ऑफर - Urjas Oil सिर्फ ₹ 1 में X
Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः जोड़ों में दर्द, हड्डियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain के मुख्य घटक हैं गोखरू, अश्वगंधा, हल्दी, मेंथी, सहदेवी, शतावरी, त्रिफला, पनीर का फूल जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
गोखरू |
|
अश्वगंधा |
|
हल्दी |
|
मेंथी |
|
सहदेवी |
|
शतावरी |
|
त्रिफला |
|
पनीर का फूल |
|
Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
शोध कार्य न हो पाने की वजह से Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain के हानिकारक प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
क्या Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain के अच्छे या बुरे प्रभावों के बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है, इसलिए इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अतः आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का पेट पर क्या असर होता है?
Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain के इस्तेमाल से पेट को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
क्या Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
इस विषय में वैज्ञानिक शोध मौजूद न होने की वजह से Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का बच्चों पर क्या दुष्प्रभाव होता है, इसकी जानकारी नहीं है।
क्या Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
रिसर्च न होने के कारण Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
क्या Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
आप वाहन चला सकते हैं या कोई भारी मशीन से जुड़ा काम कर सकते हैं। क्योंकि Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain लेने के बाद क्योंकि आपको नींद नहीं आएगी।
क्या Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, Shuddhi Ayurveda Ortho Care For Joint Pain को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 49-52
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 60-61
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No - 114 - 115
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001 : Page No - 170 - 172.
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 122 - 123
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 54-56