ऑफर - Urjas Oil सिर्फ ₹ 1 में X
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः कमजोरी, थकान के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Kaahan Ayurveda Sehat King Powder के मुख्य घटक हैं आंवला, अश्वगंधा, हरीतकी (हरड़), सौंफ, शतावरी, काली मुसली, बहेड़ा, सफेद मूसली जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Kaahan Ayurveda Sehat King Powder की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
आंवला |
|
अश्वगंधा |
|
हरीतकी (हरड़) |
|
सौंफ |
|
शतावरी |
|
काली मुसली |
|
बहेड़ा |
|
सफेद मूसली |
|
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
अन्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Kaahan Ayurveda Sehat King Powder के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
गर्भवती महिलाओं पर Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का असर क्या होगा इस बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है। इसलिए इसकी सही जानकारी मौजूद नही है।
क्या Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का स्तनपान कराने वाली औरतों के शरीर पर किस तरह का प्रभाव होगा रिसर्च न हो पाने की वजह से कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए दवा लेने से पूर्व डॉक्टर से मिलें।
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का पेट पर क्या असर होता है?
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder को पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।
क्या Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder बच्चों के लिए सुरक्षित है इस बारे में कोई शोध न होने की वजह से ये कहना मुश्किल है कि Kaahan Ayurveda Sehat King Powder बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं।
क्या Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
क्या Kaahan Ayurveda Sehat King Powder शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Kaahan Ayurveda Sehat King Powder के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
क्या Kaahan Ayurveda Sehat King Powder का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, Kaahan Ayurveda Sehat King Powder को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 116 - 117
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 122 - 123
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34