कार्डियो एक्सरसाइज को कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज या एरोबिक्स एक्सरसाइज के नाम से भी जाना जाता है. इसे करने से हृदय की गति बढ़ जाती है, जिससे ब्लड तेजी से पंप होता है और ऑक्सीजन पूरे शरीर में पहुंचती है. इससे हृदय और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. साथ ही वजन कम करने, अच्छी नींद पाने और गंभीर बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है. क्या आप जानते हैं कि कार्डियो एक्सरसाइज को घर में भी किया जा सकता है. कार्डियो में जंपिंग, जॉनिंग, स्किपिंग, स्क्वाट्स और कुछ मोबिलिटी एक्सरसाइज कर सकते हैं.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि घर पर कौन-कौन सी कार्डियो एक्सरसाइज की जा सकती हैं -

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  1. घर पर एक्सरसाइज कैसे करें?
  2. सारांश
घर में कार्डियो एक्सरसाइज कैसे करें? के डॉक्टर

अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन हफ्ते में 150-300 मिनट तक फीजिकल एक्टिविटी करने की सलाह देता है. आप एक्सरसाइज कहीं भी करें, लेकिन नियमित रूप से करना चाहिए. घर में भी कार्डियो एक्सरसाइज की जा सकती है. इसे 3 भागों में बांटा जा सकता है- बिगिनर, इंटरमीडिएट और एडवांस. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं -

बिगिनर एक्सरसाइज

अगर आप कार्डियो एक्सरसाइज पहली बार कर रहे हैं, तो नीचे दी गई एक्सरसाइज से अपने रूटीन की शुरुआत कर सकते हैं. शुरू में आप 30 से 45 सेकंड तक एक्सरसाइज करें और फिर लगभग 30 सेकंड से 1 मिनट के ब्रेक के बाद दूसरी एक्सरसाइज शुरू करें -

  • हाई नीज़ या मार्चिंग इन प्लेस - शुरुआत में आप ये दोनों ही एक्सरसाइज कर सकते हैं. इसमें आपको स्टैडिंग पोजीशन में खड़े होकर एक्सरसाइज करनी होती है. हाई नीज़ या मार्चिंग के दौरान आपको बारी-बारी से अपने घुटनों को चेस्ट तक लेकर आना है. इसमें ऐसा महसूस होता है कि आप स्लो मोशन में रनिंग कर रहे हैं. पैरों के फ्लो के साथ आपके हाथ भी ऊपर-नीचे होते हैं.
  • जॉगिंग - जैसा कि नाम से ही समझ में आ रहा है आपको एक ही जगह पर खड़े होकर जॉगिंग करनी होती है. आप शुरुआत में पैरों को इतना पीछे की ओर लेकर जाएं कि पैर कूल्हों के साथ टच हो सकें. इन दोनों ही एक्सरसाइज में हाथ स्टेबल रहते हैं.
  • एयर जंप रोप या जंपिग जैक्स - इस एक्सरसाइज में आपको बिना रोप के हवा में जंप करना होता है, ठीक वैसे ही जैसे आप रस्सी के साथ जंप करते हैं. वहीं, जंपिग जैक्स एक्‍सरसाइज को आप कहीं भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको दोनों हाथों को हवा में ऊपर की ओर उठाते हुए उछलना होता है.
  • आर्म सर्कल या स्टैंडिंग क्रंच - आर्म सर्कल एक्सरसाइज में आपको सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को सर्कल में घुमाना होता है. स्टैंडिंग क्रंच में सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को सिर के पीछे टच करना होता है. इसके बाद बाएं घुटने को ऊपर उठाते हुए दाएं कोहनी के साथ स्पर्श करने का प्रयास करना है. ऐसा ही बाईं कोहनी व दाएं घुटने के साथ करना है.
  • टो टैप या क्रैब वॉक - एरोबिक एक्सरसाइज की शुरुआत में आप एक छोटे मजूबत बॉक्स को स्टेप्स की तरह रखकर उसके साथ टो टैप करें. इसमें सिर्फ पंजों को बॉक्स से टच करना है और एक बार में एक ही पैर के पंजे को टैप करें. बारी-बारी से दोनों पंजों को बॉक्स के ऊपर टच करे. इसमें धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा सकते हैं. क्रैब वॉक फनी लग सकती है, लेकिन ये पैरों और बैक की मसल्स को मजबूत करने में लाभदायक है. इसे करने के लिए फ्लोर पर बैठ जाएं और पैरों को आगे की तरफ रखते हुए घुटने से मोड़ लें. इस पोजीशन में एड़ियां जमीने से टच करेंगी, जबकि पंजे ऊपर की तरफ होंगे और हाथ पीछे जमीन पर टिके होंगे. अब शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे आगे या पीछे की तरफ चलें.

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इंटरमीडिएट एक्सररसाइज

इसमें एक्सरसाइज को थोड़ा तेजी से किया जाता है और रेस्टिंग टाइम भी कम होता है. इंटरमीडिएट एक्सरसाइज के दौरान हार्ट रेट भी फास्ट होने लगती है -

  • स्क्वाट्स जंप्स या स्क्वाट्स फ्रंट किक - स्क्वाट्स में दोनों हाथ चेस्ट के सामने आपस में बंधे होते हैं और कमर को सीधा करते हुए व घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स को पीछे की ओर ले जाना होता है. फिर हर एक स्क्वाट के बाद जंप करना होता है. वहीं, फ्रंट किक में स्क्वाट के बाद सामने की तरफ कि‍क मारनी होती है.
  • जंप रोप - बिगिनर एक्सरसाइज में बिना रोप के जंप किया जाता है, लेकिन इंटरमीडिएट एक्सररसाइज में रोप के साथ तेजी से जंप किया जाता है.
  • ट्रंक रोटेशन या स्टैंडिंग टो टचिंग - इन दोनों की एक्सरसाइज को खड़े होकर किया जाता है. ट्रंक रोटेशन में पैरों को बिना हिलाए दोनों हाथों को हवा में सामने की तरफ रखते हुए लेफ्ट या राइट टर्न किया जाता है. इसमें सिर्फ आपकी कमर और सिर मूव करता है. स्टैंडिंग टो टचिंग में सीधे खड़े होकर सामने की तरफ किक मारते हुए बाएं हाथ से दाएं पंजे को और दाएं हाथ से बाएं पंजे को टच करना होता है.
  • लंज जंप्स या प्लांक जैक्स - लंज जंप्स में तेजी से एक पैर को आगे करते हुए घुटने के बल नीचे झुकना होता है और पैरों के हिसाब से हाथों की मोमेंट भी चेंज होती है. प्लांक जैक्स में मैट पर पेट के बल लेटते हुए शरीर का पूरा भार हाथों और पंजों पर होता है और पैरों को एक साथ कंघों की चौड़ाई पर खोला और बंद किया जाता है.
  • बॉक्‍स जंप्स या स्टेयर क्लाइंब - बिगिनर एक्सरसाइज में बॉक्स पर पंजों से एक के बाद एक टैप करना होता है, लेकिन इंटरमीडिएट एक्सरसाइज में दोनों हाथों को चेस्ट के साथ बांधकर रखते हुए बॉक्स के ऊपर जंप करना होता है. इसकी जगह आप सीढ़ि‍यों पर भी तेजी से चढ़ सकते हैं.

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एडवांस एक्सरसाइज

एडवांस एक्सरसाइज के दौरान कार्डियो करने का समय, स्पीड और एक्सरसाइस का रिपिटिंग टाइम बढ़ जाता है. जैसे आप 30 सेकंड के 10 सेट कर रहे थे, तो एडवांस एक्सरसाइज में 15 -15 के तीन सेट या 6 सेट तक भी कर सकते हैं -

  • माउंटेन क्लाइंबर्स या बीयर क्रॉल - माउंटेन क्लाइंबर में आपको प्लांक की तरह मैट पर लेट जाना है और शरीर का पूरा भार पंजों और हाथों पर आएगा. इसके बाद हाथों को बिना हिलाएं एक-एक करके पैरों को हाथों के पास तक लाना है. बीयर क्रॉल में बच्चे जब घुटनों के बल चलना सीखते हैं, बिल्कुल ऐसे ही चलना है. आपके पंजे, घुटने और हाथ जमीन पर रहेंगे, लेकिन क्रॉल करते समय घुटने हवा में आ जाएंगे.
  • बर्पीज़ स्क्वाट्स या इंचवर्म क्रॉल - बर्पीज़ स्क्वाट्स एडवांस लेवल है. इसमें स्क्वाट्स करते हुए जमीन पर लेट जाना है और दोनों हाथों से बॉडी को पुशअप करते हुए उठना है. इंचवर्म क्रॉल में पैर आपके जमीन पर रहेंगे और आपको सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को जमीन पर क्रॉल करते हुए आगे बढ़ना है, लेकिन पैर नहीं हिलेंगे और हाथों से ही आपको वापस खड़े होना है.
  • प्लांक स्की हॉप्स - इस एक्सरसाइज में आपको प्लांक की पोजीशन में आना है. पूरे शरीर का भार हाथों व पंजों पर रहेगा. अब घुटनों को मोड़ते हुए दाएं व बाएं हवा में जंप करना है, लेकिन आपके हाथ अपनी जगह से नहीं हिलेंगे.

(और पढ़ें - फ्लटर किक्स के फायदे)

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घर पर कार्डियो एक्सरसाइज करना आसान है. आप कुछ बेसिक इक्विमेंट्स का इस्तेमाल करके आसानी से घर में कार्डियो सेटअप कर सकते हैं. आपको आरामदायक स्पोर्ट्स वियर और शूज के साथ एक मैट, रोप और स्टेप्स की जरूरत होती है. शुरुआती चरण में हल्की और धीमी एक्सरसाइज करनी चाहिए. इंटरमीडिएट एक्सरसाइज में थोड़ी तेज गति से एक्सरसाइज करनी चाहिए और एक्सरसाइज करने का समय बढ़ा देना चाहिए. एडवांस लेवल पर आप एक्सरसाइज का समय और स्पीड बढ़ा सकते हैं. कोई भी एक्सरसाइज घर में शुरू करने से पहले एक्‍सपर्ट की सलाह जरूर लें.

(और पढ़ें - स्टेबिलिटी बॉल एक्सरसाइज के फायदे)

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