Cipzer Respicure Syrup 200 ML

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    Cipzer Respicure Syrup की जानकारी

    Cipzer Respicure Syrup मुख्यतः निमोनिया, कमजोर इम्यूनिटी, वायरल इन्फेक्शन, और बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Cipzer Respicure Syrup के मुख्य घटक हैं गिलोय, मुलेठी, तुलसी, कुमुद, इलायची, बांस, मकोय (काकमाची), बेर, खतमी (मार्शमैलो), और पित्तपापड़ा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Cipzer Respicure Syrup की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

    Cipzer Respicure Syrup की सामग्री - Cipzer Respicure Syrup Active Ingredients in Hindi

    गिलोय
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • शरीर में वायरस के गुणन को कम करने वाली दवाएं।
    • श्‍वसन मार्ग में बलगम के स्राव में सुधार लाने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    • वे एजेंट्स जो एलर्जी के लक्षणों को रोकते हैं।
    मुलेठी
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
    • शरीर में संक्रमण और वायरस को बढ़ने से रोकने की दवाएं।
    • ये दवाएं खांसी के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • वो दवाएं जो श्वास नली से कफ, बलगम को निकाल बाहर करती है।
    • वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
    • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
    • सूक्ष्म जीवों को बढ़ने से रोकने वाले या खत्म करने वाले एजेंट।
    तुलसी
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    • वो दवाएं जो वायरल संक्रमण के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
    • वो दवाएं जो श्वास नली से कफ, बलगम को निकाल बाहर करती है।
    • वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    • एलर्जी को कम करने के लिए हिस्टामाइन (जो धूल-मिटटी जैसे बाहरी तत्वों से शरीर की रक्षा करता है) के स्त्राव को रोकने वाले घटक।
    • वो एजेंट या तत्व जो तुरंत हाइपरसेंसिटिविटी (सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित अवांछनीय प्रतिक्रिया) को रोकता है।
    कुमुद
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • शरीर में संक्रमण और वायरस को बढ़ने से रोकने की दवाएं।
    • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।
    इलायची
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    • ऐसा पदार्थ जो पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और भूख बढ़ाने में फायदेमंद होता है।
    • पाचन क्रिया को सुधारने व खाने को ठीक से अवशोषित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं खांसी के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • वो दवाएं जो श्वास नली से कफ, बलगम को निकाल बाहर करती है।
    • वो पदार्थ जो एसिडिटी को खत्म करने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है।
    • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
    बांस
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    मकोय (काकमाची)
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    बेर
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • वे दवाएं जिनका इस्‍तेमाल गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल अल्‍सर के इलाज में किया जाता है।
    • वो दवा जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर कार्य कर इम्यून को बेहतर करती है।
    • वो एजेंट या तत्व जो तुरंत हाइपरसेंसिटिविटी (सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित अवांछनीय प्रतिक्रिया) को रोकता है।
    खतमी (मार्शमैलो)
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • श्‍वसन मार्ग में बलगम के स्राव में सुधार लाने वाली दवाएं।
    • वे दवाएं या एजेंट जो उत्तेजित नसों को शांत कर तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है।
    • पेट में गैस और सीने में जलन का उपचार करने वाली दवाएं।
    • वे एजेंट्स जो सूक्ष्‍म जीवों को नष्‍ट या उनके कार्य को रोक कर माइक्रोबियल रेप्लिका (सूक्ष्‍म जीवों की प्रतिकृति) और इसको बढ़ने से बचाते हैं।
    पित्तपापड़ा
    • बुखार कम करने वाली दवा।

    Cipzer Respicure Syrup के लाभ - Cipzer Respicure Syrup Benefits in Hindi

    Cipzer Respicure Syrup इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -



    Cipzer Respicure Syrup की खुराक - Cipzer Respicure Syrup Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Cipzer Respicure Syrup की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Cipzer Respicure Syrup की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: खाने के बाद
    • अधिकतम मात्रा: 1 Tablespoon
    • दवा का प्रकार: सिरप
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार


    Cipzer Respicure Syrup के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Cipzer Respicure Syrup Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Cipzer Respicure Syrup के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Cipzer Respicure Syrup का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 168 - 169

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 170 - 176

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 70-73

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 94-97

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 5. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2006: Page No 93-98