अलग-अलग दिनों में शरीर की अलग-अलग मांसपेशियों के समूह के लिए किए जाने वाले व्यायामों के दिन अब पुराने होते जा रहे हैं। ऐसे अभ्यासों में काफी समय भी लग जाता है। इन व्यायामों के विकल्प के तौर पर वेटेड कंपाउंड एक्सराइज अब काफी तेजी से लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन व्यायामों से एक ही समय में कई मांसपेशियों को लक्षित किया जा सकता है, जिससे मांसपेशियों पर असर तो अधिक होता ही है, साथ ही समय की भी बचत होती है। यहां हम आपको वेटेड कंपाउंड एक्सराइज के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप दैनिक व्यायामों में शामिल कर लाभ उठा सकते हैं। कंपाउंड बॉडीवेट एक्सरसाइजों की ही तरह इन अभ्यासों के भी 10-15 रैप के 3 के सेट किए जा सकते हैं।
बेंच प्रेस व्यायाम
इस अभ्यास के दौरान एक बेंच पर लेटकर डम्बल या बारबेल को उठाना होता है। बेंच प्रेस की सभी विविधताएं, चाहे वो फ्लैट बेंच प्रेस हो या इंक्लाइन या फिर डेक्लाइन, सभी कंपाउंड व्यायामों के अंतर्गत आते हैं। ये सभी व्यायाम एक समय में शरीर की कई मांसपेशियों को लक्षित करते हैं।
किन मांसपेशियों पर होता है असर
छाती, कंधे, ट्राइसेप्स और कोर
किन चरणों में करें यह व्यायाम
- सबसे पहले एक सपाट बेंच पर पीठ के बल लेट जाएं। सिर के नीचे तकिया लगा सकते हैं।
- हाथों को कंधों से थोड़ी चौड़ाई पर रखते हुए बारबेल पर अच्छी ग्रिप बनाएं।
- अब अपनी बाहों को सीधा करते हुए रैक से बारबेल को उठाएं और अपनी छाती के ऊपर की ओर लाएं।
- अब धीरे-धीरे अपनी कोहनी को मोड़ते हुए बारबेल को नीचे की ओर लाएं और इसे अपने सीने के मध्य भाग से स्पर्श कराएं।
- अब अपनी कोहनियों को सीधा करके हुए इसे ऊपर की ओर धक्का दें। पूरे व्यायाम के दौरान अपनी पीठ को बेंच से उठने ने दें। यह एक रैप है।
शोल्डर प्रेस व्यायाम
इस व्यायाम को ओवरहेड या मिलिट्री प्रेस के नाम से भी जाना जाता है। शोल्डर प्रेस एक शानदार कंपाउंड एक्सरसाइज है, खासकर तब जब इसे खड़े होकर किया जाए। सिर के ऊपर की ओर वजन उठाना इतना आसान नहीं होता है। इस अभ्यास के दौरान आपके कंधे, ट्राइसेप्स और कोर मांसपेशियों का एक साथ व्यायाम होता है।
किन मांसपेशियों पर होता है असर
कंधे, ट्राइसेप्स और कोर
किन चरणों में करें व्यायाम
- पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से थोड़ा दूरी पर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं।
- कंधों के समानांतर बारबेल को उसी तरह से पकड़ें जैसे फ्रंट स्क्वॉट के दौरान पकड़ते हैं।
- अब अपनी कोहनियों को सीधा करते हुए बारबेल को ऊपर की उठाएं और उसी अवस्था में एक से दो सेकंड के लिए रुकें। पूरे व्यायाम के दौरान अपनी पीठ को सीधा रखें।
- धीरे-धीरे बारबेल को कंधे के स्तर तक वापस लाएं। यह एक रैप है।
डेडलिफ्ट्स
यह व्यायाम देखने में तो कठिन लग सकता है, लेकिन शरीर की कई मांसपेशियों के एक साथ व्यायाम के लिए शानदार अभ्यास है। इसको करने के दौरान शरीर की कई मांसपेशियां एक साथ काम कर रही होती हैं, जिससे कोर मांसपेशियों में मजबूती के साथ स्थिरता और शारीरिक मुद्रा में सुधार आता है। इस दौरान शरीर के पीछे की सभी मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होता है।
डेडलिफ्ट व्यायाम करते समय सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर इसे सही रूप में नहीं किया गया तो वर्कआउट इंजरी का जोखिम हो सकता है। हल्के वजन के साथ इस व्यायाम की शुरुआत करें और अभ्यस्त हो जाने के बाद ही वजन बढ़ाएं।
किन मांसपेशियों पर होता है असर
पीठ, कूल्हे, ग्लूट्स, जांघें और कोर
किन चरणों में करें यह व्यायाम
- सबसे पहले पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से थोड़ी दूर करते हुए खड़े हो जाएं।
- पीठ को सीधा रखते हुए अपने घुटनों को मोड़ें। अब सामने रखे बारबेल पर ग्रिप बनाएं और कूल्हों को पीछे करें।
- सामने की ओर देखें, पीठ को सीधा रखें और बारबेल को उठाते समय पैरों को जमीन पर स्थिर रखें।
- अब पीठ या कोहनी को बिना मोड़े सीधे खड़े हो जाएं। इस स्थिति में बारबेल आपकी जांघों के सामने होनी चाहिए। एक या दो सेकंड के लिए ऐसे ही रुकें।
- धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए कूल्हे को पीछे करें और पूर्ववत स्थिति में आ जाएं। यह एक रैप है।
बारबेल हिप थ्रस्ट्स
बारबेल हिप थ्रस्ट हाल ही में लोकप्रिय हुआ एक बेहतरीन कंपाउंड व्यायाम है। शरीर के पीछे की मांसपेशियों जैसे पीठ, ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग के लिए यह काफी लाभदायक माना जाता है। तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो अगर डेडलिफ्ट को सही ढंग से नहीं किया जाता तो हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों में अधिक सक्रियता नहीं दिखती है। साथ ही इसका सारा दबाव जांघों के सामने की ओर पड़ता है। हालांकि, हिप थ्रस्ट्स का पूरा प्रभाव ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों पर ही पड़ता हैं। इस अभ्यास के लिए प्रशिक्षक की सहायता लेना बेहतर माना जाता है।
किन मांसपेशियों पर होता है असर
पीठ, कोर, कूल्हे, हैमस्ट्रिंग और क्वॉड्रिसेप्स
किन चरणों में करें यह व्यायाम
- एक फ्लैट बेंच पर आधे लेट जाएं। मतलब आपकी पीठ और कंधे बेंच पर रहें, जबकि पैरों को जमीन पर रखें।
- अब अपने पेड़ू पर एक तकिया रखते हुए उस पर बारबेल को रखें। दोनों हाथों से अच्छी ग्रिप बनाए रखें।
- अपने ग्लूट्स और कूल्हों की मदद से ऊपर की ओर धक्का दें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में रुकें। फिर पूर्ववत स्थिति में आएं। यह एक रैप है।
फार्मर्स कैरी
इस व्यायाम के दौरान दोनों हाथों में वजन वाले डंबल लेकर चलने से एक ही समय में शरीर की कई मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न किया जा सकता है।
किन मांसपेशियों पर होता है असर
कंधे, पीठ, हाथ, ग्लूट्स और पैर
किन चरणों में करें यह व्यायाम
- दोनों हाथों में डंबल या केटलबेल लेकर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब कमरे के एक से दूसरे छोर तक तेज गति से चलें। इस दौरान पीठ को बिल्कुल सीधा रखें, कंधों पर पूरा भार रखते हुए सामने की ओर देखें।
- कम से कम 30 सेकंड या जितना आपकी क्षमता हो, चलते रहें। इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं।
थ्रस्टर्स
स्क्वॉट्स और शोल्डर प्रेस कठिन अभ्यासों में माने जाते हैं। थ्रस्टर इन व्यायामों से दोगुना कठिन हैं। इस व्यायाम में आप स्क्वाट्स और शोल्डर प्रेस दोनों के ही लाभ ले सकते हैं। इस व्यायाम को बारबेल, डम्बल या केटलबेल के साथ किया जा सकता है।
किन मांसपेशियों पर होता है असर
कंधे, ट्राइसेप्स, पीठ, कोर, कूल्हे और पैर
कैसे करें यह व्यायाम
- छाती को आगे करते हुए सीधे खड़े हो जाएं, घुटनों को थोड़ा झुकाकर रखें। कंधों पर बारबेल को रखते हुए स्क्वॉट जैसी स्थिति बनाएं।
- अब अपने घुटनों को झुकाते हुए फ्रंट स्क्वाट की तरह कूल्हों को पीछे करें और पीठ को सीधा रखें। जांघों को फर्श के समानांतर रखें।
- अब पैरों पर तेज बल का प्रयोग करते हुए घुटनों को सीधा करें और ऊपर की ओर आएं।
- इसी व्यायाम के दौरान हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए शोल्डर प्रेस व्यायाम भी करें। यह एक रैप है।