हवा लगना क्या है?
हवा लगने का मतलब है लंबे समय तक तेज व ठंडी हवा में रहने के कारण त्वचा लाल हो जाना। ये समस्या सर्दी के मौसम में होती है क्योंकि तब हवा में नमी नहीं होती। ठंडी हवा के कारण त्वचा को नम रखने वाली तेल की एक पतली परत उतर जाती है, जिसके कारण सूरज की यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगती हैं।
हवा लगने को अंग्रेजी में विंडबर्न (Windburn) कहते हैं और ये स्थिति सनबर्न जैसी दिखती है, लेकिन सनबर्न सूरज की किरणों से होता है व विंडबर्न हवा से।
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हवा लगने के लक्षण क्या हैं?
विंडबर्न शरीर की उस त्वचा पर होता है जो ठंडे मौसम में ढकी नहीं होती। इसमें त्वचा लाल व सूखी हो जाती है और त्वचा में दर्द, त्वचा की परत निकलना व अन्य समस्याएं होने लगती हैं। अगर आपको ये लक्षण शरीर के किसी ऐसे भाग में अनुभव हो रहे हैं जो ढका हुआ है, तो ये त्वचा की कोई अन्य समस्या हो सकती है।
हवा लगने की समस्या क्यों होती है?
हवा लगने का एक मुख्य कारण सनबर्न माना जाता है और कई लोग सनबर्न व विंडबर्न को एक ही मानते हैं। सर्दी के मौसम में लोगों को सनस्क्रीन की आवश्यकता महसूस नहीं होती, लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सर्दी के मौसम में भी सूरज की किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बर्फ, सूरज की किरणों को रिफ्लेक्ट कर देती है, जिससे ठंड के मौसम में आपको हवा लगने का खतरा दोगुना हो जाता है।
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हवा लगने का इलाज कैसे होता है?
हवा लगने का सबसे असरदार उपाय होता है त्वचा को नम रखने के लिए एलोवेरा या मॉइस्चराइजर को दिन में बार-बार लगाएं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि त्वचा पर लगाने वाली क्रीम बिना खुशबू वाली होनी चाहिए। दर्द के लिए पेन किलर दवाएं भी ली जा सकती हैं।
अगर हवा लगने के कारण आंखें भी प्रभावित हुई हैं, तो उन्हें नम करने के लिए आई ड्रॉप्स डाली जा सकती हैं। हवा लगने पर डॉक्टर रोगी को गर्म पानी से नहाने के लिए मना करते हैं और प्रभावित क्षेत्र को गर्मी वाली जगह से दूर रखने की सलाह देते हैं।
इसके अलावा अगर आपकी त्वचा की परत उतर रही है, तो उसे छीलें नहीं और उसे किसी हलके क्लीनर से साफ करें। इसके अलावा अगर त्वचा पर छाले या सूजन हैं, तो डॉक्टर के पास जाएं।
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