कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षणों की बात करें तो यह काफी हद तक सामान्य फ्लू से मिलता-जुलता है क्योंकि दोनों ही बीमारियों में मरीज को बुखार, खांसी, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 इंसान से इंसान में सीधे फैलती है, दूषित सतह को छूने से फैलती है या फिर अगर किसी एक व्यक्ति को है तो पूरी कम्यूनिटी में यह संक्रमण फैल सकता है। यही वजह है कि लोगों को अपने-अपने घरों के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है। साथ ही दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखने की हिदायत भी दी गई है।
28 मार्च 2020 के आंकड़ों की मानें तो दुनियाभर में कोविड-19 के संक्रमण के मामले 7 लाख से ज्यादा हो चुके हैं जबकी मरने वालों की संख्या 33 हजार से ज्यादा हो गई है। दुनियाभर में कोविड-19 से मरने वाले लोगों में करीब 90 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहले से कोई न कोई बीमारी जरूर थी और इनमें भी 40 प्रतिशत लोग हृदय रोग से पीड़ित थे। 17 मार्च 2020 को आयी चीन की पब्लिक हेल्थ रिपोर्ट की मानें तो कोविड-19 की वजह से मरने वाले 355 में से 33 प्रतिशत लोगों को पहले से हार्ट डिजीज थी।
चूंकि अब तक डॉक्टरों ने इसका कोई कारण नहीं बताया है, इसलिए लोगों में इस बात को लेकर कई तरह के सवाल हैं। आखिर क्यों हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में कोविड-19 इंफेक्शन होने पर लक्षण गंभीर हो जाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको यही बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है।