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Ets डॉक्टर के द्वारा निर्धारित की जाने वाली दवा है, जो मेडिकल स्टोर से कैप्सूल दवाओं के रूप में मिलती है। इसे मुख्यतः महिला बांझपन, हार्मोन असंतुलन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Ets का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है।
मरीज की उम्र, लिंग व स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी के आधार पर ही Ets की खुराक निर्धारित की जाती है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए खुराक वाले खंड में पढ़ें।
Ets के साथ आमतौर पर कुछ साइड इफेक्ट देखे जाते हैं, जैसे कमर दर्द, ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि। कुछ मामलों में Ets के कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। Ets के दुष्प्रभाव जल्दी ही खत्म हो जाते हैं और इलाज के बाद जारी नहीं रहते। अगर ये दुष्प्रभाव और ज्यादा बिगड़ जाते हैं या ठीक नहीं होते तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें।
इसके अलावा Ets का प्रभाव प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए मध्यम है और जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती हैं, उन पर इसका प्रभाव मध्यम है। इसके अतिरिक्त Ets का लिवर, हृदय और किडनी पर क्या असर होता है इस बारे में नीचे Ets से जुड़ी चेतावनी के सेक्शन में चर्चा की गई है।
अगर आपको पहले से कुछ चिकित्सीय समस्याएं हैं जैसे लिवर रोग, ब्रैस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर तो Ets दवा की सलाह नहीं दी जाती है, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। इनके आलावा कुछ अन्य समस्याएं भी हैं जिनमें Ets लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे में जानकरी के लिए आगे पढ़ें।
Ets के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। ऐसी दवाओं की पूरी सूची आगे इस लेख में दी गयी है।
इन सभी सावधानियों के अलावा याद रखें कि वाहन चलाते समय Ets को लेना सुरक्षित है, साथ ही इस की लत लगने की संभावना है।
Ets इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Ets की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Ets की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क(महिला) |
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क्या Ets का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
गर्भवती स्त्रियों पर Ets के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं Ets के दुष्प्रभाव महसूस करें, तो इसे लेना तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें।
क्या Ets का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Ets के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। अगर आप इसके दुष्प्रभावों को महसूस करें तो दवा लेना तुरंत बंद कर दें और जब डॉक्टर कहें तब ही इसे दोबारा लें।
Ets का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
कभी-कभी Ets से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।
Ets का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Ets आपके लीवर पर बुरा प्रभाव डाल सकती है, हानिकारक प्रभाव अनुभव करने पर आप दवा को न लें और इसे लेने से पूर्व डॉक्टर से इसकी पूरी जानकारी लें।
क्या ह्रदय पर Ets का प्रभाव पड़ता है?
हृदय के लिए Ets के साइड इफेक्ट बहुत ही कम मिलते हैं।
Ets को इन दवाइयों के साथ लेने से गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
गंभीर
मध्यम
हल्का
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Ets को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Ets ले सकते हैं -
क्या Ets आदत या लत बन सकती है?
नहीं, Ets को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है।
क्या Ets को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है?
हां, Ets के सेवन के बाद आप किसी भारी मशीन या वाहन चलाने का काम कर सकते हैं।
क्या Ets को लेना सुरखित है?
हां, परंतु इसको लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Ets इस्तेमाल की जा सकती है?
नहीं, Ets दिमागी विकारों के इलाज में सक्षम नहीं है।
क्या Ets को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
खाने व Ets को साथ में लेकर आपके शरीर पर क्या प्रभाव होते हैं इस विषय पर कोई जानकारी मौजूद नहीं है।
जब Ets ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
Ets के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी मौजूद नहीं है। क्योंकि इस विषय पर अभी रिसर्च नहीं हो पाई है। अतः डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस दवा को लें।
मासिक चक्र को नियंत्रित करने में Ets मदद करती है। Ets गर्भाशय को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करती है। हर महीने ओवुलेशन के बाद Ets अंडे को निषेचित (फर्टिलाइज़) करने के लिए यूट्राइन वॉल को मोटा करती है। हालांकि, गर्भाधान ना होने पर प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है और माहवारी आनी शुरु हो जाती है। वहीं दूसरी ओर गर्भधारण की स्थिति में निषेचित अंडा यूट्राइन वॉल में प्रवेश करता है। पूरी गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन यूट्राइन वॉल की मोटाई को बनाए रखने में मदद करता है।
Ets थायराइड हार्मोन को नियंत्रित और इंसुलिन लेवल को सामान्य रखकर वजन घटाने में मदद करती है। Ets एंटी-इंफ्लामेट्री यौगिक के तौर पर कार्य करती है और इससे प्राकृतिक रूप से नींद आती है। वजन को नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ आहार लें और शारीरिक व्यायाम करें। अगर फिर भी आपका वजन बढ़ रहा है तो डॉक्टर से इसका कारण जानने के लिए परामर्श करें।
महिलाओं की प्रजनन उम्र (21 से 45) में Ets की वजह से ब्लीडिंग हो सकती है। लेकिन गर्भवती महिलाओं में लो प्रोजेस्टेरोन लेवल की वजह से यूट्राइन ब्लीडिंग हो सकती है। इसलिए Ets को लेने से लो प्रोजेस्टेरोन के लेवल का पता चल सकता है।
Ets की वजह से जी मितली हो सकता है। गर्भावस्था की शुरुआत में कम खुराक लेने पर भी मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है। शुरुआती प्रेग्नेंसी में प्रोजेस्टेरोन का स्तर ज्यादा होता है जिससे गर्भाशय, पेट और आंतों को आराम मिल सकता है। इस तरह अधिक मात्रा में गैस्ट्रिक एसिड बनने लगता है और एसिड रिफलक्स की समस्या बढ़ जाती है।
Ets के कारण तनाव नहीं होता है। इसकी बजाय Ets मस्तिष्क में जाकर एलोप्रेगनानोलोन केमिकल में टूटती है और तनाव को दूर करने में मदद करती है।
इस जानकारी के लेखक है -
B.Pharma, फार्मेसी
5 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
US Food and Drug Administration (FDA) [Internet]. Maryland. USA; Package leaflet information for the user; Prometrium (progesterone)