गर्भावस्था के समय जब महिलाओं का शरीर गर्भ में बच्चे का विकास कर रहा होता है तब आपके शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन जैसे कई हार्मोन तेजी से बढ़ते हैं। कुछ इसी तरह के हार्मोन्स माहवारी से पूर्व भी महिलाओं के शरीर में स्त्रावित होते हैं। इसमें आपके स्तनों में संवेदनशीलता आ जाती है। संवेदनशीलता के कारण ही आपकी ब्रा भी आपको असहज करने लगती है। इसी तरह की संवेदनशीलता व दर्द आप अपनी प्रेग्नेंसी के तीसरे व चौथे सप्ताह भी महसूस करती हैं।
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इस समय आपके स्तनों का आकार बढ़ जाता है। स्तनों में वसा की परत मोटी हो जाती है। साथ ही स्तनों में दूध को बनाने वाली ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और रक्त प्रवाह भी तेज हो जाता है। यही बदलाव आपके स्तनों को स्तनपान कराने के लिए तैयार करता है।
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गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द होना बेहद ही आम बात है। स्तनों में संवेदनशीलता व दर्द प्रेग्नेंसी के समय हर महिला अनुभव करती है। इस समय महिलाओं को स्तन में दर्द होने के साथ ही जी मिचलाना व थकान की भी समस्या हो जाती है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में स्तनों में दर्द होने की परेशानी देखी ही जाती है, जबकि दूसरी तिमाही में यह हार्मोन्स के स्थिर होते ही यह प्रतिक्रिया सामान्य हो जाती है। कुछ महिलाओं को यह परेशानी तीसरी तिमाही में भी महसूस होती है।
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