मटर फलियों (Legume) के परिवार का पौष्टिक सदस्य है। सूखे मटर में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइबर भरपूर होते हैं। ये न केवल कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी लाभदायक हैं।
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मटर फलियों (Legume) के परिवार का पौष्टिक सदस्य है। सूखे मटर में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइबर भरपूर होते हैं। ये न केवल कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी लाभदायक हैं।
सूखे मटर में पांच महत्वपूर्ण खनिज, तीन विटामिन बी और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं। इनमें वसा ( फैट ) न के बराबर होती है। सूखे मटर में आइसोफ्लेवोन (विशेष रूप से डेडजिन) भी पाया जाता है। आइसोफ्लेवोन, फाइटोन्यूट्रिएंट है जो शरीर में एस्ट्रोजेन की तरह कार्य कर सकते हैं। इसके सेवन से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर जैसी कुछ बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।
सूखे मटर मोलिब्डेनम (Molybdenum) के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा इनमें फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में होता है। साथ ही इसमें मैंगनीज, तांबा, प्रोटीन, फोलेट, विटामिन बी 1, फॉस्फोरस, विटामिन बी 5 और पोटैशियम की भी मात्रा भरपूर पाई जाती है।
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जहाँ तक फाइबर का सवाल है, फली वाले खाद्य पदार्थों में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अन्य फलियों की तरह, सूखे मटर में भी घुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। घुलनशील फाइबर पाचन तंत्र में जेल जैसा पदार्थ बनाता है जो पित्त को (जिसमें कोलेस्ट्रॉल होता है) इकठ्ठा कर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। शोध अध्ययनों से पता चला है कि घुलनशील फाइबर न केवल मल बढ़ाता है और कब्ज से बचाता है, बल्कि पाचन से जुड़े विकारों जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और डायवर्टिक्यूलॉसिस (Diverticulosis) की रोकथाम में भी मदद करता है।
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घुलनशील फाइबर पाचन तंत्र और ह्रदय के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ यह डायबिटीज पीड़ितों लिए भी लाभकारी होता है। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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यदि आप इन्सुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) से पीड़ित हैं या आपको हाइपरग्लायसीमिया या डायबिटीज है तो सूखे मटर जैसी फलियाँ आपको रक्त शर्करा का स्तर संतुलित करने में मदद कर सकती हैं और ऊर्जा प्रदान कर सकती हैं। इसलिए यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आज से ही मटर या सूखे मटर का सेवन शुरू कर दें।
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सूखे मटर के जो अन्य लाभ हैं उनमें से एक है हृदय रोग के जोखिम का कम होना। सूखे मटर में फोलेट और मैग्नीशियम की मात्र भरपूर होती है जो होमोसिस्टीन के स्तर को सामान्य बनाए रखने कर दिल की बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। इसलिए दिल की बीमारियों से दूर रहना हो तो सूखे मटर जरूर खाएं।
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सूखे मटर में फाइबर की भरपूर मात्रा के अलावा, हृदय को स्वस्थ रखने वाले अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। उन्हीं पोषक तत्वों में से एक है पोटैशियम। सूखे मटर पोटैशियम के अच्छे स्रोत होते हैं और पोटैशियम रक्त नलिकाओं में प्लाक को जमने से रोकने में मदद करता है और यह ब्लड प्रेशर कम करने के लिए भी अच्छा है।
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सूखे मटर में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने में फलियों वाले आहार बेहद लाभकारी होते हैं।
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मटर में पाया जाने वाला आइसोफ्लेवोन स्तन और प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में भी मददगार साबित हो सकता है।
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सूखे मटर में लोहा (आयरन) पर्याप्त मात्रा में होता है। लिहाजा हर रोज चौथाई कप मटर खाएं तो दैनिक जरूरत के आठ प्रतिशत के बराबर आयरन की पूर्ति हो जाएगी ।
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सलाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में आम तौर पर सल्फाइट का उपयोग होता है जिससे सिरदर्द हो सकता है और चित्त में अस्थिरता आ सकती है। ऐसे में सूखे मटर में मौजूद मोलिब्डेनम सल्फाइट के असर को दूर करने में मदद कर सकता है। इसलिए बाहर खाने से बचें और ऐसे पोषक तत्वों वाले आहार का सेवन करें।
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मटर से बना स्नैक भी फायदेमंद है क्योंकि इसमें फाइबर और प्रोटीन दोनों होते हैं। ऐसे स्नैक से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित कर खाने की तलब कम करता है।
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