छाती की मांसपेशियों के विकास और मजबूती के लिए बेंच प्रेस सबसे लोकप्रिय और प्रभावी व्यायाम माना जाता है। फ्लैट बेंच प्रेस, इन्क्लाइन बेंच प्रेस हो या डिक्लाइन बेंच प्रेस, चौड़ी छाती की चाहत रखने वालों के लिए यह सारे व्यायाम वरदान साबित हो सकते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से के संपूर्ण व्यायाम के लिए विभिन्न कोणों और अभ्यासों को प्रयोग में लाना जरूरी होता है।
ऐसे ही डंबल पुलओवर व्यायाम को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है कि क्या चेस्ट-डे या बैक-डे के दिन इस व्यायाम को किया जा सकता है? ऐसी चर्चा इसलिए है क्योंकि डंबल पुल ओवर व्यायाम एक साथ छाती की पेक्टोरल और पीठ की लेटिसिमस डोरसी मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है। परिणामस्वरूप आम तौर पर डंबल पुलओवर व्यायाम को चेस्ट वर्कआउट-डे और बैक वर्कआउड-डे के बीच वाले दिन में करने की सलाह दी जाती है।
कुछ लोगों ने अलग तकनीक से इस समस्या का हल ढूंढने का प्रयास किया, जिससे इस व्यायाम को सिर्फ पीठ या छाती की मांसपेशियों को लक्षित किया जा सके। (यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उस दिन शरीर के किस अंग को लक्षित करना चाह रहे हैं)। सच्चाई यह है कि मानक तकनीक का पालन करना वास्तव में दोनों मांसपेशी समूहों के व्यायाम के लिए पर्याप्त है। ऐसे में सप्ताह के विभिन्न दिनों में अलग-अलग तकनीक से इस व्यायाम को करने में हानि नहीं है।
आमतौर पर देखने को मिलता है कि अन्य व्यायामों की तुलना में डंबल पुलओवर को उतना अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। बावजूद इसके यह पेशेवर बॉडीबिल्डरों और फिटनेस प्रशिक्षकों के लिए पसंदीदा व्यायामों में से एक है। अमेरिका के एक पूर्व अभिनेता और कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर, अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर ने इस व्यायाम को लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बनाया, जिसके चलते इस व्यायाम का बड़ी संख्या में लोगों ने लाभ उठाया। हालांकि, अगर देखा जाए तो आज भी इस व्यायाम के अलग रूप नहीं आ सके। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आपको अपनी दिनचर्या में इस व्यायाम को क्यों शामिल करना चाहिए और इसे सही तरीके से किस तरह से करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है।