों और लिगामेंट्स में खिचांव आ सकता है और वर्कआउट के बाद दर्द आपका बढ़ सकता है। आप वार्मअप के लिए चलने की प्रक्रिया को धीरे धीरे कुछ मिनट में बढ़ाते रहें।
6. ज़्यादा से ज़्यादा पानी पियें –
व्यायाम से पहले, दौरान और बाद में पानी ज़रूर पियें। अगर आप पानी पिने का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपका शरीर डिहाइड्रेटेड होने लगेगा और रक्त प्लेसेंटा तक नहीं पहुंच पाएगा। गर्भवती महिलाओं को कितना पानी पीना चाहिए इसका जवाब अभी नहीं मिल पाया है लेकिन आप अपने मूत्र को देखकर इस सवाल का जवाब पा सकते हैं। जब भी आप टॉयलेट जाएँ तो मूत्र का रंग ज़रूर देखें। अगर उसका रंग ज़्यादा पीला है तो इसका मतलब आपको हर घंटे एक से दो ग्लास पानी पीना ज़रूरी है।
7. अपनी कमर के बल एकदम सीधा न लेटें –
पहले तिमाही के बाद सीधा कमर के बल लेटने वाले व्यायाम न करें। क्योंकि आपके गर्भाशय का वजन मुख्य नस पर पड़ने लगता है जिसे वेना कावा (vena cava) कहते हैं, जिसकी वजह से रक्त का प्रवाह ह्रदय तक कम होता चला जाता है और आपके दिमाग और गर्भाशय तक रक्त का प्रवाह नहीं पहुंच पाता। इससे आपको साँस की तकलीफ, मतली जैसे समस्या हो सकती है। कुछ गर्भवती महिलायें इस स्थिति में किसी भी तरह की दिक्कत महसूस नहीं करती लेकिन इस तरह लेटना आपके गर्भाशय के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। आप अपनी कमर के नीचे तकिया लगा सकते हैं।
8. चलते फिरते रहें –
उदहारण के लिए जब आप योग अवस्था में हो या वेट उठाते वक़्त ज़्यादा समय के लिए एक जगह खड़े हैं या एक जगह स्थिर हैं। तो रक्त का प्रवाह ह्रदय और गर्भाशय तक पहुंच नहीं पाएगा और इससे कई कारण हो सकते हैं जैसे पैरों में रक्त का प्रवाह जाने लगेगा, ब्लड प्रेशर लो हो सकता है जिसकी वजह से आपको चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इसलिए जिस भी स्थिति में आप हो तो चलने फिरने, हिलने डुलने की प्रक्रिया भी करते रहें।
9. ज़्यादा व्यायाम न करें –
जब भी आप थकावट महसूस करें तो व्यायाम को आगे न बढ़ाएं। हमेशा अपने शरीर की सुने। जिस भी समय आपको कही भी दर्द हो तो व्यायाम को रोक दें। फिर व्यायाम के बाद दिन का काम शुरू करने से पहले थोड़ा आराम कर लें। जैसे अगर आप आधे घंटे के लिए चले हैं तो आधे घंटे के लिए आराम भी करें।
10. अधिक गर्मी और उमस में व्यायाम न करें –
गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से आपका रक्त का प्रवाह और उच्च चयापचय दर बढ़ता है। इससे आप हमेशा से ज़्यादा गर्म महसूस करने लगते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गर्म और उमस वाली जगह पर व्यायाम न करें। ये स्थिति किसी किसी के साथ होती है लेकिन अगर आपको अधिक पसीना आ रहा है तो इस बात पर ज़रूर ध्यान दें क्योंकि इससे आपको चक्कर, मतली और साँस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। ठंडा होने के लिए अपने पसीने वाले कपड़ों को उतारे और हल्के कपडे पहने, किसी ठंडी जगह या एयर कंडीशनर के सामने जाकर बैठ जाएँ और खूब सा पानी पियें।
11. उठने के लिए किसी का सहारा लें या आराम से उठें –
जैसे जैसे आपका वज़न और पेट बढ़ता जाता है वैसे वैसे आपको चलने उठने के लिए किसी के सहारे या सावधानियों की ज़रूरत होती है। जब भी अवस्था को बदले तो ध्यान से बदलें। एकदम से न उठे। एकदम से उठने से आपको चक्कर आ सकते हैं और आप ऐसे गिर भी सकते हैं।
12. कुछ आरामदायक व्यायाम करें –
वर्कआउट के बाद पांच से दस मिनट के लिए गर्भावस्था से जुडी कुछ स्ट्रेचिंग करें। इससे आपका लचीलापन सुधरता है और हृदय की दर सामान्य रहती है। स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों का दर्द भी कम होता है।
13. व्यायाम को बनाये आदत –
गर्भावस्था के दौरान रोज़ाना व्यायाम करने की आदत डालें। इससे आपके गर्भावस्था के बाद भी व्यायाम करने का रूटीन बना रहेगा। इससे आप और आपका बच्चा दोनों स्वस्थ और फिट रहेंगे। व्यायाम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने दोस्तों के साथ चलना, व्यायाम करना या जिम आदि बाते करते करते कर सकते हैं।
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