कैथा एक जड़ी बूटी है और इसका वानस्पतिक नाम लिमोनी एसिडिसिमा (Limonia acidissima) है।  दुनिया के कुछ हिस्सों में, यह फल हाथी सेब के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह हाथियों का एक पसंदीदा भोजन है। 

कैथा की खेती सबसे पहले भारत में की गई थी लेकिन यह एशिया के दक्षिणी भाग श्रीलंका, थाईलैंड और अन्य क्षेत्रों में भी पाया जाता है। यह पेड़ 30 फीट तक बढ़ सकता है और इसका फल 5 - 9 सेंटीमीटर चौड़ा होता है। इसका छिलका बहुत सख्त होता है और इसके अंदर भूरा पल्प और छोटे सफेद बीज होते हैं। आप इसकी लुगदी को कच्चा खा सकते हैं। यह एक स्वादिष्ट, स्वस्थ पेय के लिए नारियल के दूध के साथ भी मिलाया जा सकता है। 

 

  1. कैथा के फायदे - Kaitha khane ke fayde in Hindi
  2. कैथा के नुकसान - Kaitha ke nuksan in Hindi

कैथा के सेवन से कब्ज, अपच, पेप्टिक अल्सर, बवासीर, श्वसन समस्याओं, डायरिया और पेचिश से राहत में मदद मिलती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जीवाणु और वायरल संक्रमण से लड़ता है, सूजन की समस्या को कम करता है, कैंसर को रोकता है, मधुमेह का इलाज, आंखों की समस्या में सुधार करता है और साथ ही साथ यौन समस्याओं को रोकने में मदद करता है।

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इसके अलावा कैथा पोषक तत्वों, विटामिन्स और आर्गेनिक यौगिक, टैनिन, कैल्शियम, फास्फोरस, फाइबर, प्रोटीन और आयरन की भरपूर मात्रा के कारण भी जाना जाता है। तो आइये जानते हैं इसके लाभों के बारे में -

कैथा के फायदे रखें पाचन को स्वस्थ - Kaitha khane ke fayde rakhe paachan ko swasth in Hindi

पाचन के लिए कैथा बहुत ही लाभकारी होता है क्योंकि यह आंतों के कीड़ों को ख़त्म करने में मदद करता है। यह पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए एक बहुत ही अच्छा उपाय है। इसे पेचिश का इलाज करने के लिए, सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके तने और शाखाओं में 'फेरोनो गम' नामक गोंद जैसा पदार्थ होता है। यह आमतौर पर दस्त और पेचिश के इलाज में प्रयोग किया जाता है। पेप्टिक अल्सर या बवासीर वाले लोगों के लिए, इस फल का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। क्योंकि इसमें टैनिन होता है, जो सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। इसके रेचक गुण भी कब्ज से बचने में मदद करते हैं।

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कैथा के लाभ करें ब्लड प्यूरिफिकेशन में मदद - Kaitha ke labh karen blood purification in Hindi

50 मिलीग्राम कैथा रस को गर्म पानी और चीनी के साथ मिक्स करें। इस मिश्रण को रक्त को साफ और विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए पीने की सलाह दी जाती है। इससे लिवर और गुर्दे पर तनाव कम हो जाता है, जो विषाक्त पदार्थों से हमारे शारीर को सुरक्षित रखते हैं।

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कैथा के गुण दिलाए कान दर्द से छुटकारा - Kaitha kahne ke gun kare kaan dard ko dur in Hindi

कैथा कान की किसी भी समस्या के लिए लाभकारी हो सकता है। कैथा के पेड़ की जड़, कान की किसी भी समस्या और दर्द को ठीक करने के लिए उपयोग की जाती है।

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कैथा के फायदे रखे डायबिटीज को दूर - Kaitha fruit ke fayde rakhe Diabetes ko dur in Hindi

कैथा के पेड़ के तने और शाखाओं में 'फेरोनी गम' (Feronia gum) नामक गोंद होता है। यह गोंड खून में शर्करा के प्रवाह, स्राव और संतुलन को प्रबंधित करने में मदद करके डायबिटीज का मुकाबला करने में मदद करती है। यह गोंड इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को प्रबंधित करके, डायबिटीज को बढ़ने से रोकता है।

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कैथा का उपयोग करे श्वसन समस्याओं के लिए - Kaitha ka upyog kare swsan samasyaon me in Hindi

​कैथा के पेड़ की पत्तियां लोगों को जुकाम और श्वसन से संबंधित समस्याओं से बचने में मदद करती हैं। ये गले में खराश और खांसी का इलाज करने में भी मदद करती है। ये पत्तियां कफ को कम करने में मदद करती हैं और श्वसन तंत्र में कफ को बनने से रोकती हैं।

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कैथा के सेवन से बढ़ाएं एनर्जी - Kaitha ke sewan se badhaye energy in Hindi

सौ ग्राम कैथा के गूदे से 140 कैलोरी प्राप्त होती है। और इसमें मौजूद पोषक तत्व अंगों और मेटाबॉलिज्म के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। जिसके कारण यह शरीर के किसी भी घाव को तेजी से हील कर सकता है और मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है। इसके अलावा यह शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

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कैथा खाने के फायदे रखे किडनी रोग से दूर - Kaitha khane ke fayde de kidney rog se mukti in Hindi

किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को कैथा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाले गुण होते हैं जिससे किडनी को कई रोगों से बचाया जा सकता है।

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कैथा के गुण करें लिवर की समस्याओं को कम - Kaitha ke gun kare liver ki samasyaon ko kam in Hindi

कैथा में बीटा कैरोटीन की भी काफी मात्रा पाई जाती है। यह तत्व लिवर की समस्याओं का इलाज करने में सहायक होता है। इसमें थाइमिन और रिबोफ़्लिविन होते हैं (दोनों को लिवर को बूस्ट करने के रूप में जाना जाता है)। यह फल कार्डियाक टॉनिक (ह्रदय से जुड़ी समस्या के लिए एक टॉनिक) के रूप में कार्य करता है।

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कैथा लाभ रखे मलेरिया को दूर - Kaitha ke labh rakhe malaria ko dur in Hindi

थाई-म्यांमार सीमा क्षेत्र में महिलाओं द्वारा कैथा की लुगदी को कॉस्मेटिक में घटक के रूप में उपयोग की जाती है। इस क्षेत्र को अक्सर डेंगू और मलेरिया से प्रभावित माना जाता है। और अध्ययनों के अनुसार गर्भावस्था में महिलाओं की त्वचा पर इसकी लुगदी और रेपेलेंट के मिश्रण को लगाना से यह मलेरिया फेलाने वाले मच्छरों से उनकी रक्षा करता है।

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  1. किसी भी अन्य भोजन या फल की तरह, हमें कैथा के सेवन के दौरान कुछ सावधानी बरतनी होगी। इसका अधिक मात्रा में सेवन पेट की समस्या का कारण बनता है, इसलिए गैस्ट्रिक परेशानियों वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।  (और पढ़ें - गैस भगाने के घरेलू उपाय)
  2. इसके अलावा, अगर आपने कभी पहले कैथा का सेवन नहीं किया है, तो आपको एलर्जी चेक करने के लिए जांच करनी चाहिए। क्योंकि कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी भी हो सकती है। (और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट कैसे होता है
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