सीने में दर्द महसूस हुआ, तो घबराहट हो गई कि कहीं हार्ट अटैक तो नहीं आया है. यह हार्ट अटैक नहीं, बल्कि हार्ट बर्न भी हो सकता है. असल में हार्ट अटैक और हार्ट बर्न दोनों में सीने में दर्द महसूस होता है, जिस कारण से इन दोनों को एक ही समझने की गलती की जाती है, जबकि ऐसा नहीं है. हार्ट अटैक और हार्ट बर्न दोनों में जमीन और आसमान का अंतर है. जहां, हार्ट अटैक एक रोग, तो वहीं हार्ट बर्न एक लक्षण है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि हार्ट अटैक और हार्ट बर्न में क्या अंतर होता है -

(और पढ़ें - हार्ट अटैक को रोकने के लिए दवा)

  1. हार्ट अटैक क्या है?
  2. हार्ट अटैक के लक्षण
  3. हार्ट बर्न क्या है ?
  4. हार्ट बर्न के लक्षण
  5. हार्ट अटैक और हार्ट बर्न में क्या अंतर है?
  6. सारांश
हार्ट अटैक और हार्ट बर्न में अंतर के डॉक्टर

हार्ट अटैक कोरोनरी आर्टरीज में होने वाले रोग से होता है. ये रक्त वाहिकाएं दिल को खून पहुंचाने का काम करती हैं. जब दिल को पर्याप्त मात्रा में खून और ऑक्सीजन नहीं मिलता है और दिल की मांसपेशियों में खून की सप्लाई पर्याप्त रूप में नहीं होती है, तो यह हार्ट अटैक कहलाता है. हार्ट अटैक आने पर दिल की धड़कन बंद हो सकती है. इस स्थिति को कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है. कार्डियक अरेस्ट वाला व्यक्ति रीस्पॉन्स नहीं देता है और उसकी नाड़ी भी नहीं होती है. 

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हार्ट अटैक के निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं -

यहां यह बात जानना जरूरी है कि सभी हार्ट अटैक के लक्षण एक जैसे नहीं होते हैं. ये लक्षण मामूली या गंभीर हो सकते हैं. कुछ लोगों को तो कोई लक्षण महसूस ही नहीं होता है. चेस्ट में दर्द बिल्कुल बीच में या हल्का बाईं ओर हो सकता है. दर्द और जगहों पर भी फैल सकता है, जैसे एक या दोनों हाथ, गर्दन, ठोड़ी या पीठ के बीच वाले हिस्से में.

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सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि हार्ट अटैक की तरह हार्ट बर्न कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण है. हार्ट बर्न होने पर जलन जैसा दर्द होता है, जिसका कारण एसिड रिफ्लक्स (acid reflux) है. यह दर्द पेट के ऊपरी हिस्से में शुरू होकर चेस्ट तक पहुंच जाता है. एसिड रिफ्लक्स में पेट में मौजूद खाना भोजन की नली में वापस आ जाता है.

पेट लाइनिंग को एसिड से बचाने के लिए म्यूकस का निर्माण करता है, जिसका इस्तेमाल डाइजेशन में मदद करने के लिए किया जाता है. भोजन नली में यह सुरक्षा नहीं होती है, इसलिए एसिड रिफ्लक्स इसकी लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि, कई लोगों के लिए एसिड रिफ्लक्स इस तरह के नुकसान का कारण नहीं बनता है. एसिड रिफ्लक्स वाले लोगों को दर्द क्यों होता है, यह अब तक समझ नहीं आया है.

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हार्ट बर्न के लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते हैं -

  • चेस्ट में जलन वाला दर्द
  • अमूमन खाने के बाद दर्द
  • गले में भी जलन के साथ दर्द
  • खट्टा स्वाद
  • मतली

(और पढ़ें - हार्ट अटैक को रोकने के लिए दवा)

यह सच है कि कई बार यह समझ पान मुश्किल हो जाता है कि चेस्ट में होने वाला दर्द हार्ट अटैक की वजह से हो रहा है या हार्ट बर्न की वजह से. कई तरह के टेस्ट करने के बाद डॉक्टर इसके बारे में पता लगाते हैं. कई बार तो डॉक्टर के लिए भी हार्ट अटैक और हार्ट बर्न दोनों में अंतर कर पाना मुश्किल होता है. बावजूद इसके नीचे कुछ लक्षण दिए जा रहे हैं, जो हार्ट अटैक और हार्ट बर्न के मुख्य अंतर हैं -

  • भोजन करने और लेटने के बाद हार्ट बर्न की स्थिति और बुरी हो जाती है, जबकि हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है.
  • हार्ट बर्न को दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, इससे पेट में एसिड का स्तर कम हो सकता है.
  • हार्ट अटैक में ब्लोटिंग नहीं होती है, जो कि हार्ट बर्न में हो सकती है.
  • हार्ट अटैक में सांस लेने में तकलीफ होती है.
  • हार्ट बर्न में गले में जलन वाला दर्द होता है, जबकि हार्ट अटैक में गर्दन, ठोड़ी या पीठ में दर्द या डिसकम्फर्ट हो सकता है. 

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हार्ट अटैक और हार्ट बर्न का एक मुख्य और आम लक्षण चेस्ट में दर्द है, लेकिन इन दोनों के अधिकतर अलग-अलग लक्षण ही होते हैं. जहां हार्ट अटैक एक रोग है, तो वहीं हार्ट बर्न सिर्फ एक लक्षण है. यदि किसी को भी अचानक सीने में दर्द या शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द या डिसकम्फर्ट महसूस हो, तो उसी समय डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए.

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