मेडिकल इमर्जेंसी एक बिन बुलाए मेहमान की तरह आती है, जो आने से पहले कोई चेतावनी भी नहीं देती और आकर आपकी जेब को भी खाली कर देती है। अचानक से कोई मेडिकल इमर्जेंसी होने के बारे में मात्र सोचना भी एक डरावना सपना हो सकता है। जिन लोगों को इस दौर से गुजरना पड़ जाए उनके लिए जीवन और मृत्यु का खेल बन जाता है। वित्तीय रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए मेडिकल इमर्जेंसी से लड़ना तनाव की स्थिति पैदा कर सकता है।

ऐसी स्थिति के लिए पहले से तैयार रहना ही बुद्धिमता है। अपने व परिवार के लिए एक अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना आवश्यक है। ताकि कोई भी मेडिकल इमर्जेंसी होने पर आपको पर्याप्त वित्तीय मदद मिल सके और आप निश्चिंत होकर अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकें। इस लेख में हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि मेडिकल इमर्जेंसी क्या है और इसमें कौन-कौन सी बीमारियां और कंडीशन आती हैं।

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  1. मेडिकल इमर्जेंसी क्या है - What is Medical Emergency in Hindi
  2. मेडिकल इमर्जेंसी में कौन सी बीमारियां शामिल हैं - What diseases are included in a medical emergency in Hindi

मेडिकल इमर्जेंसी स्वास्थ्य संबंधी एक ऐसी समस्या होती है, जिसका जल्द से जल्द इलाज शुरू न किया जाए तो पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु या फिर कोई स्थायी क्षति हो सकती है। मेडिकल इमर्जेंसी के कई अलग-अलग प्रकार हो सकते हैं। अचानक से तीव्र दर्द होना या कोई अन्य तकलीफ देने वाला लक्षण होना (जैसे एनाफिलेक्सिस) भी मेडिकल इमर्जेंसी हो सकता है। मेडिकल इमर्जेंसी को दो अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है, चोट लगना और अचानक से कोई रोग होना। 

यदि आप एक स्वास्थ्य बीमाधारक हैं, तो आपकी अधिकतर मेडिकल इमर्जेंसियों को बीमा प्लान द्वारा ही कवर किया जाता है।

मेडिकल इमर्जेंसी में कोई भी विभाग, सेवा या अस्पताल आदि हर तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार रहते हैं। इमर्जेंसी केयर हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध होती है। मेडिकल इमर्सेंजी विभाग में अच्छी क्वालिटी के उपकरण और अनुभवी डॉक्टर व नर्सें होती हैं। इस विभाग में काम करने वाले लोगों को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे मेडिकल इमर्जेंसी में अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने में सक्षम हो जाएं।

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आपातकालीन स्वास्थ्य समस्याएं किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकती हैं। मेडिकल इमर्जेंसी आमतौर पर उस समय होती हैं, जब आपको उनके होने की उम्मीद बहुत ही कम हो और ऐसे में आपके मन में सिर्फ एक ही सवाल आता है कि अब क्या करें?

इसलिए इन आपात स्थितियों के बारे में अधिक से अधिक पता होना चाहिए, ताकि इनसे सामना होने पर आप बिना देरी किए उसका पता लगा सकें। नीचे कुछ मामलों में बारे में बताया गया है, जिन्हें मेडिकल इमर्जेंसी माना जाता है -

  • ब्लीडिंग -
    रक्त बहना कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन लंबे समय तक लगातार रक्त बहना एक हानिकारक स्थिति हो सकती है। लंबे समय तक रक्तस्राव होने से बेहोशी और प्रभावित हिस्सा स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है। निम्न स्थितियों में रक्तस्राव को एक मेडिकल इमर्जेंसी माना जाता है -
    • प्राथमिक चिकित्सा के बाद भी रक्तस्राव का रुक न पाना
    • कोई चीज त्वचा के अंदर घुस जाना (जैसे कील आदि) और अधिक गहराई होने के कारण उसे निकाल न पाना
    • घाव के अंदर से हड्डी या ऊतक दिखाई देना
       
  • हार्ट अटैक -
    इसमें शरीर की रक्त आपूर्ति अचानक से रुक जाती है, जिससे गंभीर मेडिकल इमर्जेंसी पैदा हो जाती है। यह एक जानलेवा स्थिति है, इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की जांच करके मरीज का जीवन बचाया जा सकता है। हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण निम्न हैं -
  • स्ट्रोक -
    स्ट्रोक के मरीज की जान बचाने के लिए समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है। इसलिए स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करना जरूरी है, ताकि समय पर एक्शन लेकर जीवन बचाया जा सके। स्ट्रोक के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं -
    • चेहरा एक तरफ झुक जाना और मरीज का पूरी तरह से मुस्कुरा न पाना
    • शरीर के जिस तरफ स्ट्रोक होता है, उस तरफ की बाजू को उठा न पाना। ऐसे में मरीज को दोनों बाजुओं को उठाकर देख लेना चाहिए।
    • स्ट्रोक से ग्रस्त व्यक्ति ठीक से बोल नहीं पाता है, इसलिए यदि उपरोक्त लक्षणों के साथ बोलने संबंधी समस्याएं भी होने लगे तो जल्द से जल्द इमर्जेंसी केयर से संपर्क करना चाहिए।
       
  • सांस लेने में दिक्कत -
    सांस लेने में दिक्कत कई बार अधिक एक्सर्साइज या अन्य कोई शाीरीरिक गतिविधि करने से हो सकती है, लेकिन अचानक से सांस लेने में दिक्कत महसूस होना मेडिकल इमर्जेंसी हो सकती है। सांस लेने में दिक्कत होने पर प्रमुख लक्षणों में निम्न शामिल हैं -
    • सांस फूलना
    • सांस लेने के साथ शोर होना (कई बार सीटी बजने जैसी आवाज निकलना)
    • गहरी सांस लेते समय सीने में दर्द या चुभन महसूस होना
    • सामान्य की अपेक्षा तेजी से सांस लेना
       
  • गंभीर दर्द -
    हर व्यक्ति को कभी ना कभी कोई ना कोई दर्द होता ही है, लेकिन अचानक से असहनीय दर्द होना एक मेडिकल इमर्जेंसी हो सकती है। दर्द किसी बीमारी या चोट के कारण होता है। यदि किसी व्यक्ति को गंभीर दर्द हो रहा है, तो देरी न करते हुए मेडिकल इमर्जेंसी विभाग से संपर्क कर लेना चाहिए।

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि मेडिकल इमर्जेंसी बिना कोई संकेत दिए अचानक से आती है और वह जान-माल दोनों का नुकसान कर सकती है। ऐसी स्थिति में अगर जेब में पैसा न हो तो मरीज की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस स्थिति के लिए पहले से ही तैयार रहना चाहिए, जिसके लिए एक अच्छा विकल्प है, अपने लिए कोई अच्छा सा हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना।

यदि आप कोई स्वास्थ्य बीमा प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो myUpchar बीमा प्लस आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। myUpchar बीमा प्लस आपको सभी बीमारियों व मेडिकल इमर्जेंसियों पर अच्छी कवरेज प्रदान करता है। इसके अलावा आप 24x7 फ्री ऑनलाइन डॉक्टर कंसल्टेशन का भी लाभ उठा सकते हैं।

(और पढ़ें - myUpchar बीमा प्लस में आपको क्या-क्या कवर मिलता है)

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