हर महिला के लिए गर्भावस्‍था एक खूबसूरत अहसास होता है। गर्भधारण करने के बाद हर महिला के मन में एक न एक बार तो यह विचार आता ही है कि उसके गर्भ में लड़का होगा या लड़की। हालांकि, माता-पिता के लिए लड़का हो या लड़की, दोनों ही महत्‍वपूर्ण होते हैं लेकिन फिर भी मन में ये ख्‍वाहिश तो जरूर आती है कि उनकी जिंदगी में बेटा आने वाला है बेटी। यह जानने के लिए नौ महीने का इंतजार सदियों जैसा लगता है।

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भारत में गर्भावस्था के दौरान बच्चे के लिंग की जांच अवैध और दंडनीय अपराध है। कुछ लोग गर्भ में ही भ्रूण के लिंग की पहचान करने के लिए लिंग-निर्धारण परीक्षणों का इस्तेमाल करते हैं और अगर गर्भ में लड़की हो तो उसकी भ्रूण हत्या (मां के गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या) करवा दी जाती है। इस वजह से भारत में लिंग अनुपात में काफी असंतुलन आ चुका है।

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पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के अनुसार गर्भ में पल रहे बच्‍चे के लिंग की जांच करवाने पर 50 हजार रुपए जुर्माने के साथ तीन साल की कैद या 1 लाख रुपए के जुर्माने के साथ पांच साल की सजा का प्रावधान है। ये सजा न केवल लिंग जांच करवाने वाले माता-पिता के लिए है बल्कि इस जांच को करने वाले डॉक्‍टर को भी दं‍डित किया जाता है।

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परिवार में बच्‍चे के आने की खबर से ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। प्रसव से पहले ही लोग ये अनुमान लगाने लगते हैं कि बेटा होगा या बेटी। हालांकि, गर्भ में पल रहे बच्‍चे के लिंग का पता लगाने का कोई वैज्ञानिक तरीका या प्रमाण तो नहीं है लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाओं में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जिनसे ये पता लग सके कि गर्भ में लड़का है या लड़की।

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आज इस लेख के ज़रिए पेट में लड़का होने के लक्षण से जुड़े मिथकों के बारे में ही बताने जा रहे हैं।

  1. मिथक: पेट में लड़का होने का लक्षण है मॉर्निंग सिकनेस होना - Pet me ladka hone ke lakshan hai morning sickness hona
  2. मिथक: गर्भावस्था में लड़का होने के लक्षण बताती है आपकी त्वचा - Garbhavastha me ladka hone ke lakshan batati hai aapki twacha
  3. मिथक: गर्भ में लड़का होने का संकेत देती है भ्रूण के दिल की धड़कने - Garbh me ladka hone ke sanket deti hai bache ke dil ki dhadkane
  4. मिथक: गर्भ में लड़का होने की निशानियों में शामिल है पेट का आकार - Garbh me ladka hone ki nishaniyo me shamil hai pet ka aakar
  5. मिथक: गर्भ में लड़का होने का लक्षण है खट्टी चीजें खाने की इच्छा होना - Garbh me ladka hone lakshan hai khatti chije khane ka man hona
  6. मिथक: पेट में लड़का होने का लक्षण है मूड का अचानक बदलना - Pet me ladka hone ka lakshan hai mood ka achanak badalna
  7. मिथक: पेट में लड़का होने का संकेत देता है सोने का तरीका - Pet me ladka hone ka sanket deta hai sone ka tarika
  8. मिथक: गर्भ में लड़का होने का लक्षण है बालों में बदलाव होना - Garbh me ladka hone ka lakshan hai balo me badlav hona
  9. मिथक: गर्भ में लड़का होने के संकेत में शामिल है भोजन ज्यादा करना - Garbh me ladka hone ke sanket me shamil hai jyada khana
  10. मिथक: पिता की नौकरी से पता चलता है गर्भ में लड़का होने का संकेत - Pita ki job se pata chalta hai garbh me ladka hone ka sanket
  11. गर्भ में लड़का होने के अन्य प्रचलित मिथक - Garbh me ladka hone se jude anya mithak

लड़का - आप सभी ने इस बात को तो सुना ही सुना कि गर्भावस्था में सुबह के समय महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस होती है। कुछ लोगों द्वारा महिलाओं को होने वाली मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण को उनके गर्भ पल रहे बच्चे के लिंग से जोड़कर देखा जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में लड़का होने पर महिला को लड़की होने की अपेक्षा मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम होती है। 

लड़की - जब महिला के गर्भ में लड़की होती है तो उसके शरीर का हार्मोन स्तर काफी अधिक होता है। इस वजह से जिस महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मॉर्निंग सिकनेस हो, तो उसके गर्भ में लड़की होने का अनुमान लगाया जाता है। कुछ अध्ययन में भी पाया गया जिन महिलाओं को सुबह के समय ज्यादा मॉर्निंग सिकनेस होती है, उनको लड़की होने की संभावनाएं अधिक होती है। लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इस विषय को लेकर कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलते हैं।    

वास्तव में सच यह है कि मॉर्निंग सिकनेस की समस्या का स्तर हर महिला में अलग-अलग होता है।   

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लड़का - गर्भावस्था के दौरान महिला की त्वचा भी गर्भ में लड़का या लड़की होने की ओर इशारा करती है।
माना जाता है गर्भ में लड़का होने पर महिला के चेहरे पर लड़की होने के मुकाबले कम मुंहासे, दाने और रैशेज होते हैं। इसके साथ ही लड़का होने पर महिला के चेहरे पर चमक आ जाती है। 

लड़की - कुछ लोगों का मानना है कि प्रेग्नेंसी के समय गर्भ में लड़की मां की सुंदरता को कम कर देती है। इस कारण गर्भावस्था में महिला के चेहरे में दाने, मुंहासे या रैशेज हो जाते हैं।
इसके साथ ही गर्भवती महिला के चेहरे पर गर्भावस्था के दौरान कोई चमक ना हो, तो यह भी गर्भ में लड़की होने का संकेत होता है।

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लेकिन सच्चाई यह है कि प्रेग्नेंसी में हार्मोन का स्तर हर महिला में अलग-अलग हो सकता है, और ये ही चेहरे की सुंदरता का मुख्य कारक होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान यदि आप चेहरे को बार-बार साबुन से साफ करती हैं, तो इससे चेहरे पर रूखापन या अन्य समस्या होना आम बात है।

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लड़का - प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण की दिल की धड़कनों से भी गर्भ में लड़की या लड़का होने का अनुमान लगाया जाता है। कई बुजुर्ग महिलाएं मानती हैं कि गर्भ में भ्रूण की हृदय गति या दिल की धड़कने 140 से 160 प्रति मिनट से कम होने पर लड़का होता है।

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लड़की - गर्भावस्था में महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के दिल की धड़कने 140 प्रति मिनट से अधिक होने पर लड़की होने का अनुमान लगाया जाता है। 

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हालांकि, गर्भ में भ्रूण के लिंग की जांच करने का यह तरीका बेशक वैज्ञानिक लगता हो, परंतु इसके विषय में भी कोई पुख्ता आधार मौजूद नहीं हैं। महिला का प्रसव शुरू होने पर इसको कुछ मामलों में सही माना जा सकता है, लेकिन इससे पहले भ्रूण की आयु उसके दिल की धड़कनों को प्रभावित करती है।
प्रेग्नेंसी के पांच सप्ताह में भ्रूण की धड़कने मां की दिल की धड़कनों के बराबर ही हो जाती हैं, जबकि गर्भावस्था के 9वें सप्ताह तक भ्रूण की दिल की धड़कने बढ़कर 170 से 200 प्रति मिनट के बीच पहुंच जाती है। अगर यह धीमी गति से बढ़ती है तो ऐसे में दिल की धड़कने 120 से 160 प्रति मिनट के बीच रहती है।

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लड़का - प्रेग्नेंसी के समय में महिला के पेट का आकार भी लड़का या लड़की होने की ओर संकेत करता है। गर्भावस्था में जिन महिलाओं के पेट का आकार कम बड़ा या पेट नीचे की ओर होना, गर्भ में लड़का होने का संकेत करता है।

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लड़की - माना जाता है जिन महिलाओं का पेट काफी बड़ा होता है या बीच के हिस्से से आगे की ओर होता है उनको लड़की होती है।

लेकिन गर्भावस्था के दौरान पेट का आकार बढ़ा या कम होना, महिला के शरीर के आकार, पेट की मांसपेशियों और गर्भाशय के आकार पर निर्भर करता है। गर्भ में जुड़वा बच्चे होने पर भी इन्हीं मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है।

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लड़का - प्रेग्नेंसी में महिला को कुछ खास तरह के आहार खाने की इच्छा होती है। इस विषय पर दूसरे देशों में हुए अध्ययन में पाया गया कि 50 से 90 प्रतिशत महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान विभिन्न तरह के खाने की इच्छा होती है।

लोगों का मानना है कि जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में नमकीन और खट्टी चीजें खाने का मन करता है, उनको लड़का होता है। 

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लड़की - वहीं जिन महिलाओं को मीठी चीजें जैसे चॉकलेट व आइस क्रीम खाने का मन करता है उनके गर्भ में लड़की होती है।

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हालांकि, महिलाओं में खट्टी या मीठी चीजें खाने का मन करना उनके शरीर में पोषक तत्वों की जरूरत पर निर्भर करता है। कुछ अध्ययन से यह भी पता चलता है कि महिलाओं को मासिक धर्म से पहले और गर्भावस्था के समय सामान चीजों को खाने की इच्छा होती है।

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लड़का - माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के समय जिन महिलाओं के मूड में ज्यादा बदलाव नहीं होता, उनके गर्भ में लड़का होता है। इन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान अचानक चिड़चिड़ापन या गुस्सा नहीं आता है।

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लड़की - वहीं जिन महिलाओं के मूड में अचानक बदलाव होता है, जैसे चिड़चिड़ापन, तनाव या गुस्सा आता है, तो यह स्थिति उनके गर्भ में लड़की होने की ओर इशारा करती है।

सच्चाई यह है कि प्रेग्नेंसी के पहली और तीसरी तीमाही में अधिकतर महिलाएं मूड में बदलाव को महसूस करती हैं। शारीरिक तनाव, थकान, हार्मोन व अन्य कारक मूड में बदलाव के लिए तो जिम्मेदार हो सकते हैं, लेकिन इनका संबंध गर्भ में पलने वाले भ्रुण के लिंग से नहीं होता है।

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लड़का - प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का पेट बढ़ने के कारण उनको सोने में मुश्किल होती है। इस वजह से अधिकतर महिलाएं परेशान हो जाती हैं। इस समय सही तरह से सो पाना हर महिला के लिए बेहद मुश्किल होता है। लेकिन इस समय महिला के सोने का तरीका भी उसके गर्भ में लड़की या लड़का होने की ओर संकेत करता है।  

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यदि गर्भवती महिला बायीं तरफ करवट लेकर सोती है तो यह लड़का होने का संकेत माना जाता है।

लड़की - लेटते समय यदि महिला को पेट में बच्चे के हिलने डुलने का अनुभव नहीं होता है तो लड़की होने की संभावना होती है। 

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लड़का - यदि महिला के सिर के बाल पहले से अधिक चमकदार हो जाते हैं, तो ऐसे में लड़का होने की सम्भावना जताई जाती है।

वहीं महिला के पैरों पर वैक्सिंग कराने के बाद बाल जल्दी जल्दी आ जाते हो या पैरों के बाल तेजी बढ़ रहे हो, तो इससे भी महिला के गर्भ में लड़का होने का अनुमान लगाया जाता है।

लड़की - यदि प्रेग्नेंसी में महिला के सिर के बाल अधिक झड़ते हो और पहले से अधिक पतले हो गए हैं तो लोगों के अनुसार एेसी महिला को लड़की होती है। 
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वहीं वैक्सिंग के बाद पैरों के बाल सामान्य गति या उससे कम तेजी से आते हो तो इसका संबंध गर्भ में लड़की होना लगाया जाता है। 

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लड़का -  प्रेग्नेंसी से पहले महिलाओं के खाने की आदत भी उनके गर्भ के लिंग का अनुमान लगाने में मदद कर सकती है। 

यदि महिलाएं गर्भवती होने से पहले अधिक कैलोरी वाले आहार खाएं, तो ऐसे में लोगों के मुताबिक महिला के गर्भ में लड़का होने की सम्भावना अधिक होती है।

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लड़की - महिला के द्वारा गर्भवती होने से पहले कम कैलोरी वाले आहार खाना या उनको ज्यादा भूख नहीं लगना, प्रेग्नेंसी के समय गर्भ में लड़की होने के लक्षण की ओर संकेत करता है। 

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लड़का – जिन महिलाओं के पति कम तनाव पूर्ण और प्रदूषण रहित वातावरण में नौकरी करते हैं उनको अन्य के मुकाबले लड़का होने की संभावना ज्यादा होती है।

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लड़की - इंग्लैंड में किए गए अध्ययन से इस बात का पता चला है कि जो पुरूष तनाव और प्रदूषण युक्त वातावरण में काम करते हैं उनको लड़की होने की संभावनाएं अधिक होती है। अध्ययन में आटा मिल में काम करने वाले, पेशेवर ड्राइवर और हवाई जहाज चलाने वाले पायलेट आदि पेशे से जुड़े लोगों की पत्नियों को लड़की होने की संभावना ज्यादा होती है।

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गर्भ में लड़का होने के अन्य मिथक 

  • अगर गर्भावस्था के दौरान जल्दी जल्दी या अत्यधिक सिर दर्द होता है तो भी मान्यता है कि लड़का होता है। (और पढ़ें - गोरा बच्चा पैदा करने के उपाय)
  • यह थोड़ा अजीब लेकिन प्रचलित तरीका है। यदि गर्भवती महिला को इस दौरान पैरों में जलन या ठंडक महसूस होती है तो अनुमान लगाया जाता है कि लड़का होगा।
  • कुछ लोगों का मानना है कि यदि गर्भावस्था के दौरान बच्चे के पिता का वजन बढ़ता है, तो लड़का होता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में पैरों में दर्द )
  • यदि महिला किसी भी चाबी को ऊपरी गोलाकार हिस्से की तरफ से पकड़ती है तो एेसे में उसको लड़का होने की सम्भावना होती है।

गर्भ में लड़की होने के अन्य मिथक 

संदर्भ

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