कम शुगर के कई विकल्‍प मौजूद हैं। रेस्‍टोरेंट में आपको लो कैलोरी और लो शुगर वाली कई डेजर्ट मिल जाएंगी। अपनी कॉफी या केक को मीठा करने के लिए आप आर्टिफिशियल सैचेरिन का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

एस्पार्टेम आर्टिफिशियल स्‍वीटनर के रूप में सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल होती है। इसमें दो आवश्‍यक अमीनो एसिड होते हैं - एस्पार्टिक और फेनिलालेनिन। एस्पार्टेम शरीर में इन दो तत्‍वों में टूटता है और कम मात्रा में मेथेनॉल रिलीज करता है।

दिलचस्‍प बात यह है कि एस्पार्टेम कैलोरी फ्री नहीं होती है। शुगर की तरह इसके एक ग्राम में 4 कैलोरी होती है। हालांकि, एस्पार्टेम नैचुरल शुगर की तुलना में 200 गुना ज्‍यादा मीठी होती है इसलिए इसकी कम मात्रा की ही जरूरत होती है।

आर्टिफिशियल स्‍वीटनर टैबलेट में भी कुछ मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है। ये बहुत कम मात्रा में होता है इसलिए आर्टिफिशियल स्‍वीटनर में इससे कोई कैलोरी नहीं जुड़ती है।

टाइप 2 डायबिटीज के मरीज आर्टिफिशियल स्‍वीटनर का प्रयोग करते हैं क्‍योंकि ये ब्‍लड शुगर नहीं बढ़ाती और ग्‍लाइसेमिक कंट्रोल में भी मदद करती हैं। जो लोग वजन घटाने या वेट को कंट्रोल करने की सोच रह हैं, वो भी इनका सेवन कर सकते हैं क्‍योंकि इसमें कोई कैलोरी नहीं होती है।

  1. कथित साइड इफेक्‍ट्स
  2. एस्पार्टेम का इस्‍तेमाल कैसे करते हैं
  3. एस्पार्टेम और डायबिटीज
  4. वेट लॉस और एस्पार्टेम
  5. एस्पार्टेम किसे नहीं लेना चाहिए

एस्पार्टेम काफी विवादास्पद रहा है और इसे लेकर कई ऑनलाइन मूवमेंट हो चुकी हैं। कुछ रिसर्च का कहना है कि एस्पार्टेम से सेहत पर कुछ बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं जैसे कि कैंसर या वजन बढ़ना।

वहीं इसके अन्‍य कथित दुष्‍प्रभावों में दौरे पड़ना, डिप्रेशन, मल्‍टीपल स्‍केलेरोसिस, लुपस और जन्‍मजात विकार शामिल हैं। हालांकि, इनमें से किसी भी दावे की पुष्टि नहीं हुई है और इन्‍हें किसी भी उचित अध्ययन का समर्थन नहीं मिल पाया है।

यूएस के एफडीए के मुताबिक एस्पार्टेम के कोई गंभीर दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं और यह सुरक्षित है। वहीं लोग इसकी रोजाना की मात्रा से कम ही इसका सेवन करते हैं, जो कि किसी भी साइड इफेक्‍ट से बचाने का काम करता है। हो सकता है कि किसी को एस्पार्टेम से एलर्जी हो जाए लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है।

इतना कहा जा सकता है कि एस्पार्टेम सुरक्षित होती है लेकिन इससे स्वास्थ्य को फायदा होता है, यह दावा करना कठिन है। बड़े पैमाने पर अवलोकन संबंधी अध्ययनों ने स्वास्थ्य पर इसके दुष्‍प्रभावों की ओर इशारा नहीं किया है, लेकिन लाभों के बारे में भी तटस्थ रहे हैं।

कुल मिलाकर डायबिटीज के लोगों के लिए एस्पार्टेम अच्‍छा विकल्‍प है क्‍योंकि इसमें कम कैलोरी होती है। आप अपने वेट लॉस की प्रक्रिया में भी इसे शामिल कर सकते हैं। सही एक्‍सरसाइज और संतुलित आहार जिसमें एस्पार्टेम भी हो, संपूर्ण सेहत के लिए अच्‍छी है और वजन कम करने में भी मदद करती है।

यह आर्टिफिशियल स्‍वीटनर टैबलेट के रूप में आती है और इसे आप खाने या पेय पदार्थ में मिला सकते हैं। यह कम कैलोरी वाले उत्‍पादों जैसे कि ड्रिंक्‍स, च्‍युइंग गम, डेयरी उत्‍पादों, मिठाई और सॉस में भी होती है।

मीठी होने के बावजूद बेकिंग उत्‍पादों में एस्पार्टेम डालने की सलाह नहीं दी जाती हैं क्‍योंकि अत्‍यधिक हीट इसे तोड़कर इसके गुणों को कम की देगी।

डायबिटीज के मरीजों के लिए एस्पार्टेम अच्‍छा विकल्‍प है क्‍योंकि ये कार्बोहाइड्रेट के बिना खाने को मीठा करती है और ब्‍लड शुगर भी नहीं बढ़ने देती। वहीं दूसरी ओर, ऑर्गेनिक शुगर एनर्जी से भरी होती है और इससे ब्‍लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है।

2018 की रिव्‍यू स्‍टडी में 700 से अधिक प्रतिभागियों पर हुए 29 कंट्रोल ट्रायलों को देखा गया। इनमें एस्‍परटेम के ब्‍लड ग्‍लूकोज पर प्रभाव को देखा गया। आधार रेखा से तुलना करने पर पाया गया कि आर्टिफिशियल स्‍वीटनर ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल को नहीं बढ़ाती हैं। उम्र, वजन और डायबिटीज के चरण के हिसाब से कुछ भिन्‍नताएं थीं लेकिन ब्‍लड ग्‍लूकोज की जटिल प्रकृति को देखते हुए इसकी अपेक्षा की गई थी।

कुछ अध्‍ययनों में इसका उल्‍टा परिणाम सामने आया। जिन लोगों ने लो कैलोरी वाले स्‍वीटनर लिए, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्‍यादा पाया गया।

उदाहरण के तौर पर, एक स्‍टडी में 2856 वयस्‍कों को शामिल किया गया। इसमें पाया गया कि जिन लोगों ने एस्पार्टेम लिया, उनमें ग्‍लूकोज टॉलरेंस में ओबेसिटी यानि मोटापे से संबंधित नुकसान ज्‍यादा था। इसी तरह के अवलोकन संबंधी अध्ययनों ने समय-समय पर इन्‍हीं परिणामों को दिखाया है।

हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि संबंध होने का यह मतलब नहीं है कि एस्पार्टेम से कोई बीमारी या समस्‍या होगी ही। इन अध्ययनों की आलोचना में अक्सर इसके विपरीत ही बोला जाता है।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एस्पार्टेम ब्‍लड शुगर पर गलत प्रभाव नहीं डालती है। कई कारक ब्‍लड शुगर बताते हैं इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि अकेले एस्पार्टेम से इसका लेवल बढ़ा है।

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लो कैलोरी स्‍वीटनरों और वेट लॉस के बीच सीधा संबंध है। यह साबित करने के लिए कई प्रमाण हैं कि एस्पार्टेम से वजन घटाने में सहायता मिल सकती है, लेकिन इसमें काफी मामूली अंतर है।

300 प्रतिभागियों पर की गई एक स्‍टडी में सामने आया कि जो लोग आर्टिफिशियल स्‍वीटनर ले रहे थे, उन्‍होंने एक साल के अंदर 6 किलो वजन घटाया जबकि कंट्रोल ग्रुप में यह 2.5 किलो था।

कई अध्‍ययनों में आर्टिफिशियल स्‍वीटनर पर आने पर वजन बढ़ने की बात सामने आई। ऐसा व्‍यवहारिक कारणों से हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, लोगों को लगता है कि एस्पार्टेम का सेवन करने से उन्‍होंने अपने खाने से अतिरिक्‍त शुगर को हटा दिया है और इस चक्‍कर में वो ज्‍यादा कैलोरी खा लेते हैं।

वहीं यह भी कहा जाता है कि ऐस्‍परटम रिवार्ड पाथवे को एक्टिवेट कर और शुगर से संबंधित एनर्जी के संकेत को न भेज की भूख को बढ़ा सकती है। पशुओं पपर किए गए कुछ अध्‍ययनों में इस बात की पुष्टि भी हुई है और सामने आया है कि एस्पार्टेम लेने के बाद भूख से संबंधित हार्मोंस बढ़े। हालांकि, मानव अध्‍ययन में इस तरह का कोई परिणाम नहीं आया। वहीं कुछ अध्ययनों से पता चला है कि आर्टिफिशियल स्‍वीटनर लेने के बाद वास्तव में भूख में कमी आई लेकिन काफी मामूली।

इस संबंध को जानने के लिए और रिसर्च किए जाने की जरूरत है। हालांकि, इस बात के सबूत काफी मजबूत हैं कि एस्पार्टेम का वेट लॉस प्‍लान पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है और यह वजन घटाने में मदद कर सकती है।

वजन घटाने के लिए कोई एक चीज काफी नहीं होती है बल्कि इसमें कई चीजें मिलकर मदद करती हैं जैसे कि सही डाइट और पर्याप्‍त एक्‍सरसाइज। सिर्फ आर्टिफ‍िशियल स्‍वीटनर लेने से कोई चमत्‍कार नहीं होगा।

जिन लोगों को फेनिकेटोनुरिया है, उन्‍हें एस्पार्टेम की सलाह नहीं दी जाती है। यह एक दुर्लभ जेनेटिक विकार है जिसमें एमिनो एसिड फेनिलालेनिन ठीक तरह से पच नहीं पाता है। एस्पार्टेम में फेनिलालेनिन होता है इसलिए फेनिकेटोनुरिया से ग्रस्‍त लोगों को यह नहीं लेना चाहिए।

इसके गंभीर लक्षणों में बौद्धिक विकास में रुकावट, दौरे, मानसिक विकार शामिल हैं। हल्‍के मामलों में स्किन से जुड़ी समस्‍याएं और पसीने की बदबू हो सकती है। इसके ट्रीटमेंट में कम प्रोटीन वाली डाइट के साथ एस्पार्टेम से परहेज करना शामिल है।

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