कभी-कभी ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि व्यक्ति को थकान के साथ-साथ चक्कर आने जैसा भी महसूस हो सकता है. ज्यादातर मामलों में यह स्थिति अस्थायी होती है और कुछ समय बाद ठीक भी हो जाती है. वहीं, अगर लगातार थकान के साथ चक्कर आने जैसा महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज न करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. समय रहते इसका इलाज न करने पर गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. अगर ड्राइविंग करते चक्कर आए, तो हादसा होने का अंदेशा बना रहता है. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम, शरीर में आयरन की कमी आदि इन दोनों समस्याओं के पीछे मुख्य कारण हो सकते हैं.
आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि थकान व चक्कर के एक साथ आने पीछे मुख्य कारण क्या होते हैं और इस स्थिति से कैसे बचा जा सकता है -
(और पढ़ें - थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
थकान और चक्कर आने के कारण और उनका इलाज
ऐसे मेडिकल कंडीशन हैं, जो मिलकर थकान व चक्कर आने दोनों का कारण बन सकते हैं. यहां हम दोनों के पीछे 5 सबसे सामान्य कारण बता रहे हैं -
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के चलते थकान हो सकती है और यह समस्या इतनी गंभीर हो सकती है कि रोजमर्रा के काम करने में भी कठिनाई हो सकती है. स्थिति को मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस के रूप में भी जाना जाता है. इसके चलते चक्कर भी आ सकते हैं, जिससे व्यक्ति के लिए खुद का बैलेंस बनाए रखना मुश्किल हो सकता है. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को थकान और चक्कर आने के साथ-साथ निम्न परेशानियां भी हो सकती हैं -
- नींद की समस्या
- मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द
- सिरदर्द
- गले में खराश
- सोचने, याद रखने या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के तय इलाज के बारे में बताना मुश्किल है, क्योंकि हर व्यक्ति की स्थिति अलग-अलग होती है और डॉक्टर उसी के अनुसार इलाज करते हैं.
(और पढ़ें - थकान दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए)
हाइपोग्लाइसीमिया
जब ब्लड में शुगर का लेवल सामान्य से नीचे चला जाता है, तो उसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है. इसे लो ब्लड शुगर के रूप में भी जाना जाता है. इंसुलिन लेने वाले डायबिटीज के मरीजों को को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, जिन्हें डायबिटीज नहीं है, वो खराब खान-पान व शराब का सेवन करने से लो ब्लड शुगर का शिकार हो सकते हैं. जब ब्लड शुगर कम होता है, तो पीड़ित व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं, शरीर कांपने लगता है और थकान भी महसूस होती है. हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में निम्न प्रकार के लक्षण भी नजर आ सकते हैं -
- शरीर में कंपकंपी होना
- ज्यादा पसीना आना
- भूख लगना
- सिर दर्द होना
- धुंधला दिखना
- उलझन महसूस होना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- कमजोरी
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन
कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्य पदार्थों को लेने से लो ब्लड शुगर की समस्या को कम किया जा सकता है. इसके लिए एक गिलास फलों का जूस पिया जा सकता है. इसके अलावा, पौष्टिक भोजन को डाइट में शामिल करने से भी फायदा हो सकता है. अगर किसी को अक्सर हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या रहती है, तो डॉक्टर की सलाह पर डायबिटीज की दवा लेने से फायदा हो सकता है.
(और पढ़ें - हमेशा थकान महसूस होने का इलाज)
डायबिटीज से बचने के लिए myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे।और अपने जीवन को स्वस्थ बनाये।
आयरन की कमी
रेड ब्लड सेल्स शरीर के सभी अंगों व टिश्यू तक ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करते हैं. वहीं, शरीर में इन सेल्स की कमी होने या ठीक तरह से काम न करने को एनीमिया कहा जाता है. ऐसे में शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे चक्कर आना व थकान महसूस होने जैसा हो सकता है. एनीमिया होने पर निम्न लक्षण भी नजर आ सकते हैं -
- सांस लेने में कठिनाई
- कमजोरी
- तेज या असमान दिल की धड़कन
- सिरदर्द
- ठंडे हाथ-पैर
- पीली त्वचा
- छाती में दर्द
- रक्तस्राव
- पोषक तत्वों की कमी
- बोन मैराे का फेल होना
अगर शरीर में आयरन की कमी से यह समस्या होती है, तो डाइट में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से फायदा हो सकता है, जैसे - पालक व चुकंदर आदि. वहीं, अगर किसी का आयरन ज्यादा कम हो गया है, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है.
(और पढ़ें - सुस्ती का इलाज)
डिहाइड्रेशन
डिहाइड्रेशन की समस्या तब होती है, जब शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ की कमी हो जाती है. अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं. इससे शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है, जिससे थकान महसूस होना व चक्कर आने जैसा महसूस हो सकता है. डिहाइड्रेशन के अन्य लक्षण हैं -
- पेशाब कम आना
- उलझन महसूस होना
डिहाइड्रेशन का इलाज करने के लिए पानी जैसे तरल पदार्थ या इलेक्ट्रोलाइट घोल का सेवन करें. अगर डिहाइड्रेशन की समस्या गंभीर हो चुकी है, तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है.
(और पढ़ें - शारीरिक कमजोरी में क्या खाएं)
माइग्रेन
माइग्रेन तेज सिरदर्द होता है, जो कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रहता है. सिरदर्द के साथ-साथ निम्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं -
- चमकती रोशनी और रंग को देखना
- जी मिचलाना और उल्टी
- प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता
- चक्कर आना
- थकान
जिन लोगों को माइग्रेन होता है वे चक्कर आना और चक्कर का अनुभव कर सकते हैं, भले ही उन्हें सिरदर्द न हो. यह समस्या कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकती है. शराब, कैफीन और डेयरी खाद्य पदार्थों से माइग्रेन की समस्या ट्रिगर हो सकती है, इसलिए इन सभी चीजों से बचकर रहें. इसी के साथ-साथ माइग्रेन की दवा भी ली जा सकती है.
(और पढ़ें - चक्कर आने पर करें ये घरेलू उपाय)
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर किसी को बार-बार चक्कर आने और थकान होने की समस्या हो रही है, तो इन लक्षणों के कारण का पता लगाने के लिए अपने डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है. इसके अलावा, निम्न लक्षण नजर आने पर बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए -
- बेहोशी की अवस्था में
- दौरे आने पर
- धुंधला नजर आने पर
- लगातार उल्टी का होना
- दिल में घबराहट महसूस होना
- छाती में दर्द
- उलझन लगना
- तेज बुखार
- बोलने में परेशानी
(और पढ़ें - चक्कर आने पर एक्यूप्रेशर)
सारांश
थकान के साथ-साथ चक्कर आना गंभीर चिंता का विषय नहीं है, लेकिन अगर ऐसा बार-बार होता है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इस स्थिति के पीछे लो ब्लड शुगर, माइग्रेन या फिर डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. ऐसी अवस्था में बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उचित इलाज करवाना चाहिए. साथ ही पोषक तत्वों से युक्त डाइट लेना भी जरूरी है और डॉक्टर की सलाह पर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी शुरू की जा सकती है.
(और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करना चाहिए)
थकान और चक्कर आने के कारण व इलाज के डॉक्टर

Dr. Hemant Kumar
न्यूरोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Vinayak Jatale
न्यूरोलॉजी
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Sameer Arora
न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
