अच्‍छे पोस्‍चर और शरीर में संतुलन के लिए पीठ का मजबूत होना बहुत जरूरी है। लोग वेट ट्रेनिंग और अन्‍य एक्‍सरसाइज की मदद से मांसपेशियां बनाने में लगे रहते हैं, उनका फोकस बाइसेप्‍स, छाती और एब्‍स बनाने पर होता है लेकिन वो पीठ की मांसपेशियों पर ध्‍यान देना भूल जाते हैं।

मानव शरीर में पीठ सबसे बड़े मसल ग्रुप में से एक होती है। कई एक्‍सरसाइज मिलकर पीठ को मजबूत करती हैं लेकिन कु बेसिक मूवमेंट पीठ को स्‍वस्‍थ और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती हैं।

जिस तरह छाती और टांगों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में पुश-अप्‍स या स्क्वाट्स काम करते हैं, उसी तरह पुल-अप कमर की मांसपेशियों के लिए काम करते हैं।

पुल-अप पूरी पीठ को मजबूती दे सकते हैं, ऊपर उठने और फिर धीरे से नीचे आने से सारी मांसपेशियां उत्तेजित हो जाती हैं। विभिन्‍न मसल ग्रुपों पर मल्‍टीपल एक्‍सरसाइज करने की जरूरत होती है। ये एक अकेली मूवमेंट पीठ के लिए बहुत अच्‍छी होती है।

पीठ को मजबूत करने के लिए आप कई वेरिएशनों में पुल-अप कर सकते हैं। लेकिन पहले आपको पुल-अप के बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।

  1. पुल-अप्‍स के फायदे - Pull ups karne ke fayde
  2. पुल अप्स करने का तरीका - Pull ups karne ke tarike
  3. पुल-अप्‍स के प्रकार - Types of pull ups for back in hindi
  4. पुल-अप्‍स में कैसे बनें परफेक्‍ट - Tips to master the pull-ups in hindi
  5. पुल-अप्‍स करते समय क्‍या सावधानियां बरतें - Precautions while performing pull-ups in hindi
  6. पुल-अप एक्‍सरसाइज का सारांश - Takeaways of the pull-up exercise in hindi

पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए बहुत मेहनत और समय लगता है। पुल-अप पीठ की प्रमुख मांसपेशियों पर काम करता है। यह गर्दन से लेकर पीठ के निचले हिस्‍से के साथ कंधों और बांहों की मांसपेशियों पर काम करता है। पीठ को टारगेट करने के लिए यह सबसे असरकारी एक्‍सरसाइज है।

  • फैट बर्न करना : किसी अन्‍य बॉडी वेट या कंपाउंड एक्‍सरसाइज की तरह पुल-अप्‍स शरीर से फैट को बर्न करते हैं और पीठ को शेप में लाते हैं। इससे आपकी पीठ V शेप में दिखाई देती है। बॉडी वेट एक्‍सरसाइज ज्‍यादा कैलोरी खर्च करती हैं जिससे आपकी पूरी बॉडी टोन होती है।
  • धड़ बनता है मजबूत : शरीर के ऊपरी हिस्‍से को बनाने में पुल-अप्‍स बहुत असरकारी और पर्याप्‍त होते हैं। ये पूरी पीठ, कंधों, बांहों और छाती पर काम करता है जो इसे बेहतरीन कंपाउंड एक्‍सरसाइज बनाते हैं। अगर आप कमर के ऊपर हिस्‍से को चौड़ा करने के साथ स्‍टैमिना बढ़ाना चाहते हैं तो पुल-अप्‍स या चिन-अप्‍स से मदद मिल सकती है।
  • ताकत और स्‍टैमिना बढ़ता है : बांहों से शरीर के पूरे वजन को उठाने से ताकत, स्थिरता और स्‍टैमिना में सुधार आता है और मसल मास बनाने में मदद मिलती है। अध्‍ययनों के अनुसार बॉडीवेट एक्‍सरसाइज पूरे शरीर की ताकत और स्‍टैमिना को बढ़ावा देती हैं।
  • एडवांस ट्रेनिंग के लिए तैयारी : पुल-अप्‍स सबसे मुश्किल एक्‍सरसाइजों में से एक है। इसे आप अपने बॉडी वेट के साथ ही कर सकते हैं। सिर्फ अपनी बांहों से पूरे शरीर को खींचना बहुत मुश्किल होता है। ये मूवमेंट डेडलिफ्ट, बेंट ओवर रो के साथ-साथ पुलिंग मूवमेंट वाली अन्‍य इंटेंस मूवमेंट के लिए आपको तैयार करती हैं।
  • सेहत में आता है सुधार : कई अध्‍ययनों में ये बात साबित हो चुकी है कि एक्टिव रहने से डिप्रेशन, थकान, स्‍ट्रेस और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं से लड़ने में मदद मिलती है। नियमित एक्‍सरसाइज करने से कार्डियोवस्‍कुलर समस्‍याओं और मानसिक बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा पीठ को मजबूत करने से पीठ से जुड़ी समस्‍याओं से निपटने में मदद मिलती है।
  • मल्‍टीपल वेरिएशन : इस एक्‍सरसाइज के कई रूप हैं जिनकी मदद से आप पीठ या बाइसेप्‍स को ट्रेन कर सकते हैं। पुल-अप्‍स के साथ टांगों को ऊपर उठाने से कोर मसल्‍स और पीठ को ट्रेन करने में मदद मिल सकती है।
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शुरुआत में किसी भी व्‍यक्‍ति को पुल अप करने में दिक्‍कत हो सकती है। अगर आप कोई मुश्किल एक्‍सरससाइज भी कर रहे हैं, तो भी आपपको पुल-अप्‍स करने में दिक्‍कत आ सकती है। यह सबसे मुश्किल एक्‍सरसाइजों में से एक है और इसके लिए काफी एनर्जी की जरूरत होती है। शुरुआत में फुल-रेंज पुल अप करने आपको काफी समय लग सकता है।

किन मांसपेशियों पर करती है काम

  • पीठ के ऊपरी हिस्‍से
  • छाती के ऊपरी हिस्‍से
  • बांहों के ऊपरी हिस्‍से

क्‍या चाहिए

  • आपको इसके लिए एक पुल अप बार या कहीं लटकने की जरूरत होती है।

कितनी गंभीर है

  • इंटरमीडिएट (‍ट्रेनी)

सेट्स और रेप्‍स

  • हर 10 रेप्‍स के 3 सेट

तकनीक

  • पुल-अप बार या किसी बार पर हाथों की ग्रिप बनाकर लटक जाएं।
  • दोनों हाथों के बीच थोड़ा गैप होना चाहिए।
  • हाथ आपके पूरे लटके होने चाहिए।
  • अपने शरीर को सीधा और पैरों को जमीन से ऊपर रखें।
  • अब जब तक आपकी छाती बार को नहीं छू लेती, उतना अपने आपको ऊपर खींचें।
  • अब धीरे से शुरुआत वाली पोजीशन में पहुंच जाएं। ये एक रेप हुआ।

आपको हम बेसिक पुल-अप के बारे में बता चुके हैं, लेकिन इस एक्‍सरसाइज को कई तरह से आसान और मुश्किल किया जा सकता है, जैसे कि :

  • चिन-अप्‍स : बाइसेप्‍स को टारगेट करने के लिए यह बेहतरीन एक्‍सरसाइज है। बार को अंडरहैंड ग्रिप से पकड़ना है। बांहों के बीव कॉलर बोन की चौड़ाई जितना गैप होना चाहिए। इसी मोशन में खुद को खींचें।
  • वाइड ग्रिप : इस मूवमेंट में बार को ओवरहैंड ग्रिप के साथ पकड़ें।
  • क्‍लोज ग्रिप : बार को अंडरहैंड ग्रिप के साथ पकड़ना है। हाथों के बीच कॉलर बोन की चौड़ाई जितनी जगह होनी चाहिए। जब तक ठोड़ी बार के ऊपर न चली जाए, तब तक खुद को ऊपर खीचें।
  • कमांडो पुल-अप्‍स : बार को पकड़ें और आपकी हथेलियां एक-दूसरे के सामने होनी चाहिए और इनके बीच कम गैप होना चाहिए। कंधों के बार के बराबर आने तक बॉडी को ऊपर खींवें और आपका सिर दाईं तरफ होना चाहिए। अब शरीर को नीचे लाएं और फिर दूसरी दिशा में इसे दोहराएं। अपने शरीर को बार की सीध में रखें।
  • न्‍यूट्रल ग्रिप पुल-अप्‍स : पुल-अप बार पर समानांतर एक्सटेंशन को पकड़ें और ऊपर की तरह की मूव करें।
  • बिहाइंड द नेक पुल-अप्‍स : ओवरहैंड ग्रिप के साथ बार को पकड़ें। बांहों के बीच कंधों की चौड़ाई से थोड़ी ज्‍यादा जगह होनी चाहिए। अब खुद को तब तक खींचें जब तक कि बार आपके आगे की जगह पीछे न आ जाए।
  • डेड हैंग पुल-अप्‍स : अंडरहैंड ग्रिप के साथ बार को पकड़े। बांहों को सीधा रखें और शरीर काे रिलैक्‍स छोड़ दें। खुद को धीरे से ऊपर की ओर खींचें।
  • क्रॉसफिट पुल-अप्‍स : इसे किपिंग कहते हैं। बेसिक पुल-अप वाली पोजीशन में आ जाएं। छाती को सामने की ओर धकेलें और पीठ को उल्‍टी दिशा में खीचें। अब दो से तीन बार आगे-पीछे हों और फिर खुद को बार के ऊपर खींचकर ले जाएं।
    बाहों को शुरुआत वाली पोजीशन तक फैलाएं। ये लगातार होने वाली मूवमेंट है जिसमें आपको लगातार बार के ऊपर-नीचे होना पड़ता है। इस बीच आपको रूकना नहीं होता है।
  • मसल-अप्‍स : इस मूवमेंट में आपको शरीर के पूरे ऊपरी हिस्‍से को बार के ऊपर खींचना होता है।
  • वेटिड पुल-अप्‍स : बेसिक पुल-अप्‍स के साथ यह एक्‍सरसाइज और ज्‍यादा दिलचस्‍प बन जाती है। आप अपने पैरों के बीच डंबल रख सकते हैं या पीठ पर भारी बैग पकड़ सकते हैं।
  • मशीन पुल-अप्‍स : शुरुआती लोगों के लिए यह वेरिएशन बहुत आसान है। इससे आपको मूवमेंट को समझने में मदद मिलती है और खुद पर प्रेशर बनाने बिना ताकत मिलती है। मशीन से घुटनों को आराम मिलता है और आप रेसिस्‍टेंस की मदद से खुद को लिफ्ट कर पाते हैं।
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पहली बार में ही पुल-अप करना मुश्किल हो सकता है। शुरुआत में बिना प्रैक्टिस के पुल-अप करना मुश्किल होता है। इसमें माहिर होने में आपको हफ्ते लग सकते हैं। अगर आपको पुल-अप करने में परेशानी हो रही है, तो निम्‍न एक्‍सरसाइजों से अपनी शुरुआत कर सकते हैं :

  • चेयर पुल-अप्‍स : पैरों को जमीन से ऊपर उठाकर पुल-अप करें।
  • सीटिड पुल-अप्‍स : सही मूवमेंट को सीखने में सीटिड पुल-अप्‍स मददगार साबित हो सकते हैं। जिम में टीआरएक्‍स एपैरेटस मौजूद होते हैं। आप इसकी मदद ले सकते हैं।
  • इंवर्टिड रो : स्‍क्‍वैट रैक में लगी बार को पकड़कर इं‍वर्टिड रो की प्रैक्‍टिस करें।
  • नेगेटिव पुल-अप्‍स : इस मूवमेंट में पुल-अप बार के जितना ऊपर जाना होता है और धीरे-से नीचे आना होता है।
  • डेड हैंग या फ्लेक्‍स्‍ड आर्म्‍स : लटकने से बांहों को मजबूती मिल सकती है और पूरा शरीर स्‍ट्रेस होता है।
  • हाफ पुल-अप्‍स : शुरुआत में जितना हो सके अपने शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।

पुल-अप बार पकड़ने के बाद बॉडी को ऊपर खींचना एक नैचुरल मूवमेंट है। इस दौरान कइ लोगों को निम्‍न कारणों से चोट लग जाती है :

  • भारी सामान उठाने : वेटिड पुल-अप्‍स में एक इक्‍यूपमेंट का इस्‍तेमाल कर के इंटेसिंग को बढ़ाया जाता है लेकिन आपको उतना ही वेट उठाना चाहिए जितना आपकी बॉडी सहन कर सकती है।
  • चीटिंग : स्ट्रिक्‍ट मोशन का मतलब है लटकने और नीचे की पोजीशन से ऊपर जाने के लिए आपको अपनी बांहों को पूरा चौड़ा करना होता है।
  • बेडिंग बैक : आमतौर पर पीछे की ओर झुकने से एक्‍सरसाइज की मोशन कमी आ जाती है। पीठ को झुकाने से पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, डिस्‍क हर्निएशन या कंधे में दर्द हो सकता है। वर्कआउट इंजरी से बचने के लिए पूरी मूवमेंट के दौरान पीठ को सीधा रखें।
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पुल-अप्‍स बेहतरीन बॉडीवेट एक्‍सरसाइज हैं जो एक ही मोशन में मांसपेशियों के कई ग्रुपों को ट्रेन कर सकते हैं। इसे आप जिम, पार्क या घर पर कहीं भी कर सकते हैं। ताकत और स्‍टैमिना बनाने के लिए कई वेरिएशनों के साथ पुल-अप्‍स बेहतर रहते हैं और इससे आप शरीर के किसी भी हिस्‍से को ट्रेन कर सकते हैं।

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