प्रीडायबिटीज होने का मतलब यह नहीं है कि आपको मधुमेह होने वाला है, इस लिए इस स्थिति को शुरू में ही ठीक कर लेना सबसे अच्छा रहता है। अपने आहार और जीवनशैली की आदतों में बदलाव करने से बड़ा अंतर आ सकता है।
प्रीडायबिटीज वह स्थिति है जहां रक्त में शर्करा सामान्य से अधिक होता है लेकिन इतना अधिक नहीं होता कि इसे टाइप 2 मधुमेह के रूप में पहचाना जा सके। प्रीडायबिटीज का सटीक कारण तो अभी तक पता नहीं, लेकिन यह इंसुलिन प्रतिरोध से जोड़ कर देखा जाता है। यह तब होता है जब कोशिकाएं हार्मोन इंसुलिन पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देती हैं।
अग्न्याशय इंसुलिन का उत्पादन करता है, जो शर्करा (ग्लूकोज) को कोशिकाओं में प्रवेश करने की अनुमति देता है। जब शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं करता है, तो रक्तप्रवाह में शर्करा जमा हो सकती है। प्रीडायबिटीज में आप सामान्यतः कोई लक्षण तो नहीं देखते लेकिन कुछ लोगों में बगल, गर्दन और कोहनी के आसपास की त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है।
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एक साधारण रक्त परीक्षण प्रीडायबिटीज का निदान कर सकता है। इसे फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (एफपीजी) परीक्षण कहते हैं । अगर ये 100 और 125 के बीच आए तो प्रीडायबिटीज का संकेत दे सकते हैं। डॉक्टर A1C परीक्षण का भी उपयोग कर सकता है, जो 3 महीने तक आपके रक्त में शर्करा की निगरानी करता है। 5.7 और 6.4 प्रतिशत के बीच परीक्षण परिणाम भी प्रीडायबिटीज का संकेत दे सकते हैं।
हालाँकि, प्रीडायबिटीज निदान का मतलब यह नहीं है कि आपको टाइप 2 मधुमेह हो ही जाएगा। कुछ लोगों ने अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करके प्रीडायबिटीज को सफलतापूर्वक रिवर्स कर दिया है , आप भी इन तरीकों को अपना सकते हैं -