मूंग बीन्स, मटर और दाल के रूप में एक ही पौधे के परिवार से छोटे और हरे रंग का एक प्रकार है जिसमें प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, तांबे, जस्ता और विटामिन बी का एक उच्च स्रोत पाया जाता है। हालांकि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में ये अन्य दालों की तुलना में कम लोकप्रिय है। हजारों सालों से मूंग दाल भारत में पारंपरिक आयुर्वेदिक आहार का एक हिस्सा रही है। प्राचीन भारतीय अभ्यास में मूंग दाल को "सबसे अधिक पोषित खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है" जो लगभग 1,500 बी.सी के बाद से एक पारंपरिक औषधि बन गयी है।
मूंग दाल को हरी दाल भी कहा जाता है। हालांकि, इसे और भी कई नामों से बुलाया जाता है जैसे गोल्डन ग्राम, मूंग बीज। हरी मूंग दाल को एशिया के कई देशो में, यूरोप और अमेरिका में भी विभिन्न उद्देश्यों के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत में प्रसिद्ध मुख्य डिश के अलावा हरी मूंग दाल का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है।
चलिए आपको बताते हैं हरी मूंग दाल से जुडी स्वास्थ्य बातें -