अगर समय की कमी के चलते आप अपना वर्कआउट या एक्सरसाइज मिस नहीं करना चाहते हैं, तो पुश अप सबसे बेहतर विकल्प होता है। विद्यालय के शुरुआती दिनों से ही आप इस एक्सरसाइज के बारे में जानते हैं। यह इकलौती एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति आसानी से कर सकता है।

अक्सर आपने लोगों को पार्क या जिम में पुश अप करते हुए देखा होगा। यहां तक सेना में जवानों को इस एक्सरसाइज को करने पर काफी जोर दिया जाता है। इसे मिलिट्री एक्सरसाइज के नाम से भी जाना जाता है। कई लोगों का यह भी मानना है कि सुंदर चेस्ट बनाने के लिए (अच्छी छाती बनाने के लिए) पुश अप एक्सरसाइज करना बेहद ही जरूरी है। इस एक्सरसाइज को करने से आपकी अंदर धंसी हुई छाती भी बाहर की तरफ निकलती है।

दूसरे शब्दों में कहें तो इससे छाती के आकार में बेहतरीन सुधार होता है। यह कहना गलता होगा कि यह एक्सरसाइज सिर्फ चेस्ट की मांसपेशियों पर असर करती है। असल में पुश अप करते वक्त आपके कंधे, ट्राइसेप्स, बाइसेप्स, बैक और पेट की अंदरूनी मांसपेशियां सक्रिय होती हैं।

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शरीर के ऊपरी हिस्से का एक ही बार में वर्कआउट करने के लिए पुश अप सबसे बेहतर है। जिम के लिए नए नवेले लोग भी इस एक्सरसाइज को आसानी से कर सकते हैं। 

 

  1. पुश अप करने के नुकसान - Push ups karne ke nuksan
  2. पुश अप क्या है - Push up kya hain
  3. पुश अप के प्रकार - Push ups ke prakar
  4. पुश अप करने का तरीका - Push ups karne ka tarika
  5. पुश अप करने के लाभ - Push ups karne ke labh

पुश अप करने से कलाई में लग सकती है चोट
अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज के मुताबिक, पुश अप करते वक्त आपकी कलाइयों पर काफी दबाव पड़ता है। पुश अप करते वक्त डंबल का इस्तेमाल करने से कलाइयों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए आपको दोनों हाथों में डंबल पकड़ने हैं।

हथेलियों को सीधा फर्श पर रखने के बजाय आप डंबल को पकड़ें और इसके बाद डंबल की मदद से अपने शरीर को ऊपर की दिशा में उठाएं। इसमें पूरे शरीर को नीचे न झुकाएं। जब तक आपका पूरा शरीर डंबल से ऊपर न आ जाए तब तक शरीर को नीचे न लाएं।

पुश अप करने से कंधों में आ सकती है चोट
पुश अप को ठीक ढंग से करने के लिए आपके कंधे जरूर मजबूत होने चाहिए। यह बात अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज कहती है।

यदि आपके कंधों में किसी प्रकार की चोट है तो आपको पुशअप करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि आपके कंधे मजबूत और स्वस्थ नहीं हैं तो पुश अप करने से उनमें और चोट आ सकती है। यदि आपको पुश अप करते वक्त कंधों से चटकने की आवाज सुनाई देती है तो तुरंत पुश अप करना रोक दें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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पुश अप व्यायाम क्या है?
पुश अप एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे फ्री स्टाइल वर्कआउट की श्रेणी में रखा जाता है। ज्यादा पुश अप करने से एक सीमा तक आपकी मांसपेशियों की सहनशीलता की ताकत बढ़ती है। 

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ज्यादा बार पुश अप करने से आपको मांसपेशियों की सहनशीलता बढ़ाने में तो मदद मिलेगी लेकिन किसी भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज के साथ आपको मजबूती पाने के लिए इसकी तीव्रता को बढ़ाना होगा। अब ऐसे में सवाल उठता है कि शरीर के वजन पर इस एक्सरसाइज की तीव्रता को कैसे बढ़ाया जाए।

 

गति में बदलाव करें

 पुश अप करते वक्त आपको जितना हो सके उतना धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाना है। इसके बाद नीचे आते ही आप एक सेकेंड के भीतर शरीर को ऊपर उठा सकते हैं। इसके मुकाबले आपको शरीर को 3-5 सेकेंड में नीचे लेकर जाना है। दूसरा तरीका है कि पुश अप में शरीर को ऊपर उठाते वक्त आप 3 सेकेंड्स तक शरीर को बीच में ही रोक लें।

पैर के ऊपर पैर रखकर
पुश अप को और ज्यादा मुश्किल बनाने का दूसरा सबसे बेहतर तरीका है कि आप एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर पूरे शरीर का वजन उठाएं। या फिर आप बेंच पर पैर रखकर कर सकते हैं।

इसके अलावा आप शरीर को जमीन से ज्यादा ऊपर लेकर जाएं। पुश अप को ज्यादा तीव्र एक्सरसाइज में बदलने से आपके लिए बेहतर होगा कि आप इसे धीरे-धीरे  और सही तकनीक से करना सीखें। जब आपका शरीर इसे अपना ले तब आप अगले चरण की ओर बढ़ें।

1. इनक्लाइन पुश अप

यदि आपके लिए सामान्य पुश अप करना मुश्किलों भरा होता है या इसे करते वक्त आपको ऊपर-नीचे जाने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है, तो ऐसे में इनक्लाइन पुश अप आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित होगी। आप आसानी से दीवार, टेबल या कुर्सी की मदद से इनक्लाइन पुशअप की एक्सरसाइज कर सकते हैं।

सामान्य इनक्लाइन पुशअप की एक्सरसाइज बेंच, टेबल या 3 फिट ऊंची किसी मजबूत चीज की मदद से की जा सकता है।

इनक्लाइन पुश अप करने का सही तरीका

आप बेंच, टेबल या बेड के किनारे के सामने खड़े हो जाएं। बेंच के किनारों पर अपने दोनों हाथों को हल्का सा फैलाकर रखें, इनकी चौड़ाई कंधों से थोड़ी ज्यादा होनी चाहिए। इसमें आपकी कोहनी जकड़ी (कसी) हुई नहीं होनी चाहिए। अपने पैरों को इस तरह रखें, जिससे आपका शरीर पूरी तरह एक सीधी रेखा में हो।

धीरे-धीरे अपनी कोहनियों को मोड़िए और छाती को बेंच के पास लेकर जाइये। ऐसा करते वक्त आपका शरीर एकदम स्थिर और सीधा होना चाहिए।

इसके बाद अपने शरीर को बेंच से पीछे की तरफ करिए। ऐसा आपको जब तक करना है तब तक कि आपकी कोहनियां एकदम सीधी न हो जाएं। ध्यान रहे इन्हें सीधा करते वक्त आपको इन्हें लॉक (जकड़ना) नहीं है। जब आप ऊपर की तरफ आ जाएं तब सांस को छोड़िये।

ऐसा आपको धीरे-धीरे लगातार करना है। आपको कम से कम इसे 15 बार दोहराना है। ऐसा आपको 3-4 बार करना है।

पुश अप करते वक्त आपका शरीर बिलकुल भी टेढ़ा या हिलना नहीं चाहिए। आपको घुटनों या हिप्स को मोड़ना नहीं है। पैर के अंगूठे से लेकर सिर तक एक सीधी रेखा होनी चाहिए। यदि इस पॉश्चर को बनाने में आपको परेशानी होती है तो शायद आपका पेट और पेट की अंदरूनी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इन मांसपेशियों की एक्सरसाइज करके इसे सुधारा जा सकता है।

पुश अप करते वक्त आपको अपने शरीर को पूरा ऊपर और नीचे लेकर जाना है। इसमें आपकी बाजू भी सीधी होंगी और मुड़ेंगी भी। यदि आपको ऐसा करने में दिक्कत आती है तो इसे एक ऐसी बेंच के साथ करें जो ऊंची हो। इसके अलावा आप एक दीवार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको इसके जितना हो सके उतना करीब खड़ा होना है, जिससे आप पूरा ऊपर नीचे आ जा सकें।

2. सामान्य पुश अप

सामान्य पुश अप आपके कंधों, छाती, ट्राइसेप्स, बाइसेप्स, बैक, पेट की अंदरूनी मांसपेशियों, क्वॉर्डिसेप्स और हिप्स की मांसपेशियों पर काम करती है।

सोचने में आपको यह प्लैंक की तरह लग सकती है, जिसमें ऊपर नीचे आते वक्त पूरे शरीर को एकदम सख्त रखा जाता है। सामान्य पुश अप को लेकर एक फिटनेस एक्सपर्ट का कहना है कि इसे करते वक्त आपको गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा एक ही रेखा में रखना होता है।

सामान्य पुश करने का सही तरीका

इसे करने के लिए आपको प्लैंक की पोजिशन बनानी होगी, जिसमें दोनों हथेलियों को जमीन पर कंधों की चौड़ाई में रखना होगा। ध्यान रहे आपके हाथों की कलाइयां कंधों के भीतर ही रहें।

आपको पूरे शरीर को एक सीधी रेखा में बनाना होगा। इसके बाद अपनी बाजुओं को मोड़कर जमीन के करीब जाइए। आपकी कोहनियों को शरीर के ऊपरी हिससे के सामने 90 डिग्री का कोण बनना चाहिए। ऐसा करने के बाद आपको पुनः ऊपर उसी अवस्था में जाना है।

3. वाइड ग्रिप पुश अप

वाइड ग्रिप पुश अप करने का तरीका सामान्य पुश अप से मिलता जुलता है। वाइड ग्रिप पुश अप में हांथों को कंधों की चौड़ाई से थोड़ा ज्यादा फैलाकर रखा जाता है। इससे आपके कंधे की ‘एंटीरियर डेल्टॉयड्स’ और छाती की ‘पेक्टोरिल्स माइनर’ मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। यह मांसपेशियां छाती के ऊपर हिस्से और कंधों के करीब होती हैं।

वाइड ग्रिप पुश अप करने का सही तरीका

वाइड ग्रिप पुश अप एक्सरसाइज करने के लिए प्लैंक की स्थिति में शरीर को करें। जमीन पर दोनों हथेलियों को सीधा रखें। हथेलियां कंधों की चौड़ाई से थोड़ा ज्यादा फैलेंगी। इसके साथ ही हथेलियां कंधों के अंदर की तरफ होंगी।

इसके बाद शरीर को एक सीधी रेखा में रखते हुए फर्श की तरफ जितना हो सके उतना करीब जाएं और फिर ऊपर आएं।

4. सिंगल लेग पुश अप

पुश अप करने के तरीकों में सिंगल लेग पुश अप सबसे चुनौतीपूर्ण एक्सरसाइज है। इस एक्सरसाइज को तभी किया जा सकता है जब आपके पैरों से लेकर सिर तक पूरा शरीर स्थिर हो। इस एक्सरसाइज में आपके शरीर की प्रत्येक मांसपेशियां अपने आपको एक पैर पर उठाने के लिए सक्षम होनी चाहिए। यहां तक कि यह अनुभवी लोगों के लिए भी मुश्किल होती है।

सिंगल लेग पुश अप करने का सही तरीका

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको प्लैंक की अवस्था बनानी होगी, जिसमें आपका शरीर ऊपर की तरफ उठा होना चाहिए।

आपके हांथ सीधे ही कंधों के नीचे होने चाहिए और आपके पैर भी कूल्हे से अलग होने चाहिए। इसके बाद आपको धीरे से एक पैर को ऊपर की तरफ उठाना है। ऐसा करते वक्त आपको ध्यान रखना है कि आपके हिप्स हवा में मुड़ें। आपको कंधों और कूल्हों को जमीन की तरफ रखना है।

इसके बाद हिप्स को सिकोड़कर नाभी को रीढ़ की तरफ खींचे। जैसे ही आपका शरीर जमीन की तरफ आएगा तब आपकी कोहनियों कमरे के दोनों कोनों की दिशा में जाते हुए मुड़ेंगी। इसके बाद आपका शरीर जमीन की तरफ पूरी गहराई में पहुंचेगा और फिर तभी आपको सांस को छोड़ना है। सांस छोड़ने के बाद आपको दोबारा से शुरुआती अवस्था में जाना है।

5. स्पाइडरमैन पुश अप

यदि आप सामान्य पुश अप करते-करते थक चुके हैं तो आपको इसे चुनौतीपूर्ण बनाने के जरूरत है। स्पाइडरमैन पुश अप मुख्य रूप से छाती और बाजू को मजबूत करती है, लेकिन इससे हिप्स में लचीलापन और पेट की अंदरूनी मांसपेशियां ताकतवर बनती हैं।

स्पाइडरमैन पुश अप करने का तरीका सीखने के दौरान आपको शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिससे आपके शरीर की बनावट में भी सुधार आता है। इसे सीखते वक्त आप कमर में आने वाली दिक्कतों से भी निजात पा सकते हैं।

जरूरी नहीं कि आपके सिक्स पैक एब्स हों तभी आपके पेट की मांसपेशियां मजबूत मानी जाएंगी। आपके कोर में एब्स, बैक, कंधे और हिप्स आते हैं। कमर के दर्द और चोट से मुक्त रहते हुए शरीर की बनावट को अच्छा बनाए रखने के लिए यह एक कठिन एक्सरसाइज है। इस एक्सरसाइज से आप आसानी से इन मांसपेशियों का वर्कआउट कर सकते हैं।

स्पाइडरमैन पुश अप करने का सही तरीका

चटाई पर अपने दोनों हाथों को कंधों की चौड़ाई से थोड़ा दूर रखें। पैरों को फैलाएं और पेट की मांसपेशियों को इसमें सक्रिय करते हुए दोनों पैरों के अंगूठों को प्लैंक की अवस्था में करें।

कोहनी को बाहर की दिशा में मोड़ते हुए जमीन के नीचे की तरफ जाएं। इसके साथ ही आपकी छाती फर्श की तरफ जाएगी। इसके बाद बाएं घुटने को कोहनी की बाहर की तरफ लेकर जाएं। एक गिनने तक घुटने को रोकें रखे।

इसके बाद पैर पुनः उसी अवस्था में लेकर आएं। ऐसा आपको दूसरे पैर से भी करना है। इसके रेपेटेशन ज्यादा करने से बेहतर है कि आप स्पाइडरमैन पुश अप को सही ढंग से करें। इस एक्सरसाइज को करते वक्त आपको शरीर के पॉश्चर को बिगड़ने नहीं देना (जब एब्स और हिप्स की मांसपेशियां सिकुड़ें) है।

6. इसेंट्रिक पुश अप

पुश अप की इस एक्सरसाइज में शरीर को धीरे-धीरे नीचे की तरफ लेकर जाया जाता है और नीचे जाने के बाद एकदम ऊपर की तरफ लाया जाता है।

अब आपके दिमाग में यह खयाल आएगा कि यह एक्सरसाइज आपको क्यों करनी चाहिए? कई अध्ययनों में इस बात का पता चला है कि पुश अप करते वक्त यदि आप नीचे जाते वक्त गति पर ध्यान देते हैं तो इससे आपकी ताकत और मांसपेशियों का आकार भी बढ़ता है।

इसेंट्रिक पुश अप करने का सही तरीका

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको प्लैंक की अवस्था में आना होगा। कंधों और कलाइयों को लेकर ऊपर पहले ही बताया जा चुका है कि आपको उन्हें किस अवस्था में करना है।

इसके बाद शरीर को एक सीधी रेखा में रखते हुए बाजुओं को मोड़िए और धीरे-धीरे जमीन की तरफ जाइए। नीचे पहुंचने के लिए आपको करीब 3 तक गिनना चाहिए। इसके बाद दोबारा एक बार में ही तेजी से ऊपर की तरफ आ जाइए।

 
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1. पुश अप्स करने से आपकी मांसपेशियों पर जमा अतिरिक्त चर्बी हट जाती है। इस प्रक्रिया में आपके शरीर की अधिकांश मांसपेशियों का उपयोग होता है, जिससे कि बेहतर तरीके से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। 

2. जब आप पेट को जमीन की ओर झुकाते हैं तो आपकी पीठ की मांसपेशियां बेहतर ढ़ंग से स्ट्रेच होती है। साथ ही कंधों पर भी विशेष खिंचाव महसूस होता है। इससे आपमें लोचता बढ़ती है और शरीर का इस तरह विकास होता है कि आपको आसानी से चोटें नहीं लगती। साथ ही लोचता के चलते व्यक्तित्व में भी निखार आता है।

3. इससे आपका कार्डियोवस्क्युलर सिस्टम मजबूत होता है क्योंकि कई मांसपेशियां मिल कर जब सक्रिय होती हैं तो उन सभी के ऊतकों में रक्त पहुंचाने के लिए आपके दिल को और अधिक सक्रिय होना पड़ता है। 

4. मांसपेशियों की गतिविधियों से मसल मास का और अधिक उत्पादन होता है। जिससे शरीर के विकास में मदद मिलती है।

5. पुश अप्स आपको कंधे में लगने वाली चोटों से सुरक्षित रखता है। 

6. पुश अप्स की मदद से पोश्चर ठीक करने में मदद मिलती है। 

7. पीृठ के निचले हिस्से में चोट लगने से भी बचाता है लगातार पुश -अप्स करते रहना। 

8. कम समय में अपेक्षाकृत अधिक मजबूत शरीर का निर्माण होता है। 

9. बिना किसी लागत के पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है और आपको कहीं जाना भी नहीं पड़ता। घर पर ही पुश अप करके आप जिम में पसीना बहाने जितना श्रम कर लेते हैं और आपको कोई फीस भी नहीं चुकानी होती। 

संदर्भ

  1. Health Harvard Publishing: Harvard Medical School [Internet]. Harvard University, Cambridge. Massachusetts. USA; Why push-ups help beat aging.
  2. Yang, J et al. Association Between Push-up Exercise Capacity and Future Cardiovascular Events Among Active Adult Men. JAMA Netw Open. 2019 Feb;2(2):e188341.
  3. Marcolin, G et al. Selective Activation of Shoulder, Trunk, and Arm Muscles: A Comparative Analysis of Different Push-Up Variants. Journal of Athletic Training. 2015 Nov; 50(11): 1126–1132. PMID: 26488636.
  4. Kim, YS et al. Effect of the push-up exercise at different palmar width on muscle activities. Journal of Physical Therapy Science. 2016 Feb; 28(2): 446–449. PMID: 27064571.
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