विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में वर्ष 2014 में स्वास्थ्य पर कुल व्यय का 62 प्रतिशत व्यय लोगों द्वारा अपनी जेब से (आउट ऑफ पॉकेट) किया गया था। कुल स्वास्थ्य व्यय में आउट ऑफ पॉकेट व्यय के प्रतिशत के मामले में भारत 192 देशों में से 182 वें स्थान पर था।
सामाजिक सुरक्षा और सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल का आश्वासन प्रदान करना भारत सरकार का आदर्श रहा है और इस संबंध में सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। भारत में स्वास्थ्य पर व्यय के दो तिहाई से अधिक आउट ऑफ पॉकेट (ओओपी) व्यय है जो स्वास्थ्य पर खर्च करने का सबसे अकुशल और गैर जिम्मेदाराना तरीका है।
सरकार को अकेले सप्लाई साइड वित्त पोषण (फाइनेंसिंग) से स्वास्थ्य पर ओओपी व्यय को कम करने में सफलता नहीं मिली है, सरकारी तंत्र की असफलता का ही परिणाम है कि लोग निजी हॉस्पिटलों में जाकर अनाप शनाप खर्च उठाने को मजबूर रहे हैं।
इसलिए, मांग पक्ष के वित्त पोषण के दृष्टिकोण का परीक्षण करने के लिए, भारत सरकार ने स्वास्थ्य पर ओओपी व्यय को कम करने और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच बढ़ाने के उद्देश्यों के साथ गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों (बीपीएल) के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई), एक सरकारी हेल्थ इन्शुरन्स स्कीम शुरू करने का निर्णय लिया।
इस लेख में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में विस्तार से यह बताया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना क्या है, इसके लाभ, लाभार्थी सूची, स्मार्ट कार्ड, हॉस्पिटल लिस्ट और आप इस योजना का फायदा कैसे ले सकते हैं।
(हेल्थ इन्शुरन्स प्लान देखें - myUpchar सुरक्षा कवच)