परवल को त्रिकोसांथेस डीओइका, पटोला, और हरा आलू के नामो से भी जाना जाता है। ये सभी कुकुरबिटेसी के परिवार से सम्बन्ध रखते हैं और ककड़ी, स्क्वैश के समान होते हैं। हालांकि ककड़ी, स्क्वैश बारहमासी नहीं होतें लेकिन परवल का पौधा सदाबहार है।
यह भारत की महत्वपूर्ण सब्जियों में से एक है। परवल को अकेले या अन्य सब्जियों के साथ बनाया जाता है। मुख्यतः परवल को ग्रेवी की तरह और सूखे व्यंजन की तरह भी बनाया जाता है। कुछ हिस्सों में इसे मिठाई बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। आइवी लौकी या टिंडोरा के साथ इस सब्जी को न जोड़ें क्यूंकि ये सब्ज़ी आइवी लौकी की तरह तो दिखती है लेकिन आकर में थोड़ी बड़ी होती है।
परवल के पौधे की पत्तियां दिल के आकार की, 7-10 सेंटीमीटर लंबी, और 4-8 सेमी चौड़ी होती हैं। परवल को अंग्रेजी में पॉइंटेड गॉर्ड (Pointed Guard) कहा जाता है। इसका पौधा बेल की तरह बढ़ता है, और इसकी लम्बाई 5-6 मीटर होती है। यह गर्म या नमी वाले जलवायु में अच्छी तरह से पनपता है। सर्दियों के मौसम में परवल का पौधा सूख कर मर जाता है, लेकिन बाद में फिर से वसन्त ऋतु में नई कोपलें निकलने लगती हैं। परवल के पौधे के लिए जल का उचित प्रबन्ध होना चाहिए।