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Patanjali Honey बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः इम्यूनिटी बढ़ाना, एंटीऑक्सीडेंट के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Patanjali Honey का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Patanjali Honey के मुख्य घटक हैं शहद जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Patanjali Honey की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
शहद |
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Patanjali Honey इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Patanjali Honey की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Patanjali Honey की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Patanjali Honey के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Patanjali Honey का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
Patanjali Honey का पेट पर क्या असर होता है?
बिना किसी डर के आप Patanjali Honey ले सकते हैं। यह पेट के लिए सुरक्षित है।
क्या Patanjali Honey का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों के लिए Patanjali Honey सुरक्षित है।
क्या Patanjali Honey शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Patanjali Honey लेने के बाद ड्राइव करना या दूसरे कामों को करना सुरक्षित है, क्योंकि आपको झपकी नहीं आएगी।
क्या Patanjali Honey का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Patanjali Honey को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
आप Patanjali Honey को निम्नलिखित के साथ ले सकते है:
क्या Patanjali Honey को गुनगुना पानी के साथ ले सकते है?
गुनगुने पानी के साथ Patanjali Honey लेने से कोई नुकसान नहीं है।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume VI. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No CCXLVIII-CCXLIX