शरीर में मौजूद बाकी मांसपेशियों की तरह ही हमारा दिल भी एक मांसपेशी ही होता है जिसे अलग-अलग रक्त वाहिकाएं ऑक्सीजन युक्त खून सप्लाई करती हैं। अगर दिल को पर्याप्त खून या ऑक्सीजन नहीं मिल पाते, तो वह ठीक से काम नहीं कर पाता और व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ जाता है।

हार्ट अटैक एक आपातकालीन स्थिति होती है जिसके लिए तुरंत अस्पताल जाना अनिवार्य होता है, नहीं तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

इस लेख में हार्ट अटैक क्या है, हीट अटैक आने पर क्या महसूस होता है, खुद को या किसी और को दिल का दौरा पड़ने पर मदद कैसे करें और दिल का दौरा आने पर क्या नहीं करना चाहिए के बारे में बताया गया है।

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  1. हार्ट अटैक क्या है - Heart attack kya hota hai
  2. दिल का दौरा पड़ने के दौरान क्या होता है - Heart attack aane par kya hota hai
  3. दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें - Heart attack aane par kya kare
  4. हार्ट अटैक आने पर क्या न करें - Heart attack aane par kya nahi karna chahiye

हार्ट अटैक का मतलब कि हृदय को ऑक्सीजन युक्त खून सप्लाई करने वाली रक्त वाहिका में फैट, हाई कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थ जमने के कारण उसका मार्ग संकुचित हो गया है और दिल को पर्याप्त खून नहीं मिल पा रहा। इस स्थिति में दिल को नुक्सान पहुंचता है और वह ठीक से काम नहीं कर पाता।

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दिल का दौरा पड़ने पर आमतौर पर 10-15 मिनट या उससे अधिक समय के लिए छाती में दर्द होता है। काफी लोगों को कई घंटों, दिनों और हफ़्तों पहले ही हार्ट अटैक के लक्षण अनुभव होने लगते हैं। हालांकि, ऐसा भी हो सकता है कि हार्ट अटैक आने पर कोई लक्षण या संकेत न हो।

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एनजाइना से ग्रस्त लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। इसमें हृदय को पर्याप्त खून नहीं मिलता जिससे छाती में दर्द होता है। ये दर्द कोई शारीरिक काम करते समय बढ़ जाता है और आराम करते समय या दवा लेने से ठीक हो जाता है।

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हार्ट अटैक का सबसे पहला संकेत होता है बार-बार छाती में दर्द होना जो कोई काम करने से शुरू होता है और आराम करने से ठीक हो जाता है।

बहुत से लोग हार्ट अटैक आने के बाद सही उपचार लेने से पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं इसीलिए ये महत्वपूर्ण है कि अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है तो उसे सही प्राथमिक उपचार और समय पर अस्प्ताल ले जा कर सही इलाज दिया जाए, नहीं तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

(और पढ़ें - हार्ट अटैक आने के बाद क्या खाएं)

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हार्ट अटैक आने पर आमतौर पर 15 मिनट या उससे अधिक समय तक सीने में दर्द होता और कई लोगों को कुछ घंटों, दिनों और हफ़्तों पहले ही हार्ट अटैक के संकेत मिलने लग जाते हैं, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि व्यक्ति को महसूस ही न हो।

हर व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने पर अलग-अलग लक्षण होते हैं। महिलाओं, बूढ़े लोगों और शुगर की समस्या से ग्रस्त लोगों को हार्ट अटैक के लक्षण कम होते हैं।

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नीचे ये बताया गया है कि दिल का दौरा पड़ने पर क्या महसूस होता है -

किसी और को हार्ट अटैक आने पर मदद कैसे करें - Kisi ko dil ka daura padne par madad kaise kare

सबसे पहले उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की कोशिश करें। अगर ये संभव नहीं है, तो एम्बुलेंस को फोन करें और व्यक्ति के साथ ही रहें। मदद मिलने तक आप निम्नलिखित तरीके से व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं -

  • अगर व्यक्ति होश में है, तो उससे पूछ लें कि कहीं उसे एस्पिरिन (Aspirin) से एलर्जी तो नहीं है या उसे डॉक्टर ने एस्पिरिन लेने के लिए मना तो नहीं किया है।
  • अगर व्यक्ति को एलर्जी नहीं है, तो उसे एस्पिरिन चबाने के लिए दें। (और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट क्या होता है)
  • अगर व्यक्ति का दिल धड़क नहीं रहा है, तो उसे सीपीआर देना शुरू करें।
  • अगर आपको सीपीआर देना नहीं आता है, तो अपने हाथ व्यक्ति की छाती पर रख कर एक मिनट में 100 से 120 बार उसकी छाती दबाएं।
  • अगर आस-पास “डीफिब्रिलेटर” (Defibrillator: करंट द्वारा दिल की अनियमित धड़कन को सामान्य करने वाला एक उपकरण) मौजूद हो, तो उसका उपयोग करें।

किसी भी स्थिति में मदद आने से पहले व्यक्ति को अकेला छोड़ कर न जाएं।

खुद को दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें - Khud ko asthma attack aane par kya kare

हार्ट अटैक को एकदम से रोकने का कोई तरीका नहीं है। अगर आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो आपको तुरंत एम्बुलेंस को बुलाना चाहिए। खुद अस्पताल जाने का प्रयास केवल तब ही करें जब और आपके आस-पास कोई न हो और आप खुद अस्पताल जाने की हालत में हों।

जब तक मदद नहीं मिलती, तब तक आप निम्नलिखित तरीके से अपना प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -

  • अगर आपको एस्पिरिन (Aspirin) से एलर्जी नहीं है या डॉक्टर ने मना नहीं किया है, तो तुरन्त एक एस्पिरिन खा लें। दिल को खून सप्लाई करने वाली रक्त वाहिका में खून के थक्के या गांठ बनने के कारण दिल का दौरा पड़ता है क्योंकि इससे दिल को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता। एस्पिरिन इस गांठ को बढ़ने से रोकती है ताकि दिल को और नुकसान न हो।
  • हो सके तो अपने घर या आप जहां भी मौजूद हैं वहां का दरवाजा खोल दें, ताकि अगर आप बेहोश हो जाएं तो मदद के लिए आप तक आसानी से पहुंचा जा सके।
  • इसके बाद आराम से लेट जाएं। कोई भी काम करते समय दिल को अधिक खून पम्प करने की आवश्यकता होती है, और अगर दिल में पहले से ही खून की कमी हो रही हो तो कोई भी काम करना आपकी समस्या को और खतरनाक बना सकता है।

(और पढ़ें - हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर)

अगर आपको लगता है कि आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  • लक्षणों का अपने आप ठीक हो जाने का इंतजार न करें, तुरंत मदद बुलाएं या अस्पताल जाएं।
  • बार-बार खांसी न करें। (और पढ़ें - खांसी के लिए घरेलू उपा)
  • व्यक्ति को किसी भी हाल में अकेला न छोड़ें।
  • खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल जाने का प्रयास न करें।
  • व्यक्ति को एस्पिरिन के अलावा कुछ भी खाने के लिए न दें।
  • अगर व्यक्ति का दिल धड़क रहा है, तो उसे सीपीआर न दें।
     

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है। 

संदर्भ

  1. Health Harvard Publishing: Harvard Medical School [Internet]. Harvard University, Cambridge. Massachusetts. USA; The danger of “silent” heart attacks.
  2. The British Red Cross Society [Internet]. UK; Learn first aid for someone who may be having a heart attack
  3. St John Ambulance [Internet]. Order of Saint John. London. UK; Heart attack
  4. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; What to do in an emergency
  5. The National Heart Foundation of Australia [Internet]. Australia; Heart attack symptoms
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