गर्भावस्था जीवन का एक ऐसा दौर है जब मां को कुछ भी करने से पूर्व अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मां के द्वारा किया गया हर काम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गर्भ में पल रहे शिशु को प्रभावित करता है। आहार लेते समय अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जो आहार मां लेती है गर्भस्थ शिशु के लिए वही एकमात्र आहार स्रोत है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान सेवन किए जाने वाले हर खाद्य पदार्थ के लाभ और दुष्प्रभाव को जानना महत्वपूर्ण है।

उचित मात्रा में सेवन करने पर चावल एक सुपरफूड है। आपको यह जानने के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए कि आपके लिए चावल की आहार में मात्रा कितनी होनी चाहिए। इसके अलावा ऐसे चावल ही खरीदें जो कि रसायनों और कीटनाशकों से मुक्त हो।

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चावल दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले अनाज में से एक है। चावल, आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए मुख्य भोजन है। क्या गर्भावस्था के दौरान चावल खाना आपके और आपके बच्चे के लिए सुरक्षित है? क्या गर्भावस्था में चावल खा सकते हैं? आइए गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के लाभों और दुष्प्रभावों पर एक नज़र डालें।

  1. प्रेगनेंसी में चावल खाने के फायदे - Pregnancy mein chawal khane ke laabh
  2. प्रेगनेंसी में चावल खाने के नुकसान - Pregnancy mein chawal khane ke nuksan
  3. प्रेगनेंसी में चावल कैसे और कितना खाएं ? - Pregnancy mein chawal kaise aur kitna khaye
  4. प्रेगनेंसी में चावल खाने की सावधानियां - Pregnancy mein chawal khane ki savdhaniyan
  5. सारांश

चावल कई लोगों के लिए दैनिक आहार का एक जरूरी हिस्सा है। कई आवश्यक विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से चावल देश की बड़ी आबादी के लिए मुख्य भोजन भी है।

गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के फायदे निम्नलिखित हैं:

  • चावल में फाइबर और पानी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक फाइबर और पानी की जरूरत होती है क्योंकि वे कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं से बचाव करते हैं। चावल एक बेहतरीन विकल्प है और निश्चित रूप से पाचन समस्याओं के कारण होने वाली बेचैनी को कम करने में मदद करता है।
  • चावल में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो गर्भावस्था के दौरान बहुत जरूरी होते हैं जिनकी वजह से गर्भ में बच्चा बिना किसी परेशानी के बढ़ता है। चावल में विटामिन डी, थायमिन, कैल्शियम, आयरन, राइबोफ्लेविन और फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
  • चावल में पाया जाने वाला विटामिन डी गर्भवती महिला की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और बच्चे की हड्डियों को मजबूत करता है।
  • गर्भवती महिलाओं की हड्डियों में कमजोरी आम बात है, जिससे दर्द और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। चावल में कैल्शियम होता है जो गर्भावस्था में शक्ति प्रदान करता है।
  • चावल में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान चावल आहार को संतुलित करता है।
  • चावल में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और संक्रमण होने से भी रोकते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान चावल का सेवन गर्भवती महिला और बच्चे दोनों को मूत्रजननांगी संक्रमण से सुरक्षित रखता है।
  • चावल में सोडियम की मात्रा कम होती है जो गर्भवती के रक्तचाप के स्तर में नियंत्रण रखता है।
  • चावल में स्टार्च होता है जो आंत को प्रभावित करता है जिससे कब्ज और रक्तस्राव आदि से बचाव होता है।
  • इसलिए गर्भावस्था के दौरान चावल का सेवन करने से हड्डियों और दांतों में मजबूती आती है।
  • चावल में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट से शरीर को ऊर्जा मिलती है।

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गर्भावस्था में चावल खाने से नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • चावल अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है जिसके कारण गर्भवती स्त्री मोटापे से ग्रसित हो सकती है, चावल खाते समय जरूर ध्यान रखना चाहिए की भोजन में चावल की मात्रा ज्यादा न हो। खाने में सिर्फ चावल खाना भी ठीक नहीं है।
  • चावल में अधिक मात्रा में ग्लाइसेमिक होता है जो ब्लड ग्लूकोस लेवल को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था के दौरान गर्भकालीन मधुमेह की संभावना रहती है।
  • चावल में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होती है इसलिए चावल के अधिक सेवन से भ्रूण की मृत्यु हो सकती है। इसलिए चावल को ज्यादा खाने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती महिला को कच्चे चावल नहीं खाने चाहिए हालांकि गर्भावस्था में कभी-कभी कच्चे चावल खाने की तीव्र इच्छा हो सकती है लेकिन कच्चे चावल से परहेज किया जाए तो अच्छा है क्योंकि कई बार इसके दुष्प्रभाव गंभीर भी हो सकते हैं। कच्चे चावल खाने से पेट में गंभीर दर्द और गर्भस्थ शिशु को अपरिवर्तनीय नुकसान हो सकते हैं। 
  • कच्चे चावल में अधिक मात्रा में कीटनाशक और रसायन होते हैं जो मां और बच्चे दोने के लिए हानिकारक है।

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यूं तो गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के कुछ खास दिशानिर्देश नहीं हैं लेकिन फिर भी कोई अन्य खाद्य पदार्थ हो या चावल उसे उतना ही खाएं जितना शरीर के लिए जरूरी हो। देखा जाए तो चावल मुलायम भोजन है जो स्वाद में तो अच्छा लगता है लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। चावल को उबाल कर, फ्राई कर के या जैसे भी चावल को खाने में स्वाद आए उसे वैसे ही खा सकते हैं। 

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चावल का सेवन करने से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • बाजार से चावल खरीदते वक्त यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि चावल में कीटनाशक या किसी रसायन का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है, इससे फूड पाइजनिंग, एलर्जी आदि समस्या हो सकती है। यह जरूरी नहीं है कि कीटनाशक का इस्तेमाल सिर्फ चावल की फसल उगाने के दौरान खेत में ही किया गया हो। कई बार अनाज स्टोर करने के लिए भी कीड़े मारने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
  • गर्भावस्था में कच्चे चावल खाने से परहेज करना चाहिए।
  • चावल को अच्छी तरह से पका कर ही खाना चाहिए।  

बाकी अन्य खाद्य पदार्थों की तरह चावल का सेवन भी सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में चावल रोज खाए जा सकते हैं लेकिन फिर भी सुरक्षा के नजरिए से आहार में कितना चावल लेना है इसकी उचित मात्रा को जानने के लिए चिकित्सक से परामर्श लेना एक महत्वपूर्ण बिंदु है।

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प्रेग्नेंसी में चावल खाना सुरक्षित है, बशर्ते कि इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए। चावल कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है, जो ऊर्जा प्रदान करता है और भूख को संतुष्ट करता है। इसके अलावा, इसमें कुछ मात्रा में फाइबर, विटामिन बी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो प्रेग्नेंसी में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, सफेद चावल की बजाय ब्राउन चावल या अनपॉलिश्ड चावल लेना बेहतर है, क्योंकि इनमें फाइबर और पोषक तत्व अधिक होते हैं। चावल का अत्यधिक सेवन करने से वजन बढ़ सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखना जरूरी है। इसके साथ, अगर गर्भवती महिला को डायबिटीज़ या वजन की समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह से ही चावल का सेवन करें।

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