जिमों और पार्कों में घंटों व्यायाम करने की बजाय धीरे-धीरे लोग अब कंपाउंड व्यायामों की तरफ बढ़ रहे हैं। शरीर के समग्र विकास के लिए कंपाउंड व्यायाम काफी फायदेमंद हैं। समय के साथ-साथ इसमें व्यायामों की नई-नई श्रंखला जुड़ती गई, जिससे यह लोगों के बीच खूब पसंद किया जाने वाला व्यायाम बन गया। क्रॉसफिट, एचआईआईटी, सर्किट ट्रेनिंग जैसे अभ्यासों ने कंपाउंड व्यायाम को और सरल और लोकप्रिय बना दिया है।
थ्रस्टर भी इसी तरह का एक व्यायाम है जो दो कंपाउंड व्यायामों को एक साथ शामिल करते हुए किया जाता है जिससे लगभग पूरे शरीर की मांसपेशियां सक्रिय रूप में आ जाती हैं। ओवरहेड या शोल्डर प्रेस और फ्रंट स्क्वाट को एक साथ मिलाकर किया जाने वाला यह व्यायाम एक ही समय में कई सारे लाभ देता है। इन दोनों व्यायामों को अलग अलग करने में अधिक वक्त लगता है, लेकिन जब आप इसे थ्रस्टर के रूप में करते हैं तो समय बचाने के साथ-साथ आप अधिक प्रभाव से अपने शरीर की मांसपेशियों का व्यायाम कर पाते हैं।
भले ही थ्रस्टर व्यायामों की लोकप्रियता हाल के वर्षों में बढ़ी हो, लेकिन यह व्यायाम नया नहीं है। यह दशकों से ओलंपिक भारोत्तोलन कार्यक्रमों का हिस्सा रहा है। थ्रस्टर व्यायामों के जरिए लोग अधिक कुशलता से स्वयं को प्रशिक्षित कर सकते हैं। इतना ही नहीं इस प्रक्रिया में कैलरी बर्न भी अधिक होता है, जिससे व्यायाम के अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। दो अभ्यासों के संयोजन वाला यह थ्रस्टर व्यायाम जोड़ों और बड़ी मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद व्यायाम है। इस व्यायाम को एक बारबेल, डम्बल या केटलबेल की सहायता से किया जा सकता है। अगर आपके पास इनमें से कोई उपकरण मौजूद नहीं है तो भी आप इसे आसानी से कर सकते हैं।