डायरिया यानी दस्त की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. ज्यादातर मामलों में डाइट व हाइजीन का ध्यान रखने पर यह समस्या कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है. वहीं, अगर दस्त 4 सप्ताह से अधिक समय तक बने रहते हैं, तो इसे क्रोनिक डायरिया कहा जाता है. क्रोनिक डायरिया होने पर मरीज शारीरिक रूप से काफी कमजोरी महसूस करने लगता है. खराब डाइट, शराब व सिगरेट का सेवन करना या फिर कोई दवा खाने से यह समस्या हो सकती है. वहीं, पेट फूलना, मरोड़ पड़ना व उल्टी होना आदि इसके लक्षण हैं. ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर सही डाइट लेने व दवा खाने से मरीज को आराम मिल सकती है.

आज इस लेख में आप क्रोनिक डायरिया के कारण, लक्षण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. क्रोनिक डायरिया के कारण
  2. क्रोनिक डायरिया के लक्षण
  3. क्रोनिक डायरिया का इलाज
  4. सारांश
क्रोनिक डायरिया - लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

ऐसा अनुमान है कि 1% से 3% लोगों को ही क्रोनिक डायरिया होता है. आइए, जानते हैं कि क्रोनिक डायरिया होने के पीछे मुख्य कारण क्या हैं -

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क्रोनिक डायरिया का सबसे प्रमुख लक्षण 4 हफ्ते तक पानी की तरह पतले मल का आना है. इसके अलावा, कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार से हैं -

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क्रोनिक डायरिया का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है. इस समस्या के कुछ संभावित उपचार इस प्रकार से हैं -

बीमारी का उपचार

अगर इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज या इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण क्रोनिक डायरिया हुआ है, तो डॉक्टर इस समस्या का इलाज करते हैं.

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दवाएं

अगर मरीज को दवा की जरूरत है, तो डॉक्टर निम्न प्रकार की दवाएं दे सकते हैं -

  • थोड़े समय के लिए एंटीडायलर दवा दे सकते हैं.
  • बैक्टीरिया इंफेक्शन के लिए एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं.
  • पानी की तरह आ रहे मल को रोकने के लिए कोडीन युक्त दवाएं दी जा सकती हैं.
  • मल की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए बिस्मथ (पेप्टो-बिस्मोल) और लोपेरामाइड (इमोडियम) जैसी ओटीसी दवाएं दी जा सकती हैं.

अगर कोई दवा खाने से क्रोनिक डायरिया हुआ है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए.

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हाइड्रेटिंग

क्रोनिक डायरिया के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. इसलिए, जरूरी है कि मरीज दिनभर तरल पदार्थ लेता रहे. पानी के अलावा कैफीन रहित चाय भी पी जा सकती है, जैसे कि ग्रीन टी आदि. इससे क्रोनिक डायरिया से ग्रस्त मरीज को हाइड्रेटेड रहने में मदद मिल सकती है.

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डाइट में बदलाव

अगर कोई विशिष्ट चीज को खाने से मरीज को क्रोनिक डायरिया हुआ है, तो उसे अपनी डाइट से हटाने की जरूरत है, ताकि यह देखा जा सके कि लक्षणों में सुधार हुआ है या नहीं. अगर इसके बाद डायरिया में सुधार होता है, तो उसके बाद वापस इन खाद्य पदार्थों को धीरे-धीरे शामिल करना चाहिए.

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घरेलू उपचार

कुछ प्राकृतिक उत्पाद क्रोनिक डायरिया से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं. जैसे कि प्रोबायोटिक्स लेने से आंत में गुड बैक्टीरिया का लेवल सही हो सकता है. कुछ फाइबर सप्लीमेंट्स लेने से भी डायरिया से राहत मिल सकती है. खासकर इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज व इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्या से परेशान मरीज को फाइबर लेने से विशेष तौर पर फायदा होता है.

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डायरिया आम समस्या है और आमतौर पर यह जल्दी बिना किसी इलाज के ठीक हो जाता है. वहीं, अगर डायरिया 1 महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से सही इलाज करवाने की जरूरत होती है. आमतौर पर कुछ आसान उपायों से ही यह समस्या ठीक हो जाती है. सिर्फ गंभीर मामलों में दवा लेने की जरूरत पड़ती है. इसलिए, शरीर में आए किसी भी तरह के बदलाव को नजरअंदाज न करें और हमेशा अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें.

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