हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि जो महिलाएं बर्थ कंट्रोल मेथड के तौर पर गर्भनिरोधक गोली का सेवन करती हैं उन महिलाओं में नए कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 के गंभीर लक्षण विकसित होने की आशंका कम होती है। ऐसे में यह अध्ययन इस बात को समझने में मदद करता है कि आखिर महिलाओं की तुलना में पुरुष कोविड-19 बीमारी से ज्यादा पीड़ित क्यों हैं।
कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा देने में एस्ट्रोजेन की अहम भूमिका
मई से लेकर जून 2020 के बीच किंग्स कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 5 लाख से अधिक महिलाओं की जांच की और इस दौरान उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा में एस्ट्रोजेन (oestrogen) की महत्वपूर्ण भूमिका की पहचान की। अपने इस अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि जो महिलाएं combined ओरल कॉन्ट्रैसेप्टिव पिल सीओसीपी (इसे कम्बाइन्ड गर्भनिरोधक गोली इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन का मिश्रण होता है) का सेवन करती हैं उनमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण विकसित होने का खतरा औसतन करीब 13 प्रतिशत कम होता है।
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मेनोपॉज के बाद वाली महिलाओं में 22 प्रतिशत जोखिम अधिक
इस बीच, अध्ययन के दौरान यह बात भी सामने आयी कि पोस्टमेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति के बाद वाली महिलाओं में मेनोपॉज से पहले वाली महिलाओं की तुलना में 22 प्रतिशत जोखिम अधिक था। नए कोरोना वायरस से पहले सामने आ चुके श्वास की बीमारियों से संबंधित बेहद खतरनाक वायरस जैसे- सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) के मामले में हो चुके अध्ययनों में भी एस्ट्रोजेन की अहमियत का सुझाव दिया गया था।
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कोविड-19 और एस्ट्रोजेन के बीच लिंक को स्थापित किया गया
हालांकि, किंग्स कॉलेज लंदन की इस रिसर्च को यूनिवर्सिटी के सिम्पटम-ट्रैकिंग (लक्षणों का पता लगाने वाले) ऐप के डेटा का उपयोग करके संचालित किया गया और यह अपने तरह का पहला अध्ययन है जिसमें कोविड-19 और एस्ट्रोजेन के बीच लिंक को स्थापित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि कोई व्यक्ति कितने इम्यून सेल्स (प्रतिरक्षा कोशिकाओं) का उत्पादन करता है और ये इम्यून सेल्स इंफेक्शन के खिलाफ कितनी बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं- इस प्रक्रिया को एस्ट्रोजेन हार्मोन प्रभावित करता है।
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कोविड-19 से मौत के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा
एस्ट्रोजेन को फीमेल हार्मोन भी कहा जाता है और यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं के शरीर में उच्च अनुपात में मौजूद रहता है। आपको बता दें कि दुनियाभर के आंकड़े इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि कोविड-19 से जुड़ी मौतों के मामले में सभी आयु वर्ग में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। इंग्लैंड और वेल्स में तो कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से ही मरने वालों में 55 प्रतिशत से अधिक पुरुष शामिल हैं।
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गोली लेने वाली महिलाओं में गोली न लेने वालों की तुलना में खतरा कम
इस नई स्टडी की को-ऑथर डॉ कार्ला ली कहती हैं, 'हमने यह अनुमान लगाया कि उच्च एस्ट्रोजन के स्तर वाली प्रीमेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति से पहले वाली महिलाओं में कम गंभीर कोविड-19 होता है, उसी उम्र और बीएमआई की महिलाओं की तुलना में जो मेनोपॉज से गुजर चुकी होती हैं और हमारे निष्कर्षों ने इसका समर्थन किया।' डॉ ली आगे कहती हैं कि जब उनकी टीम ने कम्बाइन्ड मौखिक गर्भनिरोधक गोली लेने वाली कम उम्र की महिलाओं की तुलना उसी उम्र की महिलाओं के साथ की जो गोलियों का सेवन नहीं कर रही थीं तो गोली लेने वाली महिलाओं में कोविड-19 के कम गंभीर लक्षण देखने को मिले।
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गोली में मौजूद हार्मोन कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा दे सकता है
इस अध्ययन के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं ने यह सुझाव दिया कि गोली में मौजूद हार्मोन "कोविड-19 के खिलाफ कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है"। सीओसीपी गर्भनिरोधक गोली का इस्तेमाल करने वालीं 18 से 45 साल के आयु वर्ग के बीच की महिलाओं में कोविड-19 होने का अनुमान कम था। साथ ही में बीमारी से जुड़े लक्षण जैसे- लगातार आने वाली खांसी, उन्माद या बेहोशी, सूंघने की शक्ति का कम हो जाना, भूख न लगना, भोजन न करना, गंभीर थकान और दर्द जैसी समस्याएं भी कम थीं। इस समूह की महिलाओं में अस्पताल में भर्ती होने की दर भी काफी कम थी।
प्रोजेस्टेरॉन में होती है एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी यह बात सामने आयी थी कि चूंकि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में कोरोना वायरस से मृत्यु की दर अधिक है इसलिए डॉक्टर और वैज्ञानिक फीमेल सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजेन की मदद से पुरुषों का इलाज करने की बात कह रहे थे। एस्ट्रोजेन के अलावा महिलाओं में पाए जाने वाले एक और हार्मोन प्रोजेस्टेरॉन में भी एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है जो संभावित रूप से इम्यून सिस्टम में वाले हानिकारक ओवररिऐक्शन को रोक सकता है।