कोरोना वायरस के चलते देश व दुनिया में लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में सरकार ने सभी को अपने घर में रहने और बेहद जरूरी सामान लेने या आपातकालीन स्थिति में घर से बाहर निकलने की इजाजत दी है। ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न है कि बिना भाग-दौड़ किए अपनी सेहत का ध्यान कैसे रखा जाए?
स्वस्थ रहने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज और योगासन का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन इनमें से कई शारीरिक गतिविधयां ऐसी हैं, जिन्हें हर व्यक्ति के लिए करना आसान नहीं होता है, इसीलिए आज इस लेख के माध्यम से आप बेहद आसान एक्सरसाइज के बारे में जान पाएंगे, जिसे वॉल सिट एक्सरसाइज के नाम से जाना जाता है और खास बात यह है कि इन एक्सरसाइज को किसी भी उम्र का व्यक्ति अपने घर पर कर सकता है।
वॉल सिट एक्सरसाइज क्या है?
व्यायाम को लेकर, दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस बात पर चर्चा होती है कि आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज (ऐसी शारीरिक गतिविधयां, जिन्हें बार-बार नहीं करना पड़ता, बस एक विशेष अवस्था में शरीर को होल्ड यानी रोकना होता है) और बार-बार की जाने वाली एक्सरसाइज में से किसका प्रभाव ज्यादा होता है। उदाहरण के लिए, 'ऐब क्रंचेज' में एक ही गतिविधि को कुछ मिनट तक के लिए बार-बार करने की जरूरत होती है, जबकि वॉल सिट एक्सरसाइज (एक तरह का प्लैंक) करते वक्त ऐसा नहीं होता है।
अन्य गतिविधियों की तरह प्लैंक एक्सरसाइज से भी एक ही समय में कई मांसपेशियों पर सकारात्मक असर होता है, जिसके फलस्वरूप बहुत सी कैलोरी को बर्न करने में मदद मिलती है।
वॉट सिट एक्सरसाइज बॉडी कोर, पैरों को मजबूत करने और शरीर की स्थिरता व संतुलन को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपनी ताकत और कौशल का परीक्षण करने के लिए भी वॉल सिट एक्सरसाइज कर सकता है : इसमें एक ही स्थिति में लंबे समय तक बने रहना होता है।
जिन लोगों को घुटनों या कूल्हों में लगातार समस्या या दर्द रहता है, वे इस अभ्यास को करते समय अधिक तनाव महसूस कर सकते हैं, इसलिए वॉल सिट एक्सरसाइज या प्लैंक करने से पहले किसी प्रमाणित फिटनेस प्रशिक्षक से सलाह लेना जरूरी है।