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Dabur Hingoli बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः बदहजमी, पेट की गैस के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Dabur Hingoli के मुख्य घटक हैं हींग जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Dabur Hingoli की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
जीरा |
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काली मिर्च |
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हींग |
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Dabur Hingoli (90) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Dabur Hingoli के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dabur Hingoli का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Dabur Hingoli (90) का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
Dabur Hingoli का गर्भवती महिलाओं पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
क्या Dabur Hingoli (90) का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाएं Dabur Hingoli का सेवन कर सकती है।
Dabur Hingoli (90) का पेट पर क्या असर होता है?
Dabur Hingoli को पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।
क्या Dabur Hingoli (90) का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों के लिए Dabur Hingoli सुरक्षित है, वे इसका सेवन कर सकते हैं।
क्या Dabur Hingoli (90) का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Dabur Hingoli को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 142-143
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 115 - 117
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 64-66
C.K. Kokate ,A.P. Purohit, S.B. Gokhale. [link]. Forty Seventh Edition. Pune, India: Nirali Prakashan; 2012: Page No 1.116-1.117