जब से एक महिला गर्भवती होती है तब से, वह सिर्फ इस बात का ध्यान रखती है कि उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हो। लेकिन इसके लिए मां को भी स्वस्थ और खुश होना चाहिए। चूंकि गर्भावस्था का समय एक महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव लाता है इसलिए उसे स्वस्थ होने और बच्चे से जुड़ने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए। उसे इस दौरान प्यार भरी देखभाल के साथ सपोर्ट की जरूरत होती है और ठीक होने में थोड़े समय की। इस लेख में प्रसव के बाद के पहले 40 दिन आपको क्या करना चाहिए इसके बारे में जानकारी देंगे।

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  1. ज्यादा स ज्यादा घर पर रहें - What Is The Confinement Period For New Mothers in Hindi
  2. डिलीवरी के बाद कितने दिन तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए? - How long is the confinement period in Hindi
  3. डिलीवरी के बाद महिला को ठीक होने में कितना समय लगता है? - How Long Will a mother Take To Heal From Delivery in Hindi
  4. डिलीवरी के बाद स्तनपान कब तक कराना चाहिए? - breastfeeding baby after delivery in Hindi
  5. डिलीवरी के बाद शुरूआती 40 दिन क्या खाना चाहिए? - What should be eaten during first 40 days after delivery in Hindi
  6. सारांश

पारंपरिक भारतीय प्रथाओं के अनुसार डिलीवरी के बाद के पहले 40 दिन या उससे अधिक के समय को लिए नई माताओं के लिए "घर से बाहर न निकलने का समय" मानते हैं। इस दौरान मां को घर के अंदर रहने और कम से कम घर के काम करने की सलाह दी जाती है जिससे नवजात शिशु को मां का पूरा समय और ध्यान मिल सके। कई भारतीय समुदायों के अनुसार प्रसव के बाद माता के घर से बाहर न निकलने के विभिन्न तरीके बताये गए हैं, जो वास्तव में नई मां और बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए होते हैं, और मां को प्रसव की थकावट से उबरने में मदद करते हैं। हालांकि रिवाज अलग-अलग हो सकते हैं क्योंकि भारत में हर चीज़ पूरे रीति रिवाज से होती है। कुछ महिलाएं बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं जिससे फिर उनके घर में रहने का समय बहुत लंबा हो जाता है। जबकि जिनके ठीक होने में थोड़ा समय लगता है उनके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण समय साबित होता है।

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद की समस्याएं और उपाय)

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डिलीवरी के बाद घर से बाहर न निकलने का समय परिवार की मान्यताओं और धार्मिक प्रथाओं पर निर्भर करता है, जो कुछ दिनों से 3 महीने तक हो सकता है। हालांकि 40 दिन तक घर से बाहर न निकलने का समय सबसे अधिक लोकप्रिय है। भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में महिलाएं 40 दिनों के लिए घर पर रहती हैं, जबकि पूर्वोत्तर और पूर्वी हिस्सों में यह समय बहुत छोटा होता है। दक्षिण क्षेत्र में महिलाओं को 60 दिनों के लिए घर पर रहने के लिए कहा जाता है।

इसका उद्देश्य केवल नई माताओं को अधिकतम आराम और सहायता प्रदान करना है फिर चाहे ये कितने भी समय का हो। हालांकि, छोटे परिवारों में, महिलाएं इस प्रक्रिया का पालन नहीं करती हैं इसका कारण या तो समर्थन की कमी होता है या फिर महिला का कामकाजी होना।

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शरीर डिलीवरी के बाद अपनी गति से ठीक होता है। हालांकि दर्द और पीड़ा काफी लंबे समय तक रहेगी, खासकर अगर आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुयी हो तब। यद्यपि नवजात शिशु के साथ आराम करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि उसे हर दो घंटे में दूध पिलाना जरूरी होता है। फिर भी आप कुछ सरल स्टेप्स लेकर इस समय का आनंद ले सकती हैं -

  • अच्छी तरह से खाएं। 
  • संक्रमण के लक्षणों की जांच करवाएं।
  • घर के अन्य कामों से दूर रहें।
  • जितना अधिक संभव हो आराम करें और सोयें।

(और पढ़ें - नार्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी में से क्या है अधिक बेहतर?)

कई डॉक्टर, चिकित्सा विशेषज्ञ और स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रसव के बाद बच्चे को छह महीने तक स्तनपान कराने की सलाह दी है।

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यद्यपि यह आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा और प्राकृतिक पोषण है। स्तनपान कराना आसान काम नहीं है आपको इस दौरान अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इस दौरान स्तनों में दुग्ध की अधिकता होना या खट्टे निपल्स, बच्चे द्वारा दूध न पीना आदि समस्याएं होती हैं जो काफी स्वाभाविक हैं। इसके अलावा, रात के समय दूध पिलाना आपके लिए परेशानी वाला हो सकता है।

सौभाग्यवश, स्तनपान संबंधी मुद्दों से निपटने के कई तरीके होते हैं। आप इस सम्बन्ध में डॉक्टर से भी सलाह ले सकती हैं।

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डिलीवरी के बाद आपको बहुत लोग ये सलाह देंगे कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। परंपराएं भिन्न जगहों पर ही नहीं बल्कि परिवारों में भी भिन्न होती हैं।

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यद्यपि इसमें भी कई प्रतिबंध हो सकते हैं। आप को अच्छी तरह से ठीक होने और अपने बच्चे के लिए पौष्टिक दूध पैदा करने के लिए स्वस्थ भोजन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

इसलिए अपने आहार में आयरन, कैल्शियम, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन जैसे सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व शामिल करें। सही भोजन करने से आपको न केवल ठीक होने में मदद मिलेगी बल्कि अपने नए कर्तव्यों को अपनाने के लिए भी ताकत मिलेगी। यह आपको वजन कम करने में भी मदद करता है।

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डिलीवरी के बाद अपना खयाल रखना नई माँ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वह स्वस्थ रह सके और शिशु की अच्छी देखभाल कर सके। शारीरिक रूप से, पर्याप्त विश्राम और पौष्टिक भोजन आवश्यक हैं। नई माँ को हाइड्रेटेड रहना चाहिए और आयरन, कैल्शियम, और प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए। धीरे-धीरे हल्के व्यायाम शुरू करना शरीर को पुनः स्फूर्ति और ताकत देने में मदद करता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए, समर्थन नेटवर्क बनाना महत्वपूर्ण है। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, और आवश्यकता पड़ने पर परामर्शदाता से मिलना फायदेमंद हो सकता है। स्तनपान करने वाली माँओं को स्तनपान की सही तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुल मिलाकर, डिलीवरी के बाद स्वयं की देखभाल करना माँ और शिशु दोनों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।

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