स्वस्थ और आकर्षक शरीर के लिए कंधों की मजबूती सबसे जरूरी होती है। कंधों को मजबूती देने के लिए कई सारे व्यायाम हैं, जिनमें शोल्डर प्रेस का विशेष महत्व है। शोल्डर प्रेस को ओवरहेड प्रेस व्यायाम के नाम से भी जाना जाता है। शरीर के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों के साथ कंधे की मांसपेशियों को सुडौल और आकर्षक बनाने के लिए यह व्यायाम खूब प्रचलित है। स्क्वाट, डेडलिफ्ट और बेंच प्रेस के साथ शोल्डर प्रेस व्यायाम कंधों को चौड़ा और मजबूत बानने के लिए जिम में सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है।
यह व्यायाम आकर्षक शरीर की चाहत रखने वालों के लिए जितना लाभदायक है, इसका गलत तरीका उतना ही नुकसान भी पहुंचा सकता है। मतलब इस व्यायाम को करने से पहले, इसे सही ढंग से कैसे करना है यह जान लेना सबसे जरूरी होता है। शोल्डर प्रेस करते समय पेट की मांसपेशियों, पैरों और पीठ के निचले हिस्से में स्थिरता बनी रहती है, और हाथों की मदद से डंबल को सिर के ऊपर की ओर ले जाना होता है।
शोल्डर प्रेस व्यायाम करते हुए शरीर की कई और मांसपेशियां भी सक्रिय हो जाती हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस एक व्यायाम के कई लाभ हैं। जब हम शोल्डर प्रेस कर रहे होते हैं तो छाती (पेक्टोरलिस मेजर), ट्राइसेप्स (ट्राइसेप्स ब्राची) और पीठ के ऊपरी हिस्से के साथ-साथ कंधे की मांसपेशियों (ट्रेपेज़ियस) का भी व्यायाम हो रहा होता है।
अगर हम कंधों की बात करें तो मुख्य रूप से इसमें तीन हड्डियां होती हैं।
- क्लैविकल : इसे कॉलरबोन के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षैतिज रूप में सबसे लंबी हड्डी भी है। बाएं और दाएं कंधे इसके दो सिरे होते हैं।
- स्कैपुला : यह हड्डी कॉलरबोन और ह्यूमरस (ऊपरी बांह की हड्डी) को आपस में जोड़ने का काम करती है।
- ह्यूमरस : यह ऊपरी बांह की सबसे बड़ी हड्डी है जो कंधे के ब्लेड से कोहनी को जोड़ने का काम करती है।