प्रत्येक व्यक्ति फिट रहना चाहता है। इसके लिए वे अच्छे खानपान और एक्सरसाइज की मदद लेते हैं। वास्तव में, अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर दिन कम से कम आधा घंटा व्यायाम करना जरूरी है। हालांकि, आपके पास फिट रहने के अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं जैसे योग अभ्यास करना, जिम जाना और वेट ट्रेनिंग से लेकर हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) तक सब कुछ आजमा सकते हैं। 

हालांकि, जो लोग जिम ज्वॉइन करते हैं वे शुरू में तो नियमित रूप से जिम जाते हैं, लेकिन कुछ समय के बाद ऐसा नहीं हो पाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे जिम की महंगी फीस अदा करना या बार-बार एक जैसे वर्कआउट करना भी कई बार उबाऊ हो सकता है, लेकिन यदि आप डांस वर्कआउट करते हैं तो ऐसी समस्याएं बहुत कम सामने आती हैं। डांस एरोबिक एक्सरसाइज का सबसे स्वभाविक रूप है, जो न केवल आपको फिट रखता है बल्कि मनोरंजित भी करता है। इसके लिए आपको बस इतना करना है कि पसंदीदा गाने लगाएं, जॉगिंग वाले जूते पहने और डांस करना शुरू कर दें। ऐसा नहीं है कि फिटनेस और बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको ट्रेंड डांसर होना जरूरी है। देखा जाए तो ऐतिहासिक काल से मनुष्य डांस से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि विश्व इतिहास में एक भी ऐसी संस्कृति (कल्चर) नहीं है, जिसमें डांस के लिए जगह न हो। वैसे हम चाहें तो प्रोफेशनल्स के वीडियो देखकर भी डांस कर सकते हैं।

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डांसिंग के ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जो कि काफी प्रभावी हैं। अध्ययन बताते हैं कि डांस को वजन कम करने से लेकर यह मांसपेशियों की टोनिंग करने और संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करने के लिए जाना जाता है। डांस की मदद से आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं, क्योंकि किसी भी अन्य एक्सरसाइज की तरह इसमें भी चोट लगने का जोखिम रहता है। यहां आपको डांस वर्कआउट्स के बारे में सभी जरूरी जानकारी जैसे डांस के प्रकार, लाभ, जोखिम और शुरू करने के तरीके के बारे में बताया गया है।

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  1. डांस वर्कआउट के प्रकार - Types of dance workouts in Hindi
  2. क्या डांसिंग अन्य वर्कआउट से बेहतर है? - Dance and other workouts in Hindi
  3. डांस के फायदे - Benefits of dancing in Hindi
  4. बच्चों के लिए डांस के फायदे - Dancing benefits for toddlers in Hindi
  5. डांस का जोखिम - Dance side effects in Hindi
  6. डांस वर्कआउट करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण टिप्स - Tips for dance workout in Hindi

भरतनाट्यम और कथक से लेकर टैंगो और सालसा तक, कई तरह के नृत्य हैं, जिन्हें लोग कला समझकर या कसरत के रूप अपने रूटीन में शामिल करते हैं।

डांस के लगभग सभी प्रकार (डांस फॉर्म) संतुलन में सुधार करते हैं और मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं। इसमें मध्यम से लेकर उच्च तीव्रता वाले व्यायाम शामिल हैं, जो वसा (फैट) को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे भी डांस फॉर्म हैं, जो बेहतर वर्कआउट हैं और गतिशीलता को बढ़ाते हैं। इनमें से कुछ निम्नवत हैं :

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ज़ुम्बा : ज़ुम्बा एक फिटनेस प्रोग्राम है, जिसे कोलंबिया के डांसर अल्बर्टो पेरेज ने बनाया है। इसमें अलग-अलग रेंज के संगीत हैं, जिनके अनुसार बॉडी मूवमेंट की जाती है। खास बात यह है कि हर व्यक्ति ज़ुम्बा कर सकता है, चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो।

बेली डांसिंग : यह थोड़ा अनोखा और आकर्षक है। इसमें कूल्हे, कंधे और टांगों की मूवमेंट होती है। यह गति और संतुलन को बढ़ाते हैं। बेली डांसिंग ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिन्हें गठिया है या इसका जोखिम है।

हिप-हॉप : हिप-हॉप ऐसा डांस फॉर्म है जो कि स्ट्रीट बेस (रोड या गली में) है। इसमें तेजी से मूवमेंट करना और पूरे शरीर को संतुलित रखते हुए किसी एक अंग को हिलाना शामिल है। ध्यान रहे, यह डांस फॉर्म गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए अनुकूल नहीं है।

भरतनाट्यम : यह एक शास्त्रीय भारतीय नृत्य है, जिसमें स्क्वैट्स करते हैं व पेट के निचले भाग और अंगों को संतुलित करके कला की प्रदर्शनी की जाती है। इसके अलावा कंधे, गर्दन, हाथ और यहां तक ​​कि आंखों की मूवमेंट का भी इसमें खास रोल होता है। भरतनाट्यम में अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन) पर विशेष ध्यान रखा जाता है। यह संज्ञानात्मक कार्यों और याददाश्त बढ़ाने में सहायक है।

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कथक : इसमें पैरों में घुंघरू या भारी घंटियों के गुच्छे पहन कर तरह तरह की मूवमेंट करना होता है, जैसा कि एक कथक डांसर करता है। यह न केवल कैलोरी कम करने में मदद करता है, बल्कि शरीर के संतुलन को भी बेहतर बनाता है। कथक में नृत्य के माध्यम से कथा बयां की जाती है। इसका अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

ओडिसी : ओडिसी भी एक शास्त्रीय नृत्य है, जो शरीर की लगभग हर मांसपेशी की टोनिंग और उन्हें मजबूती देता है, यहां तक कि चेहरे की मांसपेशियों के लिए भी यह फायदेमंद है। ओडिसी लचीलेपन को भी बनाए रखता है।

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डांस के माध्यम से आप कितनी वसा या वजन कम करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा डांस फॉर्म करते हैं। अधिक तीव्रता वाले डांस करने से तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, यह भी पता चला है कि यदि एक घंटे तक 'बॉलरूम डांसिग' की जाए तो यह 260 कैलोरी कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा साल्सा, ज़ुम्बा व अन्य एरोबिक डांसिंग फॉर्म भी तैराकी या दौड़ लगाने की तरह कैलोरी कम करने में सहायक हैं।

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2018 में 'पीएलओएस वन' (PLOS One) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोगों पर व्यापक रूप से मूल्यांकन किया गया था, जो डांसिंग से लंबे समय से जुड़े थे। इसमें यह देखा गया कि डांस या कोई और फिटनेस एक्टिविटी कैसे हमारे फोकस करने की क्षमता, याददाश्त, शरीर का पॉश्चर और हृदय स्वास्थ पर असर करती है। इस अध्ययन से शोधकर्ताओं ने पाया कि पारंपरिक रूप से की जाने वाली फिटनेस एक्टिविटी की तुलना में डांस ने मस्तिष्क में उत्तेजना पैदा की और सा​थ ही साथ याददाश्त व फोकस करने की क्षमता में सुधार किया।

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बता दें, डांस वर्कआउट किसी अन्य फिटनेस वर्कआउट की तरह मांसपेशियों की टोनिंग, हड्डियों को मजबूत करने, दक्षता बढ़ाने और वजन घटाने में मदद करता है। इसके मानसिक और संज्ञानात्मक लाभ भी हैं। इस लिहाज से डांस वर्कआउट को अन्य वर्कआउट से बेहतर माना जा सकता है।

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आप कोई भी डांस फॉर्म का चुनाव करें, सभी अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से असरदार व प्रभावी है। यह न सिर्फ आपको शारीरिक रूप से फिट रखता है, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी यह फायदेमंद है। डांस वर्कआउट में संलग्न होने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं :

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फुल बॉडी वर्कआउट है डांसिंग - Dancing is a fullbody workout in Hindi

डांस न केवल शरीर के एक अंग के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पूरे शरीर को लचीलापन व मजबूती देता है। डांस वर्कआउट बॉडी कोर, हाथ, पैर और पीठ पर ज्यादा असरदार है। डांस करने से शरीर की मांसपेशियों की टोनिंग, मजबूती, दक्षता और फिटनेस में सुधार करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें : फिट रहने के तरीके)

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सकारात्मकता देता है डांस वर्कआउट - Dance gives you confidence in Hindi

जिम में वर्कआउट करना कुछ समय के बाद उबाऊ हो सकता है। इसके अलावा हर दिन एक जैसा व्यायाम करना भी बोरियत से भरा हो सकता है, लेकिन डांस में ऐसा नहीं है, क्योंकि इसमें तमाम तरह की बॉडी मूवमेंट होती है, यही वजह है इसमें आप रोजाना नई नई चीजें कर सकते हैं, इससे आपका आत्म विश्वास भी बढ़ता है। यदि आप डांस में इच्छुक हैं तो बता दें कि आपके पास डांस फॉर्म चुनने का विकल्प है और सभी डांस फॉर्म के ढेरों फायदे हैं। उदाहरण के लिए, बैले डांस लचीलापन बढ़ाता है जबकि जैज मांसपेशियों की मजबूती और दक्षता में सुधार करता है।

(वीडियो देखें : बेस्ट डांस वर्कआउट वीडियो)

संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार करता है डांस - Dancing improves cognitive ability in Hindi

अध्ययनों से पता चला है कि डांस शरीर के संज्ञानात्मक कार्यों को बेहतर करता है। इन कार्यों में सोचना समझना, याद रखना, निर्णय लेना और फोकस करना शामिल है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि डांस मस्तिष्क के उन हिस्सों को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो याद्दाश्त और कौशल को नियंत्रित करते हैं।

कैलोरी बर्न करने में मदद करता है डांस वर्कआउट - Dancing burn calories in Hindi

अध्ययनों से पता चला है कि यदि 30 मिनट तक डांस वर्कआउट किया जाए तो लगभग 120 से 250 कैलोरी कम करने में यह मदद कर सकता है। बता दें, यह लगभग 30 मिनट तक किए गए दौड़ (जॉगिंग) से होने वाले लाभ के बराबर है। ज़ुम्बा या जैज का 30 मिनट का सेशन आपके मूड को बेहतर बना सकता है और अतिरिक्त कैलोरी को भी कम कर सकता है।

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हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद - Dancing improves cardiovascular health in Hindi

जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, माना जाता है कि यदि हृदय रोगी दिन में तीन बार सिर्फ 20 मिनट के लिए डांस प्रैक्टिस करें तो, उनमें कार्डियो वर्कआउट करने वालों की तुलना में तेजी से हृदय स्वास्थ्य में सुधार पाया गया है। डॉक्टरों का मानना है कि नियमित रूप से कार्डियो एक्सरसाइज की तुलना में डांस एक मजेदार एक्टिविटी है।

(और पढ़ें : हार्ट के लिए कार्डियो एक्सरसाइज)

हड्डियों को बनाए मजबूत - Dancing for bone health in Hindi

वैज्ञानिकों ने पाया है कि डांस करने से स्केलेटल (अस्थिपंजर) की संरचना और ​हड्डियों का घनत्व मजबूत होता है। दूसरे कठिन एक्सरसाइज की अपेक्षा डांस वेट बीयरिंग एक्सरसाइज (जिसमें चलना, लंबी पैदल यात्रा, टहलना, सीढ़ियां चढ़ना, टेनिस खेलना आदि शामिल हैं) है जो कि हड्डियों और मांसपेशियों दोनों को मजबूत बनाने में मदद करती है।

(और पढ़ें : हड्डियों को मजबूत बनाने के घरेलू उपाय)

मानसिक स्वास्थ्य में करे सुधार - Dancing improves mental health in Hindi

खुद को व्यक्त करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है डांस करना। डांस आपको रोजमर्रा के जीवन के तनाव से बाहर निकलने में मदद करता है। डांस से शरीर में एंडोर्फिन जैसे अच्छा महसूस कराने वाले हार्मोन भी रिलीज होते हैं, जिससे आप तनाव-मुक्त महसूस करते हैं। इसलिए नियमित रूप से डांस करने से तनाव और चिंता का स्तर कम होता है और आपकी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होता है।

(और पढ़ें : मानसिक रूप से मजबूत कैसे बनें)

आप इस सोच में पड़ सकते हैं कि आखिर बच्चों को डांस कैसे सिखाया जाए या उन्हें किसी संगीत की धुन पर कैसे मूवमेंट करने को कहा जाए, क्योंकि यह तो काफी कठिन लगता है। लेकिन बता दें, यदि आप ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हो सकते हैं।

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जब बच्चे गर्भ में भ्रूण के रूप में होते हैं, तो वे संगीत को समझने की कोशिश करते हैं। जब वे पैदा होते हैं और बड़े होने लगते हैं, तो उनके अंदर संगीत के प्रति रुचि स्वाभाविक रूप से आ जाती है। यही कारण है कि छोटी उम्र के बच्चे भी डांस क्लासेस या डांस वर्कआउट में सहज महसूस करते हैं और उन पर डांस का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जिनके माध्यम से डांस बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है :

  • यह बच्चों में जागरूकता और गतिविधियों में समन्वय बनाने का एक मजेदार तरीका है
  • यह बच्चों के शरीर को मजबूत और संतुलन में सुधार करता है
  • यह बच्चे को कम उम्र से ही स्वस्थ दिल और फेफड़ों की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है (और पढ़ें : फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं)
  • इसमें लय के अनुसार डांस करने के लिए मस्तिष्क के दोनों किनारों को उत्तेजित होने की आवश्यकता होती है, यही वजह है कि डांस बच्चों में उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करता है, विशेषकर यादद्श्त, समझ और फोकस को बढ़ाने में मददगार है।
  • डांस एक सामाजिक गतिविधि है। इसे समूह में भी किया जा सकता है इससे समाजीकरण कौशल में सुधार होता है।
  • चूंकि डांस एक बेहतरीन कसरत है, यह बच्चे को फिट रखता है और बचपन में मोटापे जैसी समस्याओं से बचाता है।

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सभी एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियों के विभिन्न रूपों की तरह, डांस में भी कुछ जोखिम कारक हैं, जो कई बार शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ सकते हैं:

यदि आप किसी प्रोफेशनल की मदद लेते हैं तो, इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति रुमेटाइड गठिया, गठिया, हाई बीपी और हृदय रोग से ग्रसित है तो बेहतर होगा कि आप डांस प्रैक्टिस से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।

(और पढ़ें : एक्सरसाइज के दौरान चोट का इलाज)

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डांस वर्कआउट ऐसी चीज नहीं है कि आप तुरंत​ बिना सोचे समझे इसे करने लग जाएं। भले ही यह मजेदार है लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। चूंकि इसमें जोखिम भी है इसलिए डांस करने से पहले यह सुनिश्चित करने की जरूरत होती है कि आपको जोखिम कम और लाभ अधिक हों।

  •  डॉक्टर से बात करें : किसी भी प्रकार का व्यायाम करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ऐसे में पूरे शरीर की जांच करवानी चाहिए, ताकि किसी अंतर्निहित परेशानी का पता चल सके।
  • डांस फॉर्म के चयन में बरतें सावधानी : यदि आप डांस में रुचि रखते हैं तो इसे रूटीन में शामिल करने से पहले कुछ रिसर्च कर लें। स्वास्थ के प्रति आपके क्या टारगेट हैं या कौन-सा डांस फॉर्म आपके लिए ज्यादा से ज्यादा फायदेमंद होगा, इस पर छोसा सा ही सही लेकिन शोध करना जरूरी है।
  • प्रोफेशनल की लें मदद : सही प्रशिक्षक के मार्गदर्शन की मदद से आपको अधिकतम लाभ हो सकता है और चोट का जोखिम भी ना के बराबर होता है।
  • धीरे-धीरे करें शुरुआत : यदि आपने पहले डांस या किसी अन्य तरह की एक्सरसाइज नहीं की है, तो ऐसे में धीरे-धीरे डांस की शुरुआत करें। इससे शरीर को डांस के प्रति सहज होने और लचीलापन आने में मदद मिलेगी। शुरू में तेज या अधिक तीव्रता वाली एक्सरसाइज या डांस करने से मोच और चोट का जोखिम रहता है। एक बार जब शरीर डांस के प्रति व्यवहारिक या आदी हो जाएगा तो आप प्रोफेशनल की मदद से इसकी तीव्रता में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

(और पढ़ें : शरीर के लचीला बनाने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज)

संदर्भ

  1. Arthritis Foundation [Internet]. Atlanta. Georgia. Dance-Based Fitness Classes.
  2. MedilinePlus [Internet] US National Library of Medicine. Bethesda. Maryland. Dance your way to fitness.
  3. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Common Dance Injuries and Prevention Tips
  4. Barranco-Ruiz, Yaira. et al. Dance Fitness Classes Improve the Health-Related Quality of Life in Sedentary Women. Int J Environ Res Public Health. 2020 Jun; 17(11): 3771. PMID: 32466496
  5. Bremer, Zoe. Dance as a form of exercise. Br J Gen Pract. 2007 Feb 1; 57(535): 166. PMID: 17263946
  6. Rehfeld, Kathrin. et al. Dance training is superior to repetitive physical exercise in inducing brain plasticity in the elderly. PLoS One. 2018; 13(7): e0196636. PMID: 29995884
  7. Watson, Todd. et al. DANCE, BALANCE AND CORE MUSCLE PERFORMANCE MEASURES ARE IMPROVED FOLLOWING A 9-WEEK CORE STABILIZATION TRAINING PROGRAM AMONG COMPETITIVE COLLEGIATE Dancers. Int J Sports Phys Ther. 2017 Feb; 12(1): 25–41. PMID: 28217414
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